भारत की माननीया राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में 124वें प्रारंभिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले राज्य के सिविल सेवा अधिकारियों द्वारा मुलाक़ात के अवसर पर संबोधन

राष्ट्रपति भवन : 13.03.2023

डाउनलोड : भाषण (135.5 किलोबाइट)

प्रिय अधिकारियों,

मैं आप सभी को पदोन्नति और भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में प्रवेश पर बधाई देती हूं। IAS अधिकारियों के रूप में, आप बड़ी जिम्मेदारी और अधिकार के साथ देशवासियों की सेवा करेंगे। अपनी जिम्मेदारियों के प्रभावी निर्वहन के लिए आपको राष्ट्रीय दृष्टिकोण रखना जरूरी है।

मुझे बताया गया है कि आपको दिया जा रहा प्रशिक्षण व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करने में सहायक होगा और आपको अद्यतन नई नीतियों और कार्यक्रमों के ज्ञान से लैस करेगा। आशा है की यह प्रशिक्षण प्रभावी प्रशासन के लिए आवश्यक कौशल को मजबूत करेगा। मुझे यह जानकर भी खुशी हुई कि इस समूह में बड़ी संख्या में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व हुआ है। मुझे बताया गया है कि इस समूह में पांचवां हिस्सा महिलाओं का हैं। आशा है कि भविष्य में सेवा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा। मुझे विश्वास है कि इस प्रशिक्षण के दौरान आप सबके द्वारा अपने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विचारधारा और ज्ञान के आदान-प्रदान से आपको देश की विविध संस्कृति के बारे में बेहतर जानकारी मिलेगी।

प्रिय अधिकारियों,

आप लगभग सभी विभिन्न पदों पर राज्य सरकारों में 20 से अधिक वर्ष तक सेवा प्रदान कर चुके हैं। इन वर्षों में आपने कई चुनौतियों का सामना किया होगा और कड़े फैसले भी लिए होंगे। मैं आपसे कहना चाहूंगी कि आप हमेशा Nation First और People First की भावना से काम करें। आईएएस अधिकारियों तौर पर आपको सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता, प्रतिबद्धता साथ ही तीव्रता से कार्य करने के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। आपने इन सभी मूल्यों के बारे में सुना तो कई बार होगा और पढ़ा भी होगा, लेकिन उन्हें अमल में लाना बहुत जरूरी है। आजकल प्रौद्योगिकी के उपयोग से त्वरित और अधिक कुशलता से सेवा प्रदान की जा सकती है और त्वरित प्रशासनिक कार्रवाई की जा सकती है।

हमने देखा ही है कि हर क्षेत्र में लोग नवीनतम तकनीकों को अपना रहे हैं। तथापि, अक्सर अधिकारियों को नई तकनीकों को सीखने और मोबाइल फोन पर नवीनतम सुविधाओं का उपयोग करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मैं कहूँगी कि सारा मामला मन का है। अपने मन और दिमाग को नए विचारों और प्रक्रियाओं के लिए हमेशा तैयार रखें। नई प्रौद्योगिकियों और तकनीकों को सीखने में संकोच नहीं करते हुए युवाओं से मदद लेनी चाहिए और स्वयं को नवीनतम ज्ञान और उन्नत तकनीकों से लैस रखना चाहिए।

प्रिय अधिकारियों,

मानसिकता से जुड़ा एक और विषय भी है, जिस पर मैं यहां कुछ कहना चाहूंगी। कई मौकों पर यह देखा जाता है कि कार्य के संबंध में अक्सर यथास्थिति बनाए रखने की प्रवृत्ति देखी जाती है। यह, या तो जड़ता है अथवा यह हमारे आसपास के बदलते परिदृश्य से उत्पन्न होने वाली लोगों की समस्याओं के प्रति उदासीनता है। सिविल सेवकों को 'बेहतर के लिए परिवर्तन' की मानसिकता के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

देश को ऐसे सिविल सेवकों की आवश्यकता है जो नवोन्मेषी, सक्रिय और विनम्र हों, पेशेवर, प्रगतिशील, ऊर्जावान, पारदर्शी, तकनीक-सक्षम और रचनात्मक विचारधारा वाले हों, 'मिशन कर्मयोगी' का उद्देश्य ऐसे ही सिविल सेवक तैयार करना है। ऐसी नेतृत्व शैलियों और मूल्यों को अपनाने वाले प्रशासनिक अधिकारी बेहतर तरीके से राष्ट्र और नागरिकों की सेवा कर पाएंगे।

मुझे बताया गया है कि आपके प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुछ मॉड्यूल का उद्देश्य व्यवहार-आयामों को परिष्कृत करना है, साथ ही एआई और डेटा एनालिटिक्स और वित्तीय प्रबंधन, और बजट पर भी ये इनपुट उपलब्ध हैं। इन इनपुट को जानकर आप विभिन्न डोमेन में प्रभावी ढंग से काम कर सकेंगे। नवीनतम तकनीकों को अपनाने के साथ-साथ आपको अपने कामकाज में हमेशा मानवीय दृष्टिकोण अपनाना है। आपको आम आदमी के लिए एक सूत्रधार के रूप में कार्य करना है।

प्रिय अधिकारियों,

देश 'अमृत काल' में प्रवेश कर चुका है और देश हर मोर्चे पर आगे बढ़ रहा है। विकास की इस यात्रा में आपका योगदान बहुत महत्व रखता है। यदि सभी जनसेवक नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने और लोगों के हित और भलाई के लिए निर्णय लेने के लिए दृढ़ संकल्पित हो जाएँ तो देश निश्चित रूप से गौरवान्वित होगा।

मैं आपके उज्जवल भविष्य की कामना करती हूँ।

धन्यवाद! 
जय हिन्द! 
जय भारत!

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