भारत की राष्‍ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का बिहार के चतुर्थ कृषि रोड मैप (2023–2028) के शुभारंभ के अवसर पर सम्बोधन (HINDI)

आज बिहार के चतुर्थ कृषि रोड मैप के शुभारंभ के अवसर पर आप सब के बीच उपस्थित होकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। राष्ट्रपति के रूप में भले ही यह राज्य की मेरी पहली यात्रा है, मैं बिहार के लोगों और यहां की संस्कृति से भली-भांति परिचित हूं। पड़ोसी राज्य झारखंड के राज्यपाल पद के दायित्वों का करीब छह वर्षों तक निर्वहन करते हुए मैंने बिहार की संस्कृति और जीवन-शैली को करीब से जाना और महसूस किया है। मेरा गृह राज्य ओडिशा भी ऐतिहासिक रूप से बिहार से जुड़ा हुआ है। इसलिए मुझे लगता है कि मैं भी अपने-आप को बिहारी कह सकती हूं।

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के अवसर पर सम्बोधन (HINDI)

मैं आज पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी विजेताओं को बधाई देती हूं। आप सब पुरस्कार विजेताओं के उन सहयोगियों की भी मैं सराहना करती हूं जिनका योगदान आपकी उपलब्धि में सहायक रहा है।

भारत की राष्‍ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का श्रीनगर में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में संबोधन (HINDI)

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माता वैष्णो देवी और हजरतबल की रहमत से महफूज तथा लल्लेश्वरी लल द्येद और नुन्द ऋषि शेख नूरूद्दीन की दुआओं से भरी-पूरी जम्मू-कश्मीर की सरजमीन को मैं सलाम करती हूँ।

भारत की राष्‍ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का Kashmir University के 20वें दीक्षांत समारोह में संबोधन (HINDI)

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आज उपाधियां प्राप्त करने वाले सभी students को मैं बधाई देती हूं। Medal winners की मैं खास तौर से तारीफ करती हूं।

आप सब के बीच यहां आकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। मैं बहुत सी universities में convocations तथा अन्य अनेक समारोहों में गई हूं। मैं आप सबसे यह कहना चाहूंगी कि इतने खूबसूरत campuses में तालीम हासिल करने का और तालीम देने का मौका मिलना खुश-किस्मती की बात है। Kashmir University पर हज़रतबल की रहमत हमेशा बनी रहती है और बनी रहेगी।

ADDRESS BY THE HON’BLE PRESIDENT OF INDIA, SMT. DROUPADI MURMU AT THE INAUGURATION OF INTERNATIONAL RESEARCH CONFERENCE ON ‘FROM RESEARCH TO IMPACT: TOWARDS JUST AND RESILIENT AGRI-FOOD SYSTEMS’ HOSTED BY CGIAR GENDER IMPACT PLATFORM AND ICAR

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I am really delighted to be a part of the international conference which is attended by eminent personalities and distinguished scientists from all over the world. I welcome all of you to New Delhi. It gives me great satisfaction to inaugurate this conference which focuses on bridging the gap between research and impact in order to achieve resilient, equitable and just agri-food systems.

Ladies and Gentlemen,

ADDRESS BY THE HON’BLE PRESIDENT OF INDIA, SMT. DROUPADI MURMU ON THE OCCASION OF CALL ON BY THE PROBATIONERS OF CENTRAL POWER ENGINEERING SERVICE AND INDIAN TRADE SERVICE

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I congratulate you all for your selection in the prestigious services. I believe that your training has enabled you to make effective contribution in the progress of power and trade sectors of India. Both these services are important in the context of economic growth and development of the country. One more thing that is common for both these sectors is that they promote connectivity and an interconnected eco-system further boosts energy and trade sectors.

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारतीय कम्पनी सचिव संस्थान के 55वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सम्बोधन (HINDI)

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भारतीय कम्पनी सचिव संस्थान (ICSI) के 55वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में आप सब के बीच उपस्थित होकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। इस संस्थान ने पिछले 55 वर्षों में बदलते भारत को देखा है और इस बदलाव में अपना यथोचित योगदान भी दिया है। मुझे बताया गया है कि ICSI लगभग 71000 सदस्यों और करीब 2.5 लाख छात्रों के एक विशालकाय परिवार का प्रतिनिधित्व करता है।

ADDRESS BY THE HON’BLE PRESIDENT OF INDIA, SMT. DROUPADI MURMU ON THE OCCASION OF CALL ON BY THE MEMBERS OF 63 RD NDC COURSE

I am very happy to be with you all today. I am told that this is a diverse group comprising officers from different fields and various countries too. I am sure that cross-pollination of ideas has happened during the course among the officers of the armed forces, civil services, corporate sector, and officers from Friendly Foreign Countries. I extend my warm welcome to 37 foreign officers from 27 friendly foreign countries present here.

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