भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का INDIAN RED CROSS SOCIETY की ANNUAL GENERAL BODY MEETING में सम्बोधन

राष्ट्रपति भवन : 17.07.2023

डाउनलोड : भाषण (119.23 किलोबाइट)

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देश के विभिन्न भागों से आए आप सभी स्वयंसेवकों तथा प्रतिनिधियों के बीच यहां उपस्थित होकर मुझे प्रसन्नता हो रही है। आज पुरस्कृत हुए सभी विजेताओं और Red Cross में कार्य करने वाले लोगों को मैं हार्दिक बधाई देती हूं।

आज Red Cross की ओडिशा, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा की तीन शाखाओं को पुरस्कृत किया गया है। साथ ही आज डॉक्टर अम्बाटी नटराज तथा डॉक्टर गोपराजू समरम को भी सम्मानित किया गया है। इन सब विजेताओं ने संस्थागत और व्यक्तिगत स्तर पर रक्तदान के पुण्य कार्य में योगदान देने के अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किए हैं।

इसी वर्ष अप्रैल के महीने में मैं ओडिशा स्थित अपने गाँव गई थी। वहाँ छोटे-छोटे बच्चे Red Cross का निशान लेकर खड़े थे। ऐसे प्रयासों से बच्चे भी रक्त दान के महत्व को समझते हैं और उनमें परोपकार की भावना पैदा होती है। भारत की परंपरा में परोपकार को सबसे अधिक महत्वपूर्ण मानवीय मूल्य माना गया है। पूरे समाज के कल्याण के लिए देह दान करने के उदाहरण हमारे प्राचीन ग्रंथों में मिलते हैं। हमारी संस्कृति में नर सेवा को नारायण सेवा माना गया है। आज के पुरस्कार विजेता भारतीय संस्कृति में समाहित मानवता के कल्याण के ऐसे मूल्यों को चरितार्थ करते हैं। मुझे उम्मीद है कि इनके कार्यों से अन्य लोग और संस्थाएं भी प्रेरणा प्राप्त करेंगे।

Indian Red Cross Society 100 से अधिक वर्षों से सेवा कार्य कर रही है। चाहे प्राकृतिक आपदाएँ हों अथवा स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियाँ हों, Red Cross ने राहत कार्यों द्वारा अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है।

देवियो और सज्जनो,

आप सभी जानते हैं कि किसी भी हादसे या संकट के समय उपयुक्त और पर्याप्त मात्रा में blood की आवश्यकता होती है। मुझे बताया गया है कि Indian Red Cross Society देशभर में 100 से अधिक रक्त-दान केन्द्रों और mobile campaigns के माध्यम से, जीवन रक्षा हेतु, भारत की लगभग 10 प्रतिशत रक्त सम्बन्धी जरूरतों को पूरा कर रही है। जरूरतमंद लोगों के लिए सुरक्षित रूप से blood collection कर आप सभी उत्कृष्ट भूमिका निभा रहे हैं और स्वैच्छिक रक्तदान की संस्कृति को बढ़ावा देने में सहायता दे रहे हैं। मैं रक्तदान अभियान आयोजित करने, इसके लिए जागरूकता पैदा करने तथा पूरे देश में सुरक्षित और पर्याप्त रक्त आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में आपके प्रयासों की सराहना करती हूं।

आज भी, कुछ लोगों के मन में, रक्तदान को लेकर कई तरह की आशंकाएं बनी हुई हैं। लोगों को इस महान सामाजिक कार्य हेतु प्रोत्साहित करने के लिए रक्तदान के बारे में आशंकाओं और गलत-फहमियों को दूर करना जरूरी है। मैं चाहती हूं कि आप रक्तदान से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करें, और सभी लोगों, विशेषकर युवाओं को अपने साथ जोड़ें।

देवियो और सज्जनो,

कोविड-19 महामारी, देश और समग्र विश्व के लिए असाधारण रूप से चुनौतीपूर्ण रही। इस दौरान, Indian Red Cross Society ने महत्वपूर्ण सेवाएँ प्रदान की। इस संस्था ने सही जानकारी प्रसारित करने में मदद की और महामारी से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए संसाधन भी जुटाए। इस संस्था से जुड़े लोगों ने अपनी जान की परवाह किये बिना जागरूकता और राहत गतिविधियों में जिला प्रशासन का साथ दिया। Indian Red Cross Society के लोग भी covid-warriors में शामिल थे।

भारत ने कोविड-19 महामारी का सामना करने के लिए बहुत कम समय में 220 करोड़ से अधिक vaccine dose देने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। लेकिन यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है कि हम भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सदैव तैयार रहें। यह अत्यंत जरूरी है कि हम नवाचार को अपनाएं और बदलती परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालें। Humanitarian aid में Technology की सहायता से क्रांतिकारी बदलाव लाये जा सकते हैं। अपनी पहुंच का विस्तार करने के लिए Red Cross Society भी digital technologies की क्षमता का उपयोग कर सकती है।

अंत में, मैं मानवता के प्रति समर्पण और सेवा के लिए Indian Red Cross Society के सभी सदस्यों और स्वयंसेवकों की सराहना करती हूं। मानव सेवा के लिए आपका समर्पण, करुणा और निस्वार्थ भावना सभी देशवासियों को प्रेरित करती है। मैं आशा करती हूँ कि आप मानवता के कल्याण के अपने अभियान में निरंतर कार्य करते रहें। आप सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद, 
जय हिन्द! 
जय भारत!

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