भारत की राष्ट्रपति ने 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन सत्र की शोभा बढ़ाई और प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रदान किए भारतीय डायस्पोरा की सामूहिक शक्ति और क्षमता राष्ट्र के समावेशी विकास को और बल प्रदान करेगी: राष्ट्रपति मुर्मु
राष्ट्रपति भवन : 10.01.2023
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भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 10 जनवरी, 2023 को इंदौर, मध्य प्रदेश में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन सत्र में भाग लिया और उसे संबोधित किया और प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रदान किए।
सभा को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय डायस्पोरा आज वैश्विक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण और विशिष्ट शक्ति बन गया है। यह हर क्षेत्र में एक ऊर्जावान और आत्मविश्वासी समुदाय के रूप में विकसित हुआ है, और नेतृत्व के पदों सेविश्व मामलों में शानदार योगदान दे रहा है। भारतीय डायस्पोरा ने असाधारण समर्पण और कड़ी मेहनत का प्रदर्शन किया है, और कला, साहित्य, राजनीति, खेल, व्यवसाय, शिक्षा, परोपकार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट बनने के लिए कई चुनौतियों को पार किया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले दो दशकों में, प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन ने सरकार, भारत की जनता और डायस्पोरा के बीच उपयोगी संबंध बनाने के लिए एक अद्वितीय मंच के रूप में कार्य किया है।
प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार, डायस्पोरा सदस्यों की भारत और उनके घरेलू देशों में उनके योगदान के लिए देश में सर्वोच्च प्रतिष्ठा का प्रतीक है। ये पुरस्कार इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये न केवल प्रवासियों की उपलब्धियों के प्रति हमारी प्रशंसा और स्वीकृति को दर्शाते हैं, बल्कि दुनिया में भारत के झंडे को ऊंचा रखने के उनके संकल्प में हमारे विश्वास को भी दर्शाते हैं।
इस वर्ष के प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की थीम - "डायस्पोरा: अमृत काल में भारत की प्रगति के विश्वसनीय भागीदार" का उल्लेख करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि यह थीम भारत के राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों की उपलब्धि में भारतीय डायस्पोरा को भागीदार बनाने की भारत की इच्छा को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्षों में, भारत 2047 तक, जब हम अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मना रहे होंगे, एक आत्मनिर्भर विश्व लीडर बनने के लिए सामूहिक परिश्रम, त्याग और गहन विकास की महत्वाकांक्षी यात्रा शुरू करने जा रहा है ।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय डायस्पोरा की सामूहिक शक्ति और क्षमता राष्ट्र के समावेशी विकास को और बल प्रदान करेगी। उन्होंने डायस्पोरा परिवार के प्रत्येक सदस्य से इस यात्रा में पूरी तरह से भागीदार बनने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के विजन को प्राप्त करने हेतु हमारी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए वे अपनी ऊर्जा, अनुभव, विचारों, व्यापार कौशल, निवेश, तकनीकी विशेषज्ञता और नॉलेज शेयरिंग में योगदान दे सकते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि मातृभूमि की माटी की पुकार ऐसी होती है जो समय और दूरी की बाधाओं को नहीं देखती है। भारतीय डायस्पोरा ने दुनिया के विभिन्न कोनों में अपने निवास के देशों में समृद्ध और उत्पादनशील जीवन का निर्माण किया है, उनका हमेशा हमारे दिलों में, केवल बढ़े हुए परिवार के सदस्यों के रूप में ही नहीं बल्कि भारत के विकास में जिम्मेदार भागीदारों के रूप में एक विशेष स्थान रहेगा।