भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का लखनऊ में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित नागरिक अभिनन्दन समारोह में संबोधन (HINDI)

लखनऊ : 12.02.2023

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राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के बाद यह लखनऊ की मेरी पहली यात्रा है। इस यात्रा को आप सब के भावपूर्ण स्वागत ने अविस्मरणीय बना दिया है। इसके लिए मैं आप सबको हृदय से धन्यवाद देती हूं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश के लगभग 25 करोड़ निवासियों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने तथा देश की प्रगति में प्रभावी योगदान देने की दृष्टि से आयोजित यू॰पी॰ ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आमंत्रित करके मुझे इस महान राज्य की विकास-गाथा से जोड़ा है। इस अभिनंदन समारोह में आमंत्रित करके उन्होंने मुझे राज्य के निवासियों के स्नेह-भाव का अनुभव कराया है। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री जी का आभार प्रकट करती हूं।

विश्व की जनसंख्या में भारत का जो हिस्सा है, लगभग उतना ही हिस्सा भारत की आबादी में उत्तर प्रदेश का है। भारत सहित, केवल पांच देशों की आबादी, उत्तर प्रदेश से अधिक है। इतने बड़े प्रदेश के उद्यमी और निष्ठावान लोग, नई ऊर्जा के साथ, नए भारत के निर्माण में कार्यरत हैं, यह देखकर मैं भारत के स्वर्णिम भविष्य के प्रति आश्वस्त महसूस करती हूं।

देवियो और सज्जनो,

बाबा विश्वनाथ की काशी, प्रभु श्रीराम की अयोध्या, योगेश्वर श्रीकृष्ण की मथुरा तथा भगवान बुद्ध के सारनाथ से निकलने वाली भारत की परंपराएं और भाव-धाराएं सभी देशवासियों को एक सूत्र में जोड़ती हैं। महान ऋषि-मुनियों की संगम-स्थली नैमिषारण्य, बाबा गोरखनाथ की तपस्थली गोरखपुर, संत कबीर की मुक्ति-स्थली मगहर तथा उत्तर प्रदेश के अनेक अत्यंत पवित्र स्थलों में भारत की आध्यात्मिक शक्ति का उत्कर्ष देखा गया है। ऐसे पवित्र स्थानों की आध्यात्मिक ऊर्जा युगों-युगों तक हमारे देश को शक्ति प्रदान करती रहेगी।

उत्तर प्रदेश को गंगा, यमुना, सरयू,गोमती, घाघरा,गंडक, केन, बेतवा,राप्ती और सोन जैसी अनेक नदियों का आशीर्वाद मिलता रहा है। इन नदियों ने उत्तर प्रदेश को जल के साथ-साथ उपजाऊ मिट्टी का प्राकृतिक उपहार भी दिया है। भारतीय परंपरा के अनुसार, हम इन नदी-माताओं को नमन करते हैं तथा उन्हें अविरल और शुद्ध बनाए रखने का संकल्प लेते हैं।

प्रयागराज में गंगा-यमुना के संगम पर कुम्भ का आयोजन प्राचीनकाल से एक प्रमुख धार्मिक,आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन रहा है। वर्ष 2017 में UNESCO ने प्रयागराज कुम्भ मेला को ‘Intangible Cultural Heritage of Humanity’ अर्थात विश्व की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता प्रदान की है। वर्ष 2019 में प्रयागराज कुम्भ के अत्यंत विशाल और उत्कृष्ट आयोजन ने समस्त विश्व समुदाय पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। विशालता और उत्कृष्टता का यह संगम उत्तर प्रदेश के अनेक बड़े प्रकल्पों में दिखाई देता है। इसके लिए मैं राज्य सरकार और सभी निवासियों की सराहना करती हूं।

देवियो और सज्जनो,

गोमती के किनारे बसा आप सबका लखनऊ शहर प्राचीन कोसल साम्राज्य का महत्वपूर्ण हिस्सा था। यह कहा जाता है कि इस शहर का नाम भगवान राम के अनुज,लक्ष्मण जी के नाम पर पड़ा था। उन्नीसवीं सदी के अंत तक इस शहर को लखनपुर कहने की परंपरा चली आ रही थी। यह नगर एक तरफ हमारी प्राचीनतम परम्पराओं से जुड़ा हुआ है तो दूसरी ओर मध्यकाल और आधुनिक युग में भी संस्कृति,साहित्य, राजनीति तथा कला-कौशल का प्रमुख केंद्र रहा है।

लखनऊ में आकर श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का सहज ही स्मरण होता है। ग्वालियर में पले-बढ़े अटल जी की जीवन-गाथा में आगरा, कानपुर,बलरामपुर और लखनऊ अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। लखनऊ के लोगों ने उन्हें अपार स्नेह दिया। उनकी बातचीत में और उनके चुनाव अभियानों में लखनऊ से जुड़े इस लोकप्रिय कथन का प्रायः उल्लेख होता था:

