भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का केशव मेमोरियल एजुकेशनल सोसाइटी में संबोधन

नारायणगुड़ा, हैदराबाद : 27.12.2022

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आप जैसे तीव्र बुद्धिऔर उत्साही युवाओंके बीच आज यहां आना मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। मैं, केशव मेमोरियल एजुकेशनल सोसाइटी की rich history और noble mission को स्वीकार करते हुए अपनी बात शुरू करना चाहती हूं। वर्ष 1940 में श्री विनायक राव विद्यालंकार द्वारा अपने पिता, न्यायमूर्ति केशव राव कोराटकर के सम्मान में स्थापित की गई यह संस्था अपने आदर्श वाक्य ‘विद्ययाऽमृतमश्नुते’ को सार्थक कररही है, जिसका अर्थ है कि ज्ञान, immortal wisdom तक ले जाता है। यह, न केवल पारंपरिक ज्ञान प्रदान करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि छात्रों को बढ़िया चरित्र वाले अच्छे नागरिकों के रूप में तैयार करने की भी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

केशव मेमोरियल एजुकेशनल सोसाइटी का सक्रिय और सामाजिक जिम्मेदारी का समृद्ध इतिहास रहा है। मुझे बताया गया है कि इसके मैदान पर ही 15 अगस्त 1947 को ऐतिहासिक ध्वजा रोहण किया गया था उस समय हैदराबाद पर निज़ाम का शासन था। इसकी प्रबंधन समिति में नारायण राव पवार, वंदेमातरम रामचंद्र राव और कंडे राव कुलकर्णी जैसे प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी शामिल रहे हैं।

मुझे, विशेषरूप से केशव मेमोरियल एजुकेशनल सोसाइटी कीनि: शुल्क चिकित्सा सेवा प्रदान करने की प्रतिबद्धता, विकास के लिए गांव को गोद लेने और उन सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने के प्रयासोंने प्रभावित किया है, जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता या पिता को खो दिया है। मराठी, हिंदी और तेलुगु भाषा में शिक्षा पर सोसाइटी का ध्यान शिक्षा के समावेशी दृष्टिकोण और समुदाय की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में उठाया गया एक कदम है। मैं इस महत्वपूर्ण कार्य को करने के लिए सोसाइटी के वर्तमान प्रबंधन को बधाई देती हूं।

देवियो और सज्जनों,

शिक्षा की नींव पर राष्ट्र का निर्माण होता है। शिक्षा हर व्यक्ति की पूरी क्षमता को अनलॉक करने की कुंजी है।मुझे यह जानकर खुशी है कि केशव मेमोरियल एजुकेशनल सोसाइटी की गतिविधियाँ कई गुना बढ़ गई हैं और वर्ष 1940 में एक छोटे से स्कूल से आरंभ होकर यह अब यहनौ अलग-अलग कॉलेजों वाला एक प्रमुख शैक्षिक केंद्र बन गया है, जिसमें 11,000 से अधिक छात्र नामांकित हैं।

सोसाइटी का यह विकास न्यायमूर्ति केशव राव कोराटकर के आदर्शों को श्रद्धांजलि स्वरूप है, जिनकी स्मृति में सोसाइटी की स्थापना की गई है। मुझे प्रसन्नता है की मुझे, इस परिसर में उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने का अवसर मिला। मुझे यह जानकर खुशी है कि यहाँ कुल छात्रों में लगभग 40 प्रतिशत लड़कियां हैं। हमें, हमारी लड़कियों को विशेष रूप से उच्च शिक्षा संस्थानों में पढ़ने और उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए भेजने की आवश्यकता है।

महात्मा गांधी ने कहा थाजि से मैं उद्धृत करना चाहूंगी, "यदि आप एक पुरुष को शिक्षित करते हैं तो आप एक व्यक्ति को शिक्षित करते हैं, लेकिन यदि आप एक महिला को शिक्षित करते हैं तो आप एक पूरे परिवार को शिक्षित करते हैं।" जब लड़कियों को शिक्षा और अवसर उपलब्ध होते हैं, तो वे अक्सर लड़कों से बेहतर प्रदर्शन करती हैं। वे प्रतिभा और क्षमता का एक अविश्वसनीय स्रोत हैं।

देवियो और सज्जनों,

मुझे खुशी है कि हैदराबाद की मुक्ति की 75वीं वर्षगांठ का समारोह 'आजादी के अमृत महोत्सव' के हिस्से के रूप में आयोजित किया जा रहा है। यह इस क्षेत्र के लोगों और समग्र रूप से पूरे देश के लिए बहुत महत्व रखता है । सरदार वल्लभभाई पटेल के प्रयासों के कारण निज़ाम को आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर होना पड़ा और हैदराबाद को भारतीय संघ में जोड़ा गया। इस समारोह के बाद, मुझे 'भारत के लौह पुरुष' की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने का अवसर मिलेगा जो मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी। मैं, इस अवसर पर हैदराबाद की मुक्ति के लिए लड़ने वाले बहादुर नेताओं रामजी गोंड, तुर्रेबाज़ खान, कोमाराम भीम, सुरवरम प्रताप रेड्डी और शोयाबुल्ला खान को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। उनकी वीरता और बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा और उनका सम्मान किया जाएगा। यहां आने से पहले मैंने हैदराबाद की आजादी के लिए लड़ने वाले उन देश भक्तों की वीरता से जुड़ी एक फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन करने का सौभाग्य मिला।

