भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का National Institute of Technology, Kurukshetra के 18वें दीक्षांत समारोह तथा DIAMOND JUBILEE CELEBRATIONS के अवसर पर सम्बोधन (HINDI)
कुरुक्षेत्र : 29.11.2022
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आज आप सभी के बीच इस सुंदर कैम्पस में आकर मुझे बहुत ख़ुशी हुई है। शिक्षा से मेरा आत्मीय संबंध है। अपना सार्वजनिक जीवन शुरू करने से पहले मैंने एक विद्यालय में अध्यापन कार्य भी किया था। शिक्षा से जुड़े किसी भी कार्यक्रम में आकर मुझे विशेष प्रसन्नता होती है।
आज डिग्री प्राप्त कर रहे सभी विद्यार्थियों को मैं हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं। आप सबके माता-पिता, परिवारजनों, गुरुजनों और सभी प्रियजनों को भी मैं बधाई देती हूं। आपकी जीवन-यात्रा में इस जगह तक पहुंचने में उन्होंने विशेष भूमिका निभाई है। आपकी सफलता के पीछे समाज का भी योगदान है। इसलिए मैं चाहूंगी कि आप समाज के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए समाज-सेवा को भी अपनी प्राथमिकता में शामिल करें।
देवियो और सज्जनो,
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि NIT कुरुक्षेत्र इस वर्ष अपनी diamond jubilee मना रहा है। सन 1963 में स्थापित हुए इस संस्थान को भारत के सबसे पहले NITs में से एक होने का गौरव प्राप्त है। NIT कुरुक्षेत्र ने इस धर्म-क्षेत्र में scientific temper को प्रसारित करने में एक अत्यंत प्रभावशाली भूमिका निभाई है। पिछले छह दशकों में, देश और विदेश में उच्च-शिक्षा के तकनीकी संस्थानों के बीच, NIT कुरुक्षेत्र ने एक विशिष्ट पहचान बनाई है। इस संस्थान के चालीस हजार से अधिक पूर्व छात्रों ने राष्ट्र-निर्माण में योगदान दिया है और विश्व-स्तर पर देश की प्रतिष्ठा बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यहां के विद्यार्थियों ने Singapore से लेकर Silicon Valley तक, civil society से लेकर civil services, तक सभी क्षेत्रों में अपना स्थान बनाया है। मैं NIT कुरुक्षेत्र की इस गौरवशाली यात्रा में शामिल रहे अतीत और वर्तमान के सभी अध्यापकों, छात्रों और कर्मचारियों को बधाई देती हूं।
NIT कुरुक्षेत्र के 5800 विद्यार्थियों में से 1100 से अधिक लड़कियां हैं। आज डिग्री प्राप्त कर रहे लगभग 2800 विद्यार्थियों में 500 से अधिक यानि लगभग 18 प्रतिशत लड़कियां हैं। आज हमारी बेटियां हर क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित करते हुए देश का नाम रोशन कर रही हैं। मैं चाहती हूं कि Science, Technology, Engineering, and Mathematics (STEM) विषयों में भी और अधिक लड़कियां आगे आएं।
देवियो और सज्जनो,
आज पूरा विश्व तेजी से हो रहे परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। इस Technological revolution से nature of jobs में बदलाव हो रहा है। इस technological revolution से लोगों की बुनियादी जरूरतों में भी बदलाव आ रहा है। इससे इंजीनियरिंग की अब तक की पद्धतियों को भी चुनौतियां मिल रही हैं। इस technological shift की वजह से हो रहे बदलावों के कारण यह अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है कि NIT कुरुक्षेत्र सहित हमारे technical institutions ‘future-ready’ बनें। Curriculum और pedagogy में परिवर्तन करके विद्यार्थियों को ‘future-ready’ बनाना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख उद्देश्यों में भी शामिल है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि NIT कुरुक्षेत्र, Artificial intelligence and data science, robotics and automation और Industrial Internet of Things, जैसे futuristic-courses को शुरू करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। मुझे यह भी जानकर विशेष खुशी हुई है कि NIT कुरुक्षेत्र ने एक state-of-the-art ‘Siemens Centre of Excellence’ की स्थापना की है। इस सेंटर में smart manufacturing और automation designs तथा e-mobility पर विशेष बल दिया जा रहा है। इस केंद्र की स्थापना से industry, academia और Research and Development संस्थाओं जैसे DRDO और BHEL के साथ सहयोग बढ़ रहा है। यह गर्व की बात है कि NIT कुरुक्षेत्र इस तरह का केन्द्र स्थापित करने वाला उत्तर भारत में पहला और पूरे देश में दूसरा NIT है। मैं इस पहल के लिए इस केंद्र से जुड़े सभी लोगों को बधाई देती हूं और आशा करती हूं कि यह केन्द्र लोगों की समस्याएं सुलझाने में अहम भूमिका निभाएगा।
