भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का NATIONAL GEOSCIENCE AWARDS 2022 PRESENTATION CEREMONY में सम्बोधन (HINDI)
राष्ट्रपति भवन : 24.07.2023
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आज पुरस्कार प्राप्त करने वाले आप सभी विजेताओं को मैं हार्दिक बधाई देती हूं। अपनी प्रतिभा, निष्ठा और परिश्रम के बल पर आप सबने राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान अर्जित किया है। इसके लिए मैं आप सबकी सराहना करती हूँ। Geoscience के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देकर आप सबने देश की प्रगति में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी की है। इसके लिए मैं आप सबकी प्रशंसा करती हूँ।
आज के पुरस्कार विजेताओं में Geological Survey of India के अलावा technology और research से जुड़ी अन्य संस्थाओं, उच्च शिक्षण संस्थानों तथा industry के विशेषज्ञ शामिल हैं। इस पुरस्कार योजना में समय-समय पर समुचित बदलाव किए जाते रहे हैं।
Geological Survey of India के 14 वैज्ञानिकों को आज के पुरस्कारों की विभिन्न Categories के लिए चुना गया है। जैसा कि आप सभी जानते हैं Geological Survey of India का 170 वर्षों से अधिक का प्रभावशाली इतिहास है। इतने लंबे समय तक निरंतर योगदान देते रहना किसी भी संस्था के लिए गर्व की बात है।
National Geoscience Award for Lifetime Achievement द्वारा लंबे समय तक निरंतर असाधारण योगदान को मान्यता दी जाती है। यह एक प्रकार से geoscientist के योगदान के साथ-साथ, भारत में geoscience की विकास गाथा का अध्याय भी होता है। दूसरी ओर National Young Geoscientist Award 35 वर्ष से कम आयु के युवा Geoscientist को देकर भारत में geoscience के उज्ज्वल भविष्य को प्रोत्साहित किया जाता है। ये दोनों पुरस्कार हमारे देश में geoscience के अतीत, वर्तमान और भविष्य का प्रतिबिंब हैं। अन्य geoscience Awards भी इस क्षेत्र में देश की प्रगति को दर्शाते हैं। Geoscience Awards की सुविचारित परिकल्पना के लिए मैं भारत सरकार के सभी सम्बद्ध विभागों को बधाई देती हूं। पुरस्कार योजना को सुचारु रूप से आगे बढ़ाने के लिए मैं कोयला एवं खान मंत्री, श्री प्रल्हाद जोशी जी और उनकी पूरी टीम की सराहना करती हूं।
देवियो और सज्जनो
Geoscience का क्षेत्र बहुत व्यापक है। इसमें Landslide, Earthquakes, बाढ़ और सुनामी जैसे प्राकृतिक आपदाओं का अध्ययन भी शामिल किया जाता है। बड़ी संख्या में लोगों की सुरक्षा में उपयोगी होने के कारण इन विषयों को Public Good GeoSciences कहा जाता है। मुझे यह देखकर प्रसन्नता हुई है कि GeoSciences के इस पक्ष में योगदान को भी आज पुरस्कृत किया गया है।
यह कहा जा सकता है कि मानव सभ्यता की कहानी खनिज पदार्थों पर आधारित रही है। मानव इतिहास के विभिन्न चरणों को Stone Age, Copper Age और Iron Age का नाम दिया गया है। धरती माता को वसुन्धरा कहा जाता है। ‘वसूनिधारयति’ अर्थात जो अनेक रत्नों को धारण करती है वह वसुन्धरा है। सभी खनिज पदार्थ मूल्यवान होने के कारण रत्न के समान ही हैं। इसीलिए, कोयले को black-diamond और खनिज तेल को liquid-gold कहा जाता है। बीसवीं सदी Petroleum Products पर आधारित रही है, और अभी Petroleum का वर्चस्व बना हुआ है। हालांकि धीरे-धीरे Non Fossil Fuels का उपयोग बढ़ रहा है।
आजकल Rare Earths Elements, Platinum Group of Elements और Semi Conducting Elements जैसे खनिज पदार्थों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पर्यावरण संरक्षण की प्राथमिकता को दृष्टि में रखते हुए कुछ परंपरागत खनिज पदार्थों की Mining पर तथा उनके परिणामों पर नई दृष्टि से विश्लेषण किया जा रहा है। जबकि कुछ अन्य खनिज पदार्थों को अधिक वरीयता दी जा रही है। इस संदर्भ में, मैं 1970 के दशक में प्रचलन में आए विचार ‘Technology with a Human Face’ का उल्लेख करना चाहूंगी क्योंकि वह विचार मानवता के लिए सदैव प्रासंगिक बना रहेगा। आज के पुरस्कारों में Sustainable Mineral Development के क्षेत्र में योगदान को पुरस्कृत किया गया है। यह विशेष रूप से सराहनीय है। Applied Geology के क्षेत्र में भी Geo-Environmental Studies से जुड़े कार्यों को पुरस्कृत करने की व्यवस्था की गयी है। मैं समझती हूँ कि Sustainable Mineral Development के लिए आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण तीनों आयामों पर समान रूप से ध्यान दिया जा रहा है।
देवियो और सज्जनो,
Mining अर्थव्यवस्था के Primary Sector में शामिल है। देश के आर्थिक विकास में Mineral Development का बुनियादी योगदान होता है। आज भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और शीघ्र ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का हमारा लक्ष्य है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान सरकार द्वारा Mining Sector में अनेक प्रगतिशील बदलाव लाए गए हैं। इन बदलावों से Mining Sector की क्षमता और उत्पादकता में प्रगति हो रही है। हमारे Geoscientists, खनिज पदार्थों के सक्षम उपयोग में योगदान देकर भारत की अर्थव्यवस्था को शक्ति प्रदान कर रहे हैं।
विज्ञान और विकास का वही मार्ग सही सिद्ध होता है जो मानवता के कल्याण की दिशा में जाता है। इसलिए Geoscientist Community को Human Centric Mining की दिशा में निरंतर आगे बढ़ते रहना है।
हाल के वर्षों में विश्व समुदाय में भारत का सम्मान बढ़ा है। सरकार के प्रयत्नों के साथ-साथ देशवासियों के विभिन्न वर्गों की भागीदारी से ही यह संभव हो पाया है। पिछले कुछ वर्षों में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य पर विशेष जोर दिया गया है। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों के अच्छे परिणाम भी सामने आए हैं।
वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के प्रयासों में हमारे वैज्ञानिक समुदाय की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। मुझे विश्वास है कि आज पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी वैज्ञानिक देश के विकास में निरंतर योगदान देते रहेंगे। मैं आशा करती हूँ कि इन पुरस्कृत वैज्ञानिकों से प्रेरणा लेकर Geoscientist Community के सभी सदस्य अपने-अपने क्षेत्रों में असाधारण योगदान देने के लिए कार्यरत रहेंगे।
मैं एक बार फिर सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई देती हूँ। और आप सभी के उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना करती हूँ।
धन्यवाद,
जय हिन्द!
जय भारत!