भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के 52वें दीक्षांत समारोह एवं शताब्दी वर्ष समापन समारोह में सम्बोधन

चंडीगढ़ : 09.10.2022

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मुझे आज पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज चंडीगढ़ के दीक्षांत समारोह तथा शताब्दी-वर्ष-समापन-समारोह में भाग लेकर बहुत प्रसन्नता हो रही है। आज degree प्राप्त करने वाले आप सभी विद्यार्थियों को मैं बधाई देती हूं। Medal प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को मैं विशेष बधाई देती हूं।

इस अवसर पर मैं आप सबके माता-पिता और अभिभावकों को भी बधाई देना चाहती हूं जो आपकी अब तक की यात्रा में आपके संबल रहे हैं। इस दीक्षांत समारोह के आयोजन के लिए मैं संकाय सदस्यों, कॉलेज प्रशासन, और सक्रिय योगदान देने वाले अन्य सभी लोगों की सराहना करती हूं।

100 से अधिक वर्षों के अपने गौरवशाली इतिहास के दौरान यह कॉलेज विद्यार्थियों को गुणवत्ता-युक्त तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ जीवन-कौशल की शिक्षा देकर देश की सेवा में अपना योगदान करता रहा है। PEC knowledge और excellence के एक उत्कृष्ट संस्थान के रूप में जाना जाता है।

आप सबका यह सुंदर शहर, चंडीगढ़, भारत का पहला सुनियोजित शहर है जहां बहुत ही कुशलता के साथ आधुनिकता को परंपरा के साथ जोड़ा गया है। चंडीगढ़ की प्रशंसा यहां की वास्तुकला योजना, शिक्षा, स्वच्छता और अन्य विशेषताओं के लिए की जाती है। चंडीगढ़ उन संस्थानों का केंद्र है जिन्हें विभाजन के बाद यहां पुन: स्थापित किया गया था। उनमें से प्रमुख थे Punjab University, Punjab Engineering College और Government College of Arts. मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में चंडीगढ़ शहर उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता का केंद्र बनने के साथ-साथ technological innovations का केंद्र भी बनेगा।

यहां आने से पहले संघ राज्य क्षेत्र चंडीगढ़ के नव-निर्मित सचिवालय-भवन का उद्घाटन करके मुझे अत्यंत प्रसन्नता हुई है। वह भवन एक green, intelligent और smart building है। इसके लिए मैं सचिवालय-भवन के निर्माण से जुड़े सभी लोगों की सराहना करती हूं।

देवियो और सज्जनो,

Punjab Engineering College देश का एक प्रमुख संस्थान होने के साथ-साथ इस क्षेत्र में तकनीकी शिक्षा का अग्रदूत भी है। सन 1921 में लाहौर में स्थापित PEC अनुसंधान के लिए एक अग्रणी संस्थान के रूप में उभरा है और इसने वैश्विक तकनीकी परिवर्तन में अपना योगदान दिया है। ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ 2020 में स्पष्ट किया गया है कि एक अच्छी शिक्षण संस्था वह है जिसमें प्रत्येक विद्यार्थी का स्वागत किया जाता है, देखभाल की जाती है, प्रेरणादायक वातावरण होता है और अच्छे बुनियादी ढांचे और उपयुक्त संसाधनों की व्यवस्था होती है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि PEC में ये सभी विशेषताएं विद्यमान हैं। मुझे उम्मीद है कि यह कॉलेज उत्कृष्टता की दिशा में अपना प्रयास निरंतर जारी रखेगा।

मुझे यह जानकर प्रसन्नता होती है कि PEC ने देश को Technology, Industry, Civil Services, शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में विश्व-स्तर की प्रतिभाएं प्रस्तुत की हैं।

PEC के पूर्व विद्यार्थियों की सूची बहुत प्रभावशाली है। इस सूची में इसरो के पूर्व चेयरमैन और भारत में experimental fluid dynamics research के जनक, पद्म विभूषण Professor Satish Dhawan; प्रख्यात शिक्षाविद् और IIT, Delhi के संस्थापक-निदेशक Professor R.N. Dogra; Missile Technology और Defence Systems के विशेषज्ञ, Dr Satish Kumar जैसे अनेक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व शामिल हैं।