लखनऊ हम पर फिदा, और हम फिदा-ए-लखनऊ

क्या है ताकत आसमां की, जो छुड़ाए लखनऊ।

अटल जी,लखनऊ के लोगों से बहुत गहरा जुड़ाव महसूस करते थे।

देवियो और सज्जनो,

अर्थव्यवस्था के विकास के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक प्रगति का न्यायपूर्ण और समावेशी होना भी अनिवार्य है। समाज के सभी वंचित वर्गों तथा महिलाओं को समावेशी विकास की परिधि में लाना हमारी राष्ट्रीय प्राथमिकता है। महिलाओं के सशक्तीकरण द्वारा,आधुनिक उत्तर प्रदेश का आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक न्याय सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान रहेगा,यह मेरा दृढ़ विश्वास है।

महिलाओं के राजनीतिक सशक्तीकरण के इतिहास में उत्तर प्रदेश के ऐसे अनोखे कीर्तिमान हैं जो कभी टूट नहीं सकते हैं। वर्ष 1947 में श्रीमती सरोजिनी नायडू को देश की पहली महिला राज्यपाल तथा वर्ष 1963 में श्रीमती सुचेता कृपलानी को देश की पहली महिला मुख्यमंत्री होने का ऐतिहासिक गौरव उत्तर प्रदेश में ही प्राप्त हुआ। उसके बाद,वर्ष 1972 में महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव मेरी जन्म-स्थली ओडिशा में,श्रीमती नंदिनी सत्पथी को प्राप्त हुआ। कालांतर में सुश्री मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं। कुछ अन्य राज्यों में भी महिलाओं को राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ है। वर्ष 2014 में गुजरात की मुख्यमंत्री नियुक्त होने वाली श्रीमती आनंदीबेन पटेल आज उत्तर प्रदेश की राज्यपाल हैं। उनका कुशल और स्नेहिल मार्गदर्शन मिलना आप सब का सौभाग्य है। ऐसी जन-सेविकाओं से प्रेरणा लेकर मेरी पीढ़ी की बहनें भी साहस के साथ आगे बढ़ी हैं। मुझे विश्वास है कि आने वाली पीढ़ियों की बेटियां, अनेक क्षेत्रों में,और अधिक आगे बढ़ेंगी। इन तथ्यों का उल्लेख करने के पीछे मेरी यह आकांक्षा है कि उत्तर प्रदेश महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में नए प्रतिमान स्थापित करे।

देवियो और सज्जनो,

आधुनिक चिंतन और राजनीति की विभिन्न धाराओं को दिशा देने वाले मदन मोहन मालवीय, आचार्य नरेन्द्र देव, पुरुषोत्तम दास टंडन, जवाहरलाल नेहरु, लाल बहादुर शास्त्री, राम मनोहर लोहिया, दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी, चौधरी चरण सिंह, इन्दिरा गाँधी, चंद्रशेखर, विश्वनाथ प्रताप सिंह, कल्याण सिंह और मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश की जनता की सेवा करते हुए अपने कार्य क्षेत्र को विस्तार दिया तथा पूरे देश के जनमानस में अपना विशिष्ट स्थान बनाया। अब तक, भारत के नौ प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने वाराणसी को अपना संसदीय क्षेत्र चुना है तथा भारत और उत्तर प्रदेश के साथ-साथ, अपने क्षेत्र के कायाकल्प के लिए भी वे निरंतर प्रयासरत रहते हैं।

देवियो और सज्जनो,

बारह मार्च, 2021 को शुरू किया गया ‘आजादी का अमृत महोत्सव’, सभी देशवासी मना रहे हैं। हम सभी जानते हैं कि मेरठ छावनी के बहादुर सिपाहियों ने, 1857 के स्वाधीनता समर का बिगुल बजाया था। उस संग्राम में लखनऊ से बेगम हजरत महल तथा कानपुर से नाना साहब और तात्या टोपे मोर्चा संभाल रहे थे। उस स्वाधीनता संग्राम में अपने प्राणों का उत्सर्ग करने वाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाम देश की महानतम वीरांगनाओं में सदैव अमर रहेगा। बीसवीं सदी में क्रान्ति की मशाल को जलाए रखने वाले राम प्रसाद बिस्मिल,अशफाक़ उल्ला खान, चन्द्र शेखर आजाद,राजेंद्र नाथ लाहिड़ी, दुर्गा भाभी तथा इस धरती की अनेक संतानों के शौर्य से पूरे देश में प्रेरणा का संचार हो रहा था। मुझे बताया गया है कि स्वाधीनता सेनानियों की गौरव-गाथा का परिचय देने वाले चार शहीद स्मारक गोरखपुर में स्थित हैं, जिसका प्रतिनिधित्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी करते रहे हैं।

देवियो और सज्जनो,

उत्तर प्रदेश की सरकार बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए संकल्पित है। देश की सबसे बड़ी workforceऔर सबसे बड़ी युवा आबादी को राज्य में अपनी प्रतिभा का उपयोग करने के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। मुझे विश्वास है कि उत्तर प्रदेश के निवासी,विशेषकर यहां के युवा, भावी भारत की विकास-गाथा में अपना स्वर्णिम अध्याय जोड़ेंगे। इसी विश्वास के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देती हूं।

धन्यवाद! 
जय हिन्द! 
जय भारत!

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