भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का गोवा सरकार द्वारा आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में सम्बोधन (HINDI)

गोवा : 22.08.2023

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मैं बहुत प्रसन्न हूं क्योंकि राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के बाद, गोवा आकर यहां के भाई-बहनों से मिलने की मेरी इच्छा आज पूरी हो रही है। मैं गोवा के 15 लाख निवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। जिस उत्साह और प्रेम के साथ आप सबने मेरा स्वागत किया है उसके लिए मैं हृदय से धन्यवाद व्यक्त करती हूं।

आज गोवा के Forest Rights Act के प्रावधान के अनुसार, सनद प्राप्त करने वाले लोगों को मैं बधाई देती हूं। मुझे बताया गया है कि गोवा में बहुत समृद्ध forest cover है। यह गोवा की अमूल्य प्राकृतिक संपत्ति है। इस संपत्ति को बचाना भी है। साथ ही, जंगल पर आधारित जीवन-यापन करने वाले जन- जातीय तथा अन्य समुदायों की परंपराओं का संरक्षण करते हुए उनको आधुनिक विकास में भागीदार भी बनाना है। पश्चिमी घाट के घने जंगल अनेक वन्य-जीवों के natural habitat हैं। इन प्राकृतिक धरोहरों का संरक्षण करने से गोवा के सतत विकास को बल मिलेगा।

देवियो और सज्जनो,

कुछ दिन पहले 15 अगस्त को हम सबने स्वाधीनता दिवस का उत्सव मनाया है। इस संदर्भ में यह याद करना स्वाभाविक है कि 18 जून को गोवा के सभी निवासी ‘क्रान्ति दिवस’ मनाते हैं। वर्ष 1946 में 18 जून को डॉक्टर राम मनोहर लोहिया ने एक विशाल जनसभा में गोवा के लोगों में तत्कालीन शासन के दमन के खिलाफ निर्णायक क्रान्ति का आह्वान किया था। अंततः 19 दिसंबर, 1961 के दिन गोवा में विदेशी हुकूमत का अंत हुआ था। उस दिन डॉक्टर लोहिया सहित गोवा और समस्त भारत के स्वाधीनता सेनानियों का सपना पूरा हुआ था। यहां आने से पहले, आजाद मैदान में गोवा की स्वाधीनता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले बलिदानी वीरों को सादर पुष्पांजलि अर्पित करने का मुझे सौभाग्य मिला। सभी देशवासियों की ओर से मैं एक बार फिर उन वीरों के सम्मान में नमन करती हूं।

देवियो और सज्जनो,

आज से लगभग 15 दिन पहले सात अगस्त को पुडुचेरी के निवासियों ने मेरा नागरिक अभिनंदन किया था। पहले, गोवा की तरह, पुडुचेरी भी विदेशी शासन के अधीन था। मुझे आज महात्मा गांधी का वर्ष 1929 में दिया गया वक्तव्य याद आता है कि भारत ब्रिटिश, पुर्तगाली, फ्रांसीसी उपनिवेशों में विभाजित नहीं बना रहेगा, बल्कि एक होकर रहेगा। महात्मा गांधी जैसी महान विभूतियों ने हमारी स्वाधीनता और एकता का सपना देखा तथा उसे पूरा किया। आज हम आजादी के अमृत-काल में देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रयासरत हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि गोवा के सभी निवासी इस राष्ट्रीय प्रयास में भरपूर योगदान देंगे। मैं आत्म-निर्भर भारत के राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे ‘स्वयं-पूर्ण गोवा अभियान’ की सराहना करती हूं।

मुझे यह जानकर खुशी होती है कि Sustainable Development Goals के मापदण्डों पर गोवा का प्रदर्शन अच्छा है। विकास के अनेक क्षेत्रों में गोवा का स्थान देश के अग्रणी राज्यों में है। इसके लिए मैं राज्यपाल श्री पी. एस. श्रीधरन पिल्लइ जी के मार्गदर्शन, मुख्यमंत्री डॉक्टर प्रमोद सावंत जी के नेतृत्व, तथा जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और सभी निवासियों की भागीदारी की सराहना करती हूं।

