भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव-2022 में सम्बोधन

कुरुक्षेत्र में, अत्यंत पावन ब्रह्म-सरोवर के तट पर आयोजित, इस अंतरराष्ट्रीय गीता जयन्ती महोत्सव में शामिल होकर मुझे आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति हो रही है। यह लोक-मान्यता मुझे रोमांचित करती है कि इसी क्षेत्र में, सरस्वती नदी के तट पर, वेदों और पुराणों को लिपिबद्ध किया गया था। इसे मैं भगवान श्री कृष्ण का वरदान मानती हूं कि राष्ट्रपति के रूप में, हरियाणा की अपनी पहली यात्रा को, मुझे इस धर्म-क्षेत्र से आरंभ करने का अवसर प्राप्त हुआ है। महाभारत के वन-पर्व में इस क्षेत्र की तुलना स्वर्ग से की गई है:

ये वसन्ति कुरुक्षेत्रे ते वसन्ति त्रिविष्टपे

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का महिला स्व-सहायता समूह सम्मेलन में सम्बोधन

मध्य प्रदेश में आयोजित इस महिला केन्द्रित सम्मेलन में आकर, यहां की महिला विभूतियों, वीरांगना दुर्गावती, अहिल्या बाई होल्कर, वीरांगना अवन्ती बाई और रानी कमलापति जैसी महान महिलाओं का स्मरण होना स्वाभाविक है। उनकी वीरता और उत्कृष्ट शासन की गाथाएं देश के इतिहास, विशेषकर मध्य प्रदेश के इतिहास के गौरवशाली अध्याय हैं। हमारे आधुनिक लोकतन्त्र को दिशा प्रदान करने वाली महिलाओं में मध्य प्रदेश की सुपुत्री श्रीमती सुमित्रा महाजन जी का नाम बहुत सम्मान के साथ लिया जाता है। भारत के और मध्य प्रदेश के विकास में, ऐसी असंख्य महिलाओं का अमूल्य योगदान रहा है। आज के इस महिला सम्मेलन के आरंभ में, मैं मध्य प्रदेश त

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का मध्य प्रदेश में नागरिक अभिनन्दन समारोह के अवसर पर सम्बोधन

राष्ट्रपति बनने के बाद मध्य प्रदेश की मेरी यह पहली यात्रा है। आज आप सबके स्नेह और स्वागत से मैं अभिभूत हूं। मैं राज्य के लगभग साढ़े आठ करोड़ निवासियों को धन्यवाद देती हूं और उन सभी की समृद्धि की मंगल कामना करती हूं। आज के इस आयोजन के लिए मैं राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल जीऔरमुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी को धन्यवाद देती हूं।

भारतीय संस्कृति और देश की विकास यात्रा में मध्य प्रदेश के लोगों ने अमूल्य योगदान दिया है। मैंपुण्य-सलिला मांनर्मदा के जल से सिंचित इस पावन धरती को नमन करती हूं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का जनजातीय समागम में सम्बोधन

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आज 15 नवंबर के दिन, पूरे देश में मनाए जा रहे ‘जनजातीय गौरव दिवस’ पर, मैं सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई देती हूं।

आज यहां आने से पहले, धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के गांव उलिहातू में जाने और उनकी प्रतिमा को पुष्पांजलि अर्पित करने का सौभाग्य मुझे मिला है। भगवान बिरसा की जयंती के दिन, उनकी प्रतिमा का दर्शन करके, मैं स्वयं को धन्य महसूस कर रही हूं, और आज का यह मंगलवार का दिन मेरे लिए पूरी तरह मंगलमय हो गया है।

देवियो और सज्जनो,

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का नागरिक अभिनन्दन समारोह तथा कई परियोजनाओं की आधारशिला रखने और राष्ट्र को समर्पित करने के अवसर पर सम्बोधन

आज आप सबके बीच यहां सिक्किम में आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। पूर्वी हिमालय क्षेत्र में स्थित सिक्किम भारत के सबसे सुंदर प्रदेशों में से एक है। विश्‍व के तीन सबसे ऊंची चोटियों में से एक कंचनजंगा यहीं पर हैं,जिसे इस क्षेत्र की देवी के रूप में पूजा जाता है। मैं देवी को प्रणाम करते हुए सिक्किम की जनता की प्रगति और खुशहाली की कामना करती हूं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का India Water Week - 2022 के उद्घाटन समारोह में सम्बोधन

आज मुझे 7th India Water Weekका उद्घाटन करके हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। मुझे खुशी है कि पांच दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में देश-विदेश से आए विशेषज्ञ,जल जैसे समसामयिक मुद्दे पर चर्चा करेंगे और इसके संरक्षण के उपाय सुझाएंगे। मैं इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए जल शक्ति मंत्री, श्री गजेंद्र सिंह शेखावत जी, उनके सहयोगियों और उत्तर प्रदेश सरकार की सराहना करती हूं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का असम में कई परियोजनाओं की आधारशिला रखने और राष्ट्र को समर्पित करने के अवसर पर सम्बोधन

राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद पहली बार आप सब के बीच यहां असम में आकर मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है।

असम के भाई-बहनो के स्नेह और उत्साहपूर्ण स्वागत के लिए मैं उन्हें धन्यवाद देती हूं।

आज इस कार्यक्रम में आने से पहले मुझे मां कामाख्या देवी के मंदिर में जाकर उनके दर्शन करने का सौभाग्य मिला। मैं मां कामाख्या देवी से असम के भाई-बहनो सहित सभी देशवासियों की प्रगति और समृद्धि की कामना करती हूं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का नागरिक अभिनंदन समारोह के अवसर पर सम्बोधन

राष्ट्रपति बनने के बाद त्रिपुरा की यह मेरी पहली यात्रा है। इस अवसर पर आपके उत्साह भरे स्वागत के लिए मैं आप सभी त्रिपुरा-वासियों को धन्यवाद देती हूं। इस साल त्रिपुरा राज्य की स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने पर राज्य के सभी भाई-बहनों और बच्चों को मैं बधाई देती हूं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का त्रिपुरा में कई परियोजनाओं की आधारशिला रखने और राष्ट्र को समर्पित करने के अवसर पर सम्बोधन

राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद पहली बार आप सब के बीच यहां त्रिपुरा में आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है।

भारत की राष्ट्रपति के रूप में, जब मैंने विभिन्न राज्यों की यात्राएं आरम्भ की तो मैंने चाहा कि मैं शीघ्र ही पूर्वोत्तर क्षेत्र की यात्रा करूं। मुझे प्रसन्नता है कि आदि शक्ति के आशीर्वाद से मुझे अपनी आरंभिक यात्राओं में ही पूर्वोत्तर क्षेत्र में आने का सुअवसर मिला है। मेरी यह यात्रा एक नए राष्ट्रीय दृष्टिकोण और पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रति मेरे भावनात्मक अनुराग से प्रेरित है।

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