भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का IIIT रांची के दूसरे दीक्षांत समारोह में(HINDI)

रांची : 25.05.2023

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Indian Institute of Information Technology, रांची के दीक्षांत समारोह क अवसर पर आज आप सब के बीच आकर मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। मैं इस Institute of National Importance से आज उपाधि प्राप्त करने वाले सभी 109 विद्यार्थियों और पदक विजेताओं को हार्दिक बधाई देती हूं। मुझे यह देखकर विशेष प्रसन्नता हुई है कि कुल 10 medal और शील्ड विजेताओं में से 8 छात्राएं हैं। छात्राओं की यह उपलब्धि विशेष इसलिए भी है क्योंकि कुल विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या बहुत कम है फिर भी उन्होंने 80 प्रतिशत medal और शील्ड प्राप्त किये हैं। में सभी छात्राओं को बहुत बधाई देती हूँ। मैं इस अवसर पर सभी विद्यार्थियों के माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को भी शुभकामनाएं देती हूं, जो कठिन समय में सदा आपके साथ खड़े रहे। मैं IIIT रांची के प्राध्यापकों और यहाँ की पूरी टीम को भी बधाई देती हूँ जिनका विद्यार्थियों की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान है।

यह प्रसन्नता की बात है कि अपनी स्थापना के कुछ ही वर्षों में इस संस्थान के faculty और विद्यार्थियों ने ज्ञान सृजन के महत्व को रेखांकित किया है, और वे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित प्रकाशनों में मूल शोध पत्र और प्रकाशनों द्वारा अपना योगदान दे रहे हैं। मुझे यह भी बताया गया है कि IIIT रांची द्वारा state-of-the-art laboratories और डेटा साइंस, bio-informatics, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और quantum computing जैसे क्षेत्रों से संबंधित Research and Development Cells के माध्यम से विद्यार्थियों को future ready बनाया जा रहा है। मैं इस प्रयास के लिए IIIT रांची की सराहना करती हूँ। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी उच्चतर शिक्षण संस्थानों में उच्च गुणवत्ता वाले शोध पर जोर देती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार उच्चतर शिक्षण संस्थानों को start-up incubation centers, technology development centers और industry-academic linkages के द्वारा अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना चाहिए। मुझे विश्वास है कि IIIT रांची आने वाले समय में research और innovation के एक hub के रूप में अपनी पहचान बनाएगा।

देवियो और सज्जनो

आज भारत start-up eco-system को मजबूत करके, आत्म-निर्भरता को बढ़ावा देकर entrepreneurial culture की ओर बढ़ रहा है। इस सन्दर्भ में वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार देश के development discourse में और भी अधिक महत्वपूर्ण विषय बन गया है। अनुसंधान के माध्यम से ही नई प्रक्रियाओं, उत्पादों और डिजाइनों को विकसित किया जा सकता है जो उभरते हुए मुद्दों के लिए अभिनव और स्थायी समाधान खोजने में मदद कर सकते हैं। मुझे विश्वास है कि भारत में उच्च शिक्षण संस्थान अपनी अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाएंगे और ऐसे प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को तैयार करेंगे जो तकनीकी रूप से भी कुशल होंगे और नवाचारों के माध्यम से नागरिकों के कल्याण के लिए भी कार्य करेंगे। जैसा कि मैंने पहले भी कई अवसरों पर कहा है, प्रौद्योगिकी का उपयोग सामाजिक न्याय के एक साधन के रूप में किया जाना चाहिए। Technology should be used as an instrument for social justice.

Advanced और cost effective technologies के आने से और सरकार की tech-supporting योजनाओं से देश में digital और financial literacy में सुधार हो रहा है। भारत की digital economy आज पूरे विश्व के लिए उदाहरण प्रस्तुत कर रही है। क्या हम कुछ साल पहले कल्पना कर सकते थे कि डिजिटल भुगतान के माध्यम से कोई स्ट्रीट वेंडर से फल और सब्जियां खरीद सकता है? किसी ने कुछ साल पहले ये भी नहीं सोचा था कि महिलाएं घर पर ही रहकर, टेक्नोलॉजी की मदद से business women बन सकती हैं।