जैसा कि हम हम ऐतिहासिक उपलब्धि, आजादी का अमृत महोत्सव का जश्न मना रहे हैं, तो हमें यह याद रखना चाहिए कि हमारी स्वतंत्रता केवल अतीत के दमनकारी शासकों से मुक्ति के संबंध में नहीं है, यह आज उठाए गए सुविचारित कदमों के माध्यम से उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने के संबंध में भी है। जब हम भविष्य की तरफ बढ़ते हैं तो यह सुनिश्चित करना भारत के युवाओं पर निर्भर है कि हम अपने पूर्वजों द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर आगे बढ़ेंऔर अपने राष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं।

इसका अर्थ यह है की हम कड़ी मेहनत करें और हम जो करें वह उसमें उत्कृष्टता के साथ करें। इसका मतलब ऐसे जिम्मेदार और प्रतिबद्ध नागरिक बनना है,जो समाज की बेहतरी के लिए योगदान दे सकें। इसका अर्थ है संविधान के मूल्यों और आदर्शों को बनाए रखना और अधिक समावेशी और न्याय संगत समाज बनाने की दिशा में काम करना। इसका अर्थ है जलवायु परिवर्तन से निपटना और पृथ्वी को आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित बनाना।

मेरे प्रिय छात्रों,

आप, प्रौद्योगिकी, प्रबंधन, कानून, वाणिज्य, humanities और सामाजिक विज्ञान सहित विविध विषयों के छात्र हैं औरआप भारत की शैक्षणिक और बौद्धिक क्षमता का प्रतिनिधित्व करते हैं। मुझे विश्वास है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन से critical thinking और creativity को बढ़ावा देने के लिए शिक्षार्थी केंद्रित शिक्षा प्रणाली तैयार होगी। फोकस में इस बदलाव से न केवल आपको व्यक्तिगत रूप से लाभ मिलेगा बल्कि इससे राष्ट्र की समग्र प्रगति और विकास में भी योगदान मिलेगा देगा।

मेरे प्रिय छात्रों,

शिक्षा के संदर्भ में मैं पढ़ने के महत्व पर जोर देना चाहती हूं। पढ़ने की आदत आत्म-विकास के सबसे प्रभावी साधनों में से एक है। पढ़न की आदत आपकी शब्दावली, critical thinking और संचार कौशल जैसे अन्य कौशलों को बेहतर बनाने में भी मदद कर सकती है। यह कौशल जीवन भर आपके काम आएगा, चाहे आपने कोई भी कैरियर मार्ग चुना हो।

वर्ष 1964 में एक पुस्तकालय का उद्घाटन करते हुए, मेरे विद्वान पूर्ववर्ती राष्ट्रपति डॉ. एस. राधाकृष्णन ने कहा था, जिसे मैं उद्धृत करती हूं, "सिनेमा या फिल्म देखने जाना या नाटक देखना या दोस्तों के साथ झगड़ा करना आसान है; लेकिन चुपचाप बैठकर पुस्तक को पहले से आखिरी पन्ने कुछ पढ़ना अनुशासन का अभ्यास है।"

यह इंटरनेट और सोशल मीडिया का युग हैऔर ध्यान से पढ़ने की अवधिअब कम होती जा रही है तथा बातचीत का दायरा अक्षरों तक सिमट गया है। मैंआग्रह करूंगी की आप अपनी समझ का दायरा बढ़ाने और अपने दृष्टिकोण को व्यापक बनाने के लिए अधिक से अधिक पढ़ें।

देवियो और सज्जनों,

मैं इस अवसर पर प्रौद्योगिकी और नवाचार के लिए एक आधुनिक केंद्र के रूप में हैदराबाद की सफलताओं के लिए हैदराबाद के निवासियों की सराहना करती हूं। हैदराबाद एक संपन्न आईटी क्षेत्र और आधुनिक सुविधाओं वाला शहर है और यह रहने और काम करने के लिए बहुत अच्छी जगह है। यह एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविध आबादी वाला शहर है, जहां विचार और दृष्टिकोण आकर मिल जाते हैं। यह विविधता शहर की सबसे बड़ी शक्तियों में से एक है, और इसने विकास के केंद्र के रूप में इसकी सफलता में योगदान दिया है। मैं आप सभी को, इस शहर द्वारा प्रस्तुत किए जाने वालेअवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करती हूं।

प्रिय छात्रों,

मुझे विश्वास है कि आप भारत के अधिक समृद्ध, मजबूत और विकसित राष्ट्र बनने के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मैं आपके शैक्षणिक प्रगति और उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं देती हूं।

धन्यवाद! 
जय हिन्द! 
जय भारत!

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