भारत की माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारतीय सिविल लेखा सेवा के अधिकारियों द्वारा मुलाकात के अवसर पर संबोधन

राष्ट्रपति भवन : 25.04.2023

डाउनलोड : भाषण (136.35 किलोबाइट)


भारतीय सिविल लेखा सेवा के प्रिय अधिकारियों,

सबसे पहले, मैं आप सभी को प्रतिष्ठित भारतीय सिविल लेखा सेवा में चयन के लिए बधाई देती हूं। आप देश के वित्तीय प्रशासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। सिविल  सेवकों से यह अपेक्षा की जाती है वे नैतिकता और प्रवीणता के उच्चतम मानकों को बनाए रखें। आप सभी युवा सिविल सेवकों से अपेक्षा है कि वे उत्कृष्टता से सार्वजनिक प्रशासन करेंगे और संविधान में निहित मूल्यों को बनाए रखेंगे।

भारतीय इतिहास में उपलब्ध अभिलेखों और बही खातों से हमें पता चलता कि हमारे पूर्वजों द्वारा लेखांकन और वित्तीय प्रबंधन किया जाता था। चाणक्य ने अपनी पुस्तक अर्थशास्त्र में लेखांकन के सिद्धांतों और पद्धति का विस्तार से वर्णन किया है। उन्होंने लेखांकन में गलत प्रथाओं को रोकने में नैतिकता की भूमिका पर भी प्रकाश डाला है।

भारतीय सिविल लेखा सेवा ने यह सुनिश्चित किया है कि लेखा प्रक्रिया और लेखा रिपोर्ट सरकार में वित्तीय उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने और लोक प्रशासन में पारदर्शिता लाने का साधन बनें। सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन का एक सुदृढ़ तंत्र देश में न्यायोचित और समावेशी विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है।  देश में सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन के प्रमुख संचालकों के रूप में भारतीय सिविल लेखा सेवा के अधिकारियों से ऐसी प्रणालियां डिजाइन, विकसित और लागू करने की अपेक्षा की जाती है जो अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में भी एक मॉडल बन जाएँ।

प्रिय अधिकारियों,

लेखा महानियंत्रक द्वारा प्रकाशित राजकोषीय और वित्तीय रिपोर्ट कार्यपालिका द्वारा विचारित निर्णय का आधार होती हैं और इससे वित्तीय योजना और संसाधनों के बेहतर प्रबंधन में मदद मिलती है।

ओटोमोशन और प्रौद्योगिकी के उपयोग ने देश में शासन के प्रतिमान को बदल दिया है। हमने शासन प्रणालियों में प्रौद्योगिकी के उपयोग में वृद्धि होती देखी है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि लेखा महानियंत्रक ने पहल करते प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हुए ऐसे सिस्टम आरंभ किए हैं जिससे देश के नागरिकों तक पहुंचने में मदद मिली है। इन पहलों से देश में नकदी और ऋण प्रबंधन में सुधार करने में मदद मिली है और इनसे सरकार के वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी मदद मिली है।

देश में नागरिकों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण से भी देश के वित्तीय प्रशासन में काफी सुधार हुआ है और इससे चोरी कम करने में मदद मिली है। लेखा महानियंत्रक ने इस प्रणाली को आधार प्रदान किया है जिससे सरकार की विभिन्न योजनाओं के अच्छे परिणाम आए हैं। सरकार में भुगतान और रसीद प्रणाली ऑनलाइन कर दी गई है और इसे काफी हद तक डिजीटल कर दिया गया है जिससे शासन प्रणाली में तेजी और कुशलता आई है।

डिजिटाइजेशन और ऑनलाइन सर्विस डिलीवरी से लोक प्रशासन में काफी हद तक पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी है। नए लेखा सॉफ्टवेयर और क्लाउड स्टोरेज प्रौद्योगिकियां आ जाने से लेखांकन प्रक्रियाओं के अधिक निर्बाध और सटीक होने की गुंजाइश है।

प्रिय युवा अधिकारियों,

मुझे यह देखकर प्रसन्नता हुई है कि आप सभी देश के विविध क्षेत्रों से हैं और आप सभी विविध शैक्षिक पृष्ठभूमि से हैं। आप में से कई अधिकारियों ने सेवा में शामिल

होने से पहले अन्य क्षेत्रों में भी काम किया है। आपने अपने प्रशिक्षण के दौरान सोच और विचार का आदान-प्रदान किया होगा और दूसरों के अनुभवों को जाना होगा। मुझे विश्वास है कि इस प्रशिक्षण अवधि के दौरान बनी दोस्ती आपके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में भविष्य की चुनौतियों का बेहतर तरीके से सामना करने में आपकी मदद करेगी।


आप सभी को इस बारे में एक पता चल गया होगा कि आपसे अपने डोमेन में क्या करने और हासिल करने की अपेक्षा की जाती है। मैं, यहाँ कहना चाहूँगी कि प्रक्रिया महत्वपूर्ण है लेकिन उद्देश्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है। आप जिस भी संगठन या विभाग में तैनात रहें आपको अपने काम के उद्देश्य के बारे में पता होना चाहिए। प्रक्रिया पालन के दौरान उद्देश्य याद रखा जाना चाहिए।

प्रिय अधिकारियों,

मैं चाहती हूँ कि आप सभी देश में सार्वजनिक वित्त प्रबंधन में निरंतर कौशल बढ़ाने के लिए कार्य करें। मेरा आप सभी से आग्रह है कि जनकल्याण और देश के समावेशी विकास के उद्देश्य से कार्य करें।

मैं, आप सभी के उज्जवल भविष्य की कामना करती हूँ।

धन्यवाद! 
जय हिन्द!

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