गोवा के cosmopolitan culture में नारी-पुरुष समानता की परंपरा रही है। मुझे यह जानकर बहुत प्रसन्नता हुई है कि गोवा के उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्राओं की संख्या 60 प्रतिशत से अधिक है। लेकिन गोवा के workforce में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने की आवश्यकता है। गोवा के लिए यह गौरव का विषय है कि यहां के लोगों ने, समान नागरिक संहिता को अपनाया है। गोवा में रहने वाले सभी समुदायों के महिलाओं और पुरुषों को समान अधिकार प्रदान करने वाला ‘Common Civil Code’ यहां के cosmopolitan culture का उदाहरण है। यह ‘Code’ हमारे संविधान के निर्देश के अनुरूप है तथा पूरे देश के लिए एक अच्छा उदाहरण है।

गोवा के लोगों में उदारता और अतिथि सत्कार की भावना है। साथ ही, यहां के लोग उत्सव प्रेमी भी हैं। गोवा के निवासियों की यह विशेषता, पर्यटकों को आकर्षित करने में उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी समुद्र तट तथा पश्चिमी घाट की प्राकृतिक सुंदरता। गोवा के भाई-बहनों का अतिथि सत्कार देश-विदेश में सराहा जाता है। इसके लिए मैं आप सब की प्रशंसा करती हूं।

गोवा की प्रभावशाली छवि के कारण यहां अनेक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतर-राष्ट्रीय आयोजन किए जाते हैं। गोवा में प्रतिवर्ष ‘International Film Festival of India’ का आयोजन किया जाता है। यह festival देश-विदेश के सिनेमा प्रेमियों को आकर्षित करता है।

Tourist centre होने के साथ-साथ गोवा education, trade & commerce, industry, technology और naval defence का महत्वपूर्ण केंद्र भी है। मैं गोवा के all round development की शुभकामनाएं देती हूं।

देवियो और सज्जनो,

गोवा के प्रतिभाशाली लोगों ने देश-विदेश में प्रतिष्ठा तथा लोकप्रियता अर्जित की है। स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर जी ने, देश के रक्षामंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी सादगी, सत्य-निष्ठा और कार्य कुशलता के बल पर देश के इतिहास में अपना सम्मानित स्थान बनाया है। हमारे मानस-पटल पर उनकी स्मृति सदा बनी रहेगी। रक्षा के क्षेत्र में अग्रणी think tank, IDSA को Manohar Parrikar Institute for Defence Studies and Analyses का नाम दिया गया है। गोवा के आधुनिकतम सुविधाओं वाले नव-निर्मित हवाई-अड्डे का नाम Manohar International Airport रखा गया है।

गोवा के खेल-प्रेमी समाज में ब्रह्मानन्द संखवलकर जैसे फुटबाल खिलाड़ी सदैव लोकप्रिय बने रहेंगे। हाल में गोवा की बेटी भक्ति कुलकर्णी ने शतरंज में grand-master का खिताब हासिल किया है। विभिन्न क्षेत्रों में अनेक प्रतिभावान लोग गोवा की पहचान को और मजबूत बना रहे हैं। चित्रकार श्री लक्ष्मण पाई और मारियो मिरांडा, लोक-जीवन से जुड़े श्री विनायक खेडेकर, अध्यात्म के क्षेत्र में ब्रह्मेशानन्द आचार्य स्वामी, तथा साहित्य में श्री लाम्बर्ट मास्कारेन्हस के नाम से यहां सभी परिचित हैं। गोवा के ऐसे अनेक अन्य प्रतिभाशाली व्यक्तियों ने विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान दिया है।

गोवा की नाट्य-कला ‘तिआत्र’ की ऊर्जा, यहां के वाद्य-यंत्र ‘घुमट’ का नाद, यहां के हथकरघा शिल्पकारों के कुनबी handloom वस्त्रों की सुंदरता तथा यहां के मछुआरे भाई-बहनों की पद्धति ‘रापोन’ का सामूहिक उत्साह गोवा की जीवन-शैली की पहचान भी हैं और धरोहर भी। आधुनिकता को अपनाते हुए इन परम्पराओं को गोवा के जागृत भाई-बहन जीवंत बनाए रखेंगे, यह मेरा विश्वास है।

आधुनिकता और परंपरा के संतुलन में आस्था के साथ मैं गोवा के सभी निवासियों के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना करती हूं।

देव बरें करूँ!

धन्यवाद! 
जय हिन्द! 
जय भारत!

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