मैं PEC की पूर्व छात्रा कल्पना चावला का विशेष उल्लेख करना चाहूंगी। PEC के Aeronautical Engineering Department में शिक्षा प्राप्त करने वाली कल्पना चावला अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की पहली महिला अन्तरिक्ष-वैज्ञानिक बनी और विज्ञान के लिए आत्म-बलिदान का प्रेरक इतिहास रचा। कल्पना चावला अमर रहेंगी। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि PEC में Kalpana Chawla Chair of Geospatial Technology स्थापित है। उनके इस संस्थान में पढ़ने वाली बेटियों की संख्या में और अधिक वृद्धि होगी तथा वे और अधिक मेडल जीतेंगी, यह मेरी अपेक्षा है। देश की प्रगति को और अधिक गति प्रदान करने के लिए तकनीकी शिक्षण संस्थानों में छात्राओं की और अधिक संख्या होनी चाहिए।

प्रिय विद्यार्थियो,

सबके जीवन में कुछ ऐसे क्षण होते हैं जिन्हें हम जीवन भर संजो कर रखते हैं। मुझे विश्वास है कि आपके दीक्षांत का यह दिन आपके मन-मस्तिष्क में हमेशा अंकित रहेगा। इस प्रतिष्ठित संस्थान में अपनी यात्रा के दौरान आपने कई यादगार पल अर्जित किए होंगे, जीवन भर के लिए मित्रता बनाई होगी, अनमोल सबक सीखे होंगे और प्रचुर ज्ञान प्राप्त किया होगा। यह सब आने वाले समय में विभिन्न परिस्थितियों में आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगा। यह आपके जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ है जहां आपको अपने करियर और जीवन के अगले चरण के बारे में निर्णय लेना है। आप में से कुछ विद्यार्थियों को कई प्रतिष्ठित कंपनियों में placement मिल गया होगा और आने वाले दिनों में आप वहां join भी करने वाले होंगे। हालांकि आप में से कुछ विद्यार्थी भारत या विदेश में उच्चतर अध्ययन का विकल्प चुन सकते हैं। आप में से कुछ विद्यार्थी अपना उद्यम स्थापित करना चाहते होंगे। मैं आप सब से अपील करती हूं कि आप रोजगार तलाशने वाले की बजाय रोजगार देने वाले की तरह सोचें और आगे बढ़ें।

प्रिय विद्यार्थियो,

आज आप सब असीमित अवसरों और संभावनाओं की दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि आप इन अवसरों को सफलता में और संभावनाओं को परिणाम में बदलने के लिए सक्षम हैं। अपने जीवन में आप जो भी बनने का फैसला करें, मातृभूमि के प्रति अपने कर्तव्य को कभी न भूलें। मैं आशा करती हूं कि आप सब, संवेदनशील और जागरूक नागरिक के रूप में, देश के प्रति गौरव और देशवासियों के प्रति स्नेह का भाव रखेंगे।

प्रिय विद्यार्थियो,

आप सब भारत के भविष्य के निर्माता हैं। मुझे विश्वास है कि देश की प्रगति के अमृत-काल के इस दौर में आप सब भारत के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। मैं आप सबसे यह अपेक्षा करती हूं कि जो ज्ञान आपने इस प्रतिष्ठित संस्थान में अर्जित किया है उसका उपयोग आप मानवता की सेवा में भी करेंगे। आप सबको महात्मा गांधी के सर्वोदय के संदेश को अपनी निजी प्राथमिकताओं में स्थान देना चाहिए। समाज के सबसे अधिक वंचित और गरीब व्यक्ति को भी विकास का लाभ मिले, अर्थात सभी का उदय हो, यही सर्वोदय का लक्ष्य है। राष्ट्रपिता के जीवन-मूल्यों को आचरण में ढालना हर देशवासी का, विशेषकर आप जैसे युवाओं का, नैतिक कर्तव्य है।

प्रिय विद्यार्थियो,

आप सब हमारे देश के आदर्श नागरिक बनें, यह मेरी कामना है। संविधान में दिए गए नागरिकों के मूल-कर्तव्यों के प्रति आप सब सदैव सचेत रहेंगे, यह मेरा विश्वास है।

अंत में, एक बार फिर, आज उपाधियां प्राप्त करने वाले आप सभी विद्यार्थियों और पदक विजेताओं को मैं बधाई देती हूं तथा आप सबके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देती हूं।

धन्यवाद! 
जय हिन्द! 
जय भारत!

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