प्यारे विद्यार्थियों,

IT सेक्टर का महत्व इस बात से समझा जा सकता है कि 1998 में, IT क्षेत्र का भारत के GDP में योगदान 2 प्रतिशत से भी कम था और आज लगभग 9 प्रतिशत है। भारत का IT क्षेत्र लाखों लोगों को रोजगार भी देता है। इंटरनेट penetration के बढ़ने से हमारे युवा अपने लिए उपलब्ध नौकरियों और अवसरों के बारे में अधिक जागरूक हो रहे हैं। आज छोटे शहरों और कस्बों में रहने वाले युवक और युवतियाँ data scientist, न्यूरो-सर्जन, पर्यावरण इंजीनियर बनना चाहते हैं। यह बदलाव पूरे देश में हो रहा है।

कुछ वर्षों बाद, इस तरह के और अधिक प्रभावी परिवर्तन होने तय हैं। भारत में अब एक लाख से अधिक स्टार्ट-अप पंजीकृत हो चुके हैं। भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है। हम पहले से ही स्मार्ट उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं जिन्होंने हमारे जीवन को आसान बना दिया है। लेकिन ऐसे उपकरण और प्रणालियां सामान्य लोगों की पहुँच में होनी चाहिए और overall sustainability के अनुरूप होनी चाहिए। यहाँ पर आपकी भूमिका अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाती है। इसके लिए आपको अपनी सोच और अपने काम में holistic approach अपनाने की आवश्यकता है।

प्रिय विद्यार्थियों

आज हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में हैं। यह आप जैसे bright minds की जिम्मेदारी होगी कि आप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सर्वोत्तम उपयोग करके efficiency को बढ़ाएं। इससे समय और संसाधनों की बचत करके आप अधिक रचनात्मक और संवेदनशील कार्यों पर ज्यादा ध्यान दे सकते हैं जिनमें empathy और human touch की आवश्यकता है। आपको यह भी सोचना है कि दिव्यांग लोगों, senior citizens या अन्य जरूरतमंद वर्गों की सहायता के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कैसे किया जाए।

यहां मैं इस संस्थान से आग्रह करना चाहती हूं कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और उद्योग के साथ सहयोग करें और विद्यार्थियों को व्यक्तिगत तथा professional स्तर पर आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करें। हमारे युवाओं को तकनीकी रूप से कुशल और शिक्षित होने के साथ साथ सामाजिक, मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक रूप से भी स्वस्थ होना चाहिए।

प्रिय विद्यार्थियों,

मैं आप सब से यह कहना चाहूंगी कि आप अपनी प्रतिभा और रुचियों के अनुसार आगे बढ़ें। आप अभी युवा हैं और आपके सामने पूरा जीवन है। हमेशा कुछ नया सीखते रहें और जो भी करें उसमें उत्कृष्टता की ओर बढ़ें। मैं आपसे हमारे देश की समृद्ध और विविधतापूर्ण संस्कृति के बारे में भी जानने का आग्रह करती हूं। इससे आपको लोगों की विभिन्न आवश्यकताओं के अनुसार systems और applications डिजाइन करने में मदद मिलेगी।

आप एक ऐसे समय में व्यावहारिक दुनिया में कदम रख रहे हैं जब हमारे देश को वैश्विक स्तर पर नयी पहचान मिल रही है और climate change जैसी वैश्विक चुनौतियों के समाधान निकालने के लिए भारत अग्रणी भूमिका निभा रहा है। आपने यहां जो तकनीकी और सामाजिक कौशल हासिल किए हैं, उनका उपयोग कम सुविधा-सम्पन्न लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए किया जाना चाहिए। आजीविका कमाना निश्चित रूप से महत्वपूर्ण है लेकिन साथ में ऐसे कार्य ज़रूर करें जिनसे दूसरों के जीवन को बेहतर बनाया जा सके।

देवियो और सज्जनो,

युवाओं में समाज और राष्ट्र को बदलने की अपार क्षमता है। हमारे युवा एक जागरूक और विकसित राष्ट्र बनाने में बड़ा योगदान दे सकते हैं। हम सभी का कर्तव्य है कि हम युवाओं को सही दिशा दिखाएं और उन्हें देश और समाज की प्रगति के लिए कार्य करने की दिशा में प्रोत्साहित करें। अंत में, मैं फिर से सभी स्नातक विद्यार्थियों और पदक विजेताओं को बधाई देती हूं और उनके स्वर्णिम भविष्य की कामना करती हूं। मैं IIIT रांची के प्राध्यापकों, सभी सदस्यों और कर्मचारियों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देती हूं। हमारे युवा ऐसी नयी राह बनाएं जो हमारे देश को निरंतर प्रगति की ओर ले जाएं, इस कामना के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देती हूँ।

धन्यवाद! 
जय हिन्द! 
जय भारत!

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