भारत की राष्ट्रपति, माननीया श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का मिजोरम विधानसभा में सम्बोधन

मुझे आज यहां "मिज़ो भूमि" में आपके बीच आकर खुशी हो रही है। मिज़ोरम राज्य और इसकी अद्भुत जनताको प्रकृति माँ का आशीर्वाद प्राप्त है । राष्ट्रपति के रूप में पहली बार मिज़ोरम का दौरा करना मेरे लिए खुशी की बात है, और मैं, मेरे गर्म जोशी से स्वागत करने के आपका धन्यवाद करती हूँ।

जैसा कि हम कहते हैं, भारत विविधता का देश है। उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के राज्य इस विविधता और समृद्ध करते हैं। आप उन लोगों में से हैं जिन्हें उगते सूरज के सबसे पहले दर्शन होते हैं और इस तरह से आपबाकी भारतीयों से आगे हैं।

मित्रों,

भारत की माननीया राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का मिजोरम विश्वविद्यालय के 17वें दीक्षांत समारोह और विभिन्न परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास के अवसर पर सम्बोधन

आइजोल में आज मिजोरम विश्वविद्यालय के 17वें दीक्षांत समारोह में शामिल होकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। आइजोल मिजोरम का सबसे बड़ा शहर और मिजोरम की राजधानी है। यह खूबसूरत शहर एक रिज पर स्थित है, जिसके पश्चिम से तल्वांग नदी घाटी और पूर्व में तुइरियाल नदी घाटी दिखती है। यहां विभिन्न मिजो समुदाय के लोग शांतिपूर्वक एक साथ रहते हैं। यह जीवंत और हलचल भरा आकर्षक शहर है और यह वर्णन से परे है।

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा असम सरकार की विभिन्न परियोजनाओं के उद्घाटन/आधारशिला रखने के अवसर पर संबोधन

मां कामाख्या देवी की धरती असम की यात्रा करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। अपनी मनोरम सुंदरता और शांति वाले असम को देश में नंबर एक चाय उत्पादक राज्य होने का गौरव प्राप्त है । दुनिया के दो-तिहाई एक सींग वाले गैंडे असम में रहते हैं। शानदार ब्रह्मपुत्र नदी इस पूरे क्षेत्र में बहती है और यह नदी भारत के उत्तर पूर्व और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के प्रवेश द्वार के लिए लिंक के रूप में कार्य करती है। ऐसे खूबसूरत परिवेश में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी का कैंपस स्थित है ।

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारतीय रक्षा सम्पदा सेवा, भारतीय दूरसंचार सेवा, भारतीय कौशल विकास सेवा और भारतीय व्यापार सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों से मुलाक़ात के अवसर पर संबोधन

मुझे भारतीय रक्षा सम्पदा सेवा, भारतीय दूरसंचार सेवा, भारतीय कौशल विकास सेवा और भारतीय व्यापार सेवा के युवा अधिकारियों और प्रशिक्षुओं से बातचीत करके बहुत प्रसन्नता हो रही है।

यूपीएससी द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं को सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने और अपने प्रशिक्षण का एक बड़ा हिस्सा पूरा करने के लिए मैं आप सभी को बधाई देती हूं। मुझे बताया गया है कि आप में से कुछ ने अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और अधिकारियों के रूप में तैनात हैं।

युवा अधिकारियों,

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारतीय विदेश सेवा प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा मुलाकात के अवसर पर संबोधन

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मैं आप सभी का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करती हूँ। सर्वप्रथम मैं आप सभी को भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने पर बधाई देती हूं! मैं आपके उत्साह और सपनों को महसूस कर सकती हूं। आप आगे बढ़ने और अपनी पहचान बनाने के लिए जरूर उत्सुक होंगे। मैं आपके स्वभाव की सराहना करती हूं क्योंकि यही भारत में परिवर्तन लाएगा।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का सेंट जोसेफ विश्वविद्यालय के उद्घाटन के अवसर पर संबोधन

मुझे, आज यहां सेंट जोसेफ विश्वविद्यालय के उद्घाटन के मौके पर आकर बहुत खुशी हो रही है। पिछले 140 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में आपकी संस्था ने निरंतर सेवा प्रदान की है इसलिए आप सब के लिए यह गर्व का क्षण होना चाहिए। वर्ष 1882 में एक कॉलेज के रूप में साधारण शुरुआत करके, आज यह कॉलेज एक अग्रणी संस्थान के रूप में उभरा है। मुझे बताया गया है कि संस्थान ने शिक्षा के उच्च मानक बनाए हुए है, यह प्रशंसनीय है। आपके संस्थान को विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान करना सदैव उचित है। मैं इस संस्था से जुड़े आप सभी लोगों को इस उपलब्धि के लिए बधाई देती हूं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का एकीकृत क्रायोजेनिक इंजन निर्माण केंद्र (आईसीएमएफ), एचएएल के उद्घाटन समारोह के अवसर पर संबोधन

मुझे, इस महत्वपूर्ण अवसर पर आप सभी के बीच आकर बहुत खुशी हो रही है। वास्तव में न केवल हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए क्रायोजेनिक और सेमी-क्रायोजेनिक इंजन बनाने के लिए एक अत्याधुनिक इकाई का होना एक ऐतिहासिक क्षण है। मुझे बताया गया है कि इससे भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों की जरूरतें पूरी होंगी, और हमारे देश की कई उपलब्धियां बढ़ेंगी। मैं इस प्रतिष्ठित परियोजना से जुड़े सभी लोगों को बधाई देती हूं।

भारत की माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का 62वें एनडीसी संकाय और पाठ्यक्रम सदस्यों द्वारा मुलाकात के अवसर पर संबोधन

मैं, 62वें नेशनल डिफेंस कॉलेज कोर्स के सभी प्रतिभागियों का राष्ट्रपति भवन में स्वागत करती हूं। मैं इस प्रतिष्ठित पाठ्यक्रम के कमांडेंट और संकाय सदस्यों का भी हार्दिक स्वागत करती हूं।

नेशनल डिफेंस कॉलेज की, सामरिक सुरक्षा के क्षेत्र में सैन्य और सिविल सेवा पृष्ठभूमि के वरिष्ठ पेशेवरों को प्रशिक्षण देने की एक समृद्ध परंपरा रही है। मैं एनडीसी को इस परंपरा को बनाए रखने के लिए बधाई देती हूं। मुझे बताया गया है कि पाठ्यक्रम का यह 62वां वर्ष चल रहा है। इस पाठ्यक्रम की प्रतिष्ठा पिछली आधी सदी से लगातार बनी हुई है, जिसके लिए यह प्रशंसा का पात्र है।

देवियो और सज्जनों,

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2020 बैच के अधिकारियों से भेंट के अवसर पर संबोधन

युवा साथियों,

2020 बैच के IAS अधिकारियों के आपके समूह से मिलकर मुझे बहुत खुशी हो रही है।

मैं राष्ट्रपति भवन में आप सभी का हार्दिक स्वागत करती हूं। मैं आप में से प्रत्येक को अपने जीवन में उस मुकाम पर पहुंचने के लिए भी बधाई देती हूं जहां से आप अपनी भावी मंजिल की ओर बढ़ेंगे।

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