भारत की राष्ट्रपति ने भूमि सम्मान 2023 प्रदान किए

राष्ट्रपति भवन : 18.07.2023

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 18 जुलाई, 2023 को नई दिल्ली में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित एक समारोह में "भूमि सम्मान" 2023 प्रदान किए। यह पुरस्कार राज्य सचिवों और जिला कलेक्टरों के साथ उनकी टीमों ने प्राप्त किया जिन्होंने डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (डीआईएलआरएमपी) के मुख्य घटकों को हासिल करने में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि देश के समग्र विकास के लिए ग्राम विकास को गति प्रदान करना अनिवार्य है। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए भूमि अभिलेखों का आधुनिकीकरण एक बुनियादी जरूरत है क्योंकि अधिकांश ग्रामीण आबादी की आजीविका भूमि संसाधनों पर निर्भर है। ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए एक व्यापक एकीकृत भूमि प्रबंधन प्रणाली अत्यंत महत्वपूर्ण है।

राष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटलीकरण अपनाने से पारदर्शिता बढ़ती है। भूमि अभिलेखों के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण से देश के विकास पर बहुत अच्छा असर पड़ेगा। भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण और विभिन्न सरकारी विभागों के साथ इसे लिंक कर देने से कल्याणकारी योजनाओं को सही कार्यरूप प्रदान करने में मदद मिलेगी। बाढ़ और आग लगने जैसी आपदाओं की स्थिति में दस्तावेजों के खो जाने के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याएं भी नहीं होंगी।

राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि डिजिटल इंडिया भूमि सूचना प्रबंधन प्रणाली के तहत, एक विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या प्रदान की जा रही है जो आधार कार्ड की तरह उपयोगी सिद्ध हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह संख्या भूमि के समुचित उपयोग के साथ-साथ नई कल्याणकारी योजनाओं को बनाने और कार्यरूप प्रदान करने में मदद करेगी। ई-कोर्ट को भूमि रिकॉर्ड और पंजीकरण डेटा-बेस से जोड़ने से अनेक लाभ होंगे। डिजिटलीकरण से जो पारदर्शिता आ रही है उससे जमीन संबंधी अनैतिक और गैर-कानूनी गतिविधियों पर भी अंकुश लगेगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि भूमि संबंधी जानकारी निःशुल्क और सुविधाजनक तरीके से मिलने से कई फायदे होंगे। उदाहरण के लिए, भूमि के स्वामित्व और उपयोग से संबंधित विवादों को सुलझाने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारे देश की एक बड़ी आबादी जमीन से जुड़े विवादों में उलझी रहती है तथा प्रशासन एवं न्याय-पालिका का बहुत अधिक समय इन मामलों में लग जाता है। डिजिटलीकरण और सूचना के संयोजन के माध्यम से लोगों और संस्थानों की जो ऊर्जा विवाद में खप जाती है वह विकास में लगेगी।

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