भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर), भारतीय सिविल लेखा सेवा, भारतीय रक्षा लेखा सेवा, भारतीय रेल लेखा सेवा और भारतीय डाक और दूरसंचार (वित्त और लेखा) सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों ने राष्ट्रपति से भेंट की

राष्ट्रपति भवन : 03.02.2023

भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर), भारतीय सिविल लेखा सेवा, भारतीय रक्षा लेखा सेवा, भारतीय रेलवे लेखा सेवा और भारतीय डाक और दूरसंचार (वित्त और लेखा) सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों ने आज 3 फरवरी, 2023 को राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।

अधिकारियों को संबोधित करते हुएराष्ट्रपति ने कहा कि जैसे-जैसे हमारी शासन प्रणाली अधिक कुशल, जवाबदेह और पारदर्शी प्रशासन और निर्बाध सेवा प्रदान करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है, राजस्व सेवा और विभिन्न लेखा सेवाओं को पहले की अपेक्षा बहुत बड़ी भूमिका निभानी होगी। दो दिन पहले, केंद्रीय बजट 2023-24 पेश किया गया था जिसमें आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार के वित्त का अनुमानित लेखा-जोखा दिया गया। अपने बजट का उद्देश्य नागरिकों-विशेष रूप से युवाओं के लिए विकास के अवसर पैदा करना, समावेशी विकास करना और कई अन्य राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त करना है। उन सभी को अपनी-अपनी सेवाओं में लेखांकन, लेखा परीक्षा और बजट-निर्माण के माध्यम से यह सुनिश्चित करना होगा कि करदाताओं के धन का एक-एक रुपया देश के विकास और लोगों की भलाई के लिए उपयोग किया जाए।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क और अप्रत्यक्ष कर) के अधिकारियों के पास सरकार के अप्रत्यक्ष करों के संग्रह और प्रशासन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के रूप में एक चुनौतीपूर्ण काम है। कर अनुपालन सुनिश्चित करने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे आर्थिक विकास और समावेशी विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। आईआरएस सीमा शुल्क अधिकारी देश के 'इकोनोमिक फ़्रंटियर' के संरक्षक के रूप में भी कार्य करते हैं और नशीले पदार्थों के नियंत्रण, मनी लॉन्ड्रिंग और देश के कर चोरी से जुड़े मुद्दों से निपटने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। उन्होंने उनसे यह स्मरण रखने का आग्रह किया कि कराधान केवल सरकारी राजस्व बढ़ाने के लिए नहीं है; यह आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।

राष्ट्रपति ने कहा कि शासन में जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लेखांकन प्रमुख माध्यमों में से एक है। मजबूत सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली सुशासन का आधार है। भारतीय सिविल, रक्षा, रेलवे और डाक और दूरसंचार लेखा सेवा के अधिकारियों की एक ऐसी मजबूत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली तैयार करनेऔर इसे बनाए रखने की जिम्मेदारी है जो सरकार के कामकाज को सुचारू पूरा करने में मदद करे। इसलिए, सरकार में उनकी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है और आपको पूरी प्रतिबद्धता और कौशल के साथ अपनीजिम्मेदारी निभानी है।

राष्ट्रपति ने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ-साथ सर्विस डिलिवरी में अधिक दक्षता के लिए लोगों की अपेक्षाएं बढ़ रही हैं। उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिएसरकारी विभागों के लिए यह अनिवार्य है कि वे सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का सर्वोत्तम उपयोग करके अपनी प्रणालियों का आधुनिकीकरण करें। इस तरह, प्रौद्योगिकी की तेजी से बदलती दुनिया के साथ तालमेल बिठाना एक चुनौती होगी। अधिकतमजनता तक सेवाएं पहुंचाने के लिए, हमें अपने ज्ञान और प्रणालियों को अद्यतन रखना होगा। हमें यह देखना होगा कि हम अपने भुगतान, लेखा और कर संग्रह प्रणालियों को सुचारू और निर्बाध बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का कैसे सर्वोत्तम उपयोग कर सकते हैं। लेखा परीक्षा में आईटी उपकरणों का उपयोग न केवल गलत कार्यों को उजागर करने के लिए बल्कि विभिन्न सरकारी योजनाओं की प्रक्रियाओं और परिणामों का मूल्यांकन और निगरानी के लिए किया गया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्र अपने ऐसे मानव संसाधन के बल पर प्रगति करता है, जो अन्य भौतिक संसाधनों का सर्वोत्तम संभव तरीके से उपयोग में लाता है। उन्होंने सभी अधिकारियों से ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आग्रह किया।

समाचार प्राप्त करें

Subscription Type
Select the newsletter(s) to which you want to subscribe.
समाचार प्राप्त करें
The subscriber's email address.