देवियो और सज्जनो,
हरियाणा और पंजाब के इस क्षेत्र का भारतीय कृषि के विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है। यहां के प्रगतिशील किसानों ने आधुनिक तकनीक का उपयोग करके, हरित क्रांति को संभव बनाया और देश को खाद्य सुरक्षा प्रदान की। लेकिन आज, इस क्षेत्र में बढ़ता वायु और भूमि प्रदूषण तथा भू-जल का गिरता स्तर, एक बड़ी समस्या के रूप में उभरा है। NIT कुरुक्षेत्र का यह दायित्व है कि इन समस्याओं का तकनीकी समाधान निकाले। Pandemic के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि भारत का आम नागरिक technology friendly है। Digital payment की सफलता इसका उदाहरण है। अगर Technology समाज की भलाई के लिये है तो उसे जनता का भरपूर सहयोग मिलता है।
मेरा मानना है कि technology सिर्फ science और engineering का by-product नहीं है बल्कि इसका सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ भी होता है। हम सबको ‘Technology for Social Justice’ की सोच के साथ आगे बढ़ना होगा। इसकी चिंता करनी होगी कि वंचित वर्ग इसमें पीछे न रह जाये, और इसका प्रयोग समतामूलक समाज के निर्माण के लिए हो।
प्यारे विद्यार्थियों,
हमारे संविधान में सभी नागरिकों के लिए कुछ fundamental duties का उल्लेख किया गया है। उनमें से एक है, ‘scientific temper, और spirit of inquiry and reform’ की भावना को विकसित करना। पूर्व राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद् डॉक्टर राधाकृष्णन ने सन 1964 में IIT Madras के दीक्षांत समारोह में कहा था, and I quote, "If we want to tackle the problems which our country faces.. it is essential for us to develop science and technology. We must develop these things, we must adopt a scientific outlook.” unquote. यह आप सबका कर्तव्य है कि आप जागरूक समाज के निर्माण में अपना योगदान दें।
मैं आजकल देखती हूं कि शिक्षा या डिग्री की सफलता का मापदंड, कैम्पस placements में अधिक ‘सैलरी पैकेज’ हो गया है। यानी जिस विद्यार्थी को जितना ज़्यादा सैलरी पैकेज मिलता है, उसको उतना ही सफल माना जाता है। अधिक सैलरी पैकेज मिलना अच्छी बात है, लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि जिस विद्यार्थी को अच्छा सैलरी पैकेज नहीं मिला है, उसकी योग्यता कम है। मैं आपको सलाह देती हूं कि आप कभी भी अपनी सफलता को पैकेज के आधार पर न आंके। आपको सफलता की पारंपरिक धारणाओं और सामाजिक दबावों से सीमित नहीं होना है। आपको यह तय करना है कि, आप वास्तव में अपने जीवन में क्या करना चाहते हैं। आप केवल वही करियर चुने जिससे आपको संतोष और जीवन में सार्थकता का अनुभव हो। मैं सभी अभिभावकों से भी अपील करती हूं कि वे अपने बच्चों को excellence के लिए प्रेरित करें। Excellence के लिये प्रयास करते रहने पर अन्य सभी उपलब्धियां स्वतः प्राप्त होने लगेंगी।
आपके संस्थान का ध्येय वाक्य है: "श्रमो अनवरत चेष्टा च” जिसका अर्थ है "कड़ी मेहनत और लगातार प्रयास उत्कृष्टता की ओर ले जाते हैं।" मैं कामना करती हूं कि यह संस्थान, विश्व-स्तर पर तकनीकी शिक्षा में नए मापदंड स्थापित करे। मैं, एक बार फिर, आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देती हूं और आप सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूं।
धन्यवाद!
जय हिन्द!