भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का गुजरात विश्वविद्यालय के HERSTART स्टार्ट-अप प्लैटफ़ार्म के उद्घाटन और गुजरात सरकार के ट्राइबल डेवलपमेंट और शिक्षा से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के उद्घाटन के अवसर पर सम्बोधन

अहमदाबाद : 04.10.2022

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गुजरात के सबसे पुराने और सबसे बड़े इस विश्वविद्यालय में आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। गांधी जी और सरदार पटेल के सपनों के अनुसार वर्ष 1949 में स्थापित यह विश्वविद्यालय अनेक मानकों पर गुजरात और पूरे देश में अग्रणी स्थान रखता है। गुजरात विश्वविद्यालय के लिए यह गर्व की बात है कि न केवल भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी जी बल्कि भारत के अन्तरिक्ष कार्यक्रम के जनक, डॉक्टर विक्रम साराभाई, ISRO के पूर्व-प्रमुख, डॉक्टर के. कस्तूरी रंगन और भारत के गृह मंत्री, श्री अमित शाह भी इस university के पूर्व छात्र रह चुके हैं।

डॉक्टर विक्रम साराभाई जैसे वैज्ञानिक जिस संस्थान के छात्र रह चुके हों उसका विज्ञान, अनुसंधान और innovation में अग्रणी रहना स्वाभाविक ही है। इस university के campus में 450 से अधिक स्टार्ट-अप कार्य कर रहे हैं और उनके द्वारा रोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं। मुझे यह ज्ञात हुआ है कि वर्तमान में इस university द्वारा 125 से अधिक महिलाओं द्वारा नेतृत्व प्रदान किए जा रहे start-ups को सक्रिय सहयोग दिया जा रहा है। सिर्फ यही नहीं, करीब 15,000 महिला उद्यमी online या offline माध्यम से इस initiative से जुड़े हुए हैं।

ऐसे start-up friendly university में महिला उद्यमियोंके लिए समर्पित herSTART नामक start-up प्लैटफ़ार्म का उद्घाटन करना मेरे लिए गौरव की बात है। मुझे विश्वास है कि महिला उद्यमियों के innovation और start-up के प्रयासों को बढ़ावा देने में यह प्लैटफ़ार्म बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगा। यह प्लैटफ़ार्म महिला उद्यमियों को विभिन्न सरकारी और प्राइवेट उपक्रमों से जोड़ने का एक प्रभावी मंच भी साबित होगा।

आप सब को ज्ञात ही होगा कि, हाल में ही जारी Global Innovation Index 2022 में भारत 81वें से 40वें स्थान पर पहुंच गया है। इस संदर्भ में शिक्षा, विशेषकर बालिका और जनजातीय शिक्षा, से जुड़े सैनिक स्कूल, Girls Literacy Residential School और Eklavya Model Residential School जैसी परियोजनाओं का उद्घाटन करके मुझे हार्दिक खुशी हो रही है। क्योंकि विज्ञान, अनुसंधान और innovation में भारत की स्थिति को और मजबूत बनाने की आधारशिला स्कूली-शिक्षा द्वारा ही निर्मित होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत भी भारत को knowledge super power बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।

गुजरात ने अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है। पिछले दो दशकों में राज्य में स्कूल drop-out की दर 22 percent से घटकर 1.37 percent ही रह गयी है। शिक्षक-छात्र ratio भी 40 से सुधरकर 26 तक पहुँच गया है। आज ‘विद्या समीक्षा केंद्र’ के माध्यम से करीब 55,000 स्कूलों में छात्रों और शिक्षकों की real time monitoring की जा रही है जिससे छात्रों के learning outcome में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। मुझे यह भी बताया गया है कि Mission School of Excellence के तहत अगले पांच वर्षों में राज्य के करीब 20,000 स्कूलों की आधारभूत संरचना को upgrade करने का लक्ष्य रखा गया है।

गुजरात ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी अभूतपूर्व प्रगति की है। जहां 2001-02 में राज्य में colleges की संख्या 775 थी वहीं 2020-21 में यह संख्या 3,100 से अधिक हो गई। उच्च शिक्षा के मूल्यांकन के लिए भारत का पहला education quality and monitoring cell, ‘गरिमा सेल’ इसी राज्य में स्थापित किया गया है।

इसी तरह ‘वन बंधु-कल्याण योजना’ के प्रभावी कार्यान्वयन से जनजातीय समाज में साक्षरता दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। साथ ही school drop out दर में भी कमी आई है। गुजरात सरकार ‘गुजरात गौरव अभियान’ के अंतर्गत जनजातीय क्षेत्र के विकास के लिए अनेक योजनाओं पर कार्य कर रही है।

देवियो और सज्जनो

कल भी मैंने राज्य में स्वास्थ्य, सिंचाई, जल-आपूर्ति और यातायात से संबंधित अनेक योजनाओं की आधारशिला रखी और लोकार्पण किया। मुझे विश्वास है कि ये सारी परियोजनाएं राज्य के विकास को और अधिक गति देने और यहाँ के निवासियों के जीवन स्तर को सुधारने में सहायक सिद्ध होंगी।

मुझे यह देखकर बहुत प्रसन्नता होती है कि गुजरात विकास के कई मानकों पर पिछले दो दशकों में अग्रणी राज्य रहा है। Industry, Innovation और Infrastructure के समावेशी विकास में गुजरात ने कई मानक प्रस्तुत किए हैं।

देवियो और सज्जनो

हर राज्य के विकास का अपना model होता है जो राज्य के संसाधनों और जरूरतों से निर्धारित होता है। लेकिन गुजरात ने जिस तरह से पिछले दो दशकों में सर्वांगीण प्रगति की है उसने अन्य राज्यों को inclusive development का रास्ता दिखाया है। अगर सारे राज्य एक दूसरे से सीखते हुए और उनके सफल model को अपनाते हुए आगे बढ़े तो मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा देश अमृत-काल के दौरान एक विकसित देश के रूप में अपना स्थान सुनिश्चित कर लेगा।

जय जय गर्वी गुजरात! 
जय हिन्द! 
जय भारत!

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