भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारतीय रेलवे की विभिन्न सेवाओं के प्रोबेशनर्स द्वारा मुलाक़ात के अवसर पर संबोधन
राष्ट्रपति भवन : 14.09.2023
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भारतीय रेलवे की विभिन्न सेवाओं के प्यारे प्रोबेशनर्स,
मैं, राष्ट्रपति भवन में आप सबका स्वागत करती हूं। मैं, भारतीय रेलवे की विभिन्न सेवाओं में चयन के लिए आप सभी को बधाई देती हूँ। कड़े परिश्रम और दृढ़ संकल्प से आपने अपने करियर की राह तय की है। अब, जब आप भारतीय रेलवे में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य करने जाएँ, तो मैं चाहूंगी की आप यह जाने कि आपका संगठन हमारे सामाजिक जीवन में कितना महत्व रखता है।
मुझे, प्रशिक्षण अनुभवों को सुनना और युवा अधिकारियों के दृष्टिकोण को समझना हमेशा अच्छा लगता है। मैंने कई सेवाओं के प्रोबेशनर्स से मुलाकात और बातचीत की है। हमारे सभी युवा अधिकारियों में एक बात समान है कि वे बुद्धिमान, जीवंत, बहु-प्रतिभाशाली, नए विचारों से सम्पन्न और देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
प्यारे अधिकारियों,
जैसा कि हम सब जानते हैं, भारतीय रेल देश की जीवन रेखा है। ट्रेनों से प्रतिदिन लाखों यात्री अपनी मंजिल पर पहुंचते हैं। यह लोगों को रोजगार देती है साथ ही लाखों लोगों के सपने और आकांक्षाएं भी इससे जुड़ी हैं। साथ ही, भारतीय रेल न केवल भारतीय अर्थव्यवस्था बल्कि भारत की एकता और सामाजिक-सांस्कृतिक विविधता की भी रीढ़ है। आप जैसे युवा अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि आप रेलवे के तंत्र की समृद्ध विरासत का विस्तार करें और भारतीय रेल को दुनिया में सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली सेवाएं बनाने का प्रयत्न करें।
आपके प्रशिक्षण के दौरान, मैं समझती हूं कि आप सब ने पहले ही अपने-अपने क्षेत्र से संबंधित ज्ञान और कौशल अर्जित कर लिया है। मैं कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर देना चाहूंगी। प्रौद्योगिकी आज सभी क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रही है। भारतीय रेल के लिए, जो हर दिन लाखों लोगों की जरूरतों और मांगों को पूरा करती है और हर महीने लाखों टन माल का परिवहन करती है, प्रौद्योगिकी का यथासंभव सर्वोत्तम उपयोग करना आवश्यक है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि भारतीय रेलवे ने नवाचार और परिवर्तनशीलता को अपनाकर प्रशासनिक और तकनीकी क्षेत्रों में उत्कृष्टता दिखाई है। रेल विद्युतीकरण, माल लदान और राजस्व में वृद्धि और स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों का विकास जैसी पहल इसी दिशा में उठाए गए कदम हैं।
मुझे यह जानकर भी प्रसन्नता हुई कि भारतीय रेलवे ग्राहकों को निर्बाध एंड-टू-एंड सेवा प्रदान करने के लिए अन्य संगठनों और एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहा है। मुझे खुशी है कि भारतीय रेलवे ने गति शक्ति विश्वविद्यालय की स्थापना की है, जो देश में 'अपनी तरह का पहला' केंद्रीय विश्वविद्यालय है जो केवल परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों से जुड़ा कार्य करता है। मुझे विश्वास है कि यह विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग, परिवहन- अर्थशास्त्र, आपूर्ति-श्रृंखला प्रबंधन और अन्य क्षेत्रों में श्रेष्ठ पेशेवरों का एक समूह तैयार करेगा।
प्यारे युवा अधिकारियों,
आप ऐसे समय में सेवा में शामिल हुए हैं जब वैश्विक मामलों में भारत की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है और भारत कई क्षेत्रों में दुनिया का मार्गदर्शन कर रहा है। आपको जन-अनुकूल और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन प्रणाली के लिए नए एप्लिकेशन और सिस्टम तैयार करके देश की तकनीकी उन्नति में एक नया रास्ता तय करने में योगदान देना होगा।
जो लोग ट्रेनों में यात्रा करते हैं उन्हें अपनी यात्रा की याद बनी रहती है। भारत ने हमेशा 'अतिथि देवो भव' की परंपरा निभाई है, इसी परंपरा को हाल ही में संपन्न जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व नेताओं ने अनुभव किया। मैं, आप सब से आग्रह करती हूं कि ग्राहकों, विशेष रूप से यात्रियों के साथ अपने मेहमानों की तरह व्यवहार करें और उन्हें ऐसी सर्वोत्तम सेवा और अनुभव प्रदान करें, जिसे वे संजोकर रख सकें। आपको वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएं बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए। मैं यहाँ हर तरह से यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी ज़ोर देना चाहूंगी। उन्नत तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित-अनुप्रयोगों के साथ, रेल सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कुशल और फुलप्रूफ सिस्टम डिजाइन किए जाने चाहिए।
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि भारतीय रेलवे ने रेलवे के विद्युतीकरण, ऊर्जा दक्षता में सुधार, स्टेशनों/प्रतिष्ठानों के लिए हरित प्रमाण-पत्र प्राप्त करने और ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों को अपनाने सहित कई हरित पहल की हैं। मुझे यकीन है कि आप सब युवा अधिकारी, इन सभी पहलों को आगे लेकर जाएंगे और हरित रेलवे और स्थाई परिवहन प्रणाली के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उन्हें समय पर कार्यरूप देंगे।
अंत में, मैं आपकी सफलता की कामना करती हूं और आशा करती हूँ की आप अपनी सेवा और देश को गौरवान्वित करेंगे।
धन्यवाद!
जय हिन्द!
जय भारत!