भारत की राष्ट्रपति चंडीगढ़ में; भारतीय वायु सेना के 90वें वर्षगांठ समारोह में शामिल हुईं; पंजाब राजभवन में नागरिक अभिनंदन समारोह में शामिल हुईं
राष्ट्रपति भवन : 08.10.2022
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (8 अक्टूबर, 2022) को चंडीगढ़ में सुखना झील में भारतीय वायु सेना की 90वीं वर्षगांठ समारोह में भाग लिया।
बाद में शाम को, राष्ट्रपति ने पंजाब राज भवन में उनके सम्मान में आयोजित एक नागरिक अभिनंदन समारोह में भाग लिया।
सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सामाजिक और धार्मिक सुधारों से लेकर स्वतंत्रता संग्राम तक, कृषि क्रांति से लेकर औद्योगिक विकास तक, पंजाब और हरियाणा के इस क्षेत्र ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जिन राज्यों की चंडीगढ़ राजधानी है, उन राज्यों ने भारतीय कृषि के विकास में आगे बढ़कर योगदान दिया है। 1960 के दशक में, जब हमारा देश खाद्य संकट से गुजर रहा था, पंजाब और हरियाणा के किसानों ने हरित क्रांति को सफल बनाया। हरित क्रांति से देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई ।
राष्ट्रपति ने कहा कि चंडीगढ़ पांच नदियों के राज्य पंजाब - और श्रीमद् भगवद-गीता का उद्गम स्थल हरियाणा दोनों राज्यों के लिए विशेष महत्व रखता है। इसे इन दोनों राज्यों की राजधानी होने का गौरव प्राप्त है। दोनों राज्यों के लोग शिक्षा, रोजगार, चिकित्सा और कई अन्य कारणों से चंडीगढ़ आते हैं। इसलिए, चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा के लोगों के जीवन में एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हर साल सर्दी के मौसम में वायु गुणवत्ता सूचकांक से जुड़े मुद्दे की, विशेषकर इस क्षेत्र की चर्चा पूरे देश में होती है। प्रदूषण के दुष्परिणामों से हर कोई जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय जीवन शैली का मूल आधार मनुष्य का प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाए रखना रहा है। प्रकृति के साथ जीने की कला में ही मानव का कल्याण निहित है।
राष्ट्रपति ने कहा कि संघ राज्य क्षेत्र चंडीगढ़ के साथ-साथ पंजाब और हरियाणा को प्रकृति ने कई अनोखे उपहारों से नवाजा है जिनका सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। हमें उन सभी रास्तों को छोड़ देना चाहिए, जो प्रकृति अनुकूल नहीं हैं और जिनसे प्रदूषण फैलता है। और यह हम सभी पर लागू होता है। हमें प्रकृति के साथ तालमेल बिठाने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भी मदद लेनी चाहिए।
महिला सशक्तिकरण के बारे में बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय संस्कृति में हम दुर्गा, लक्ष्मी, काली और चंडी के रूप में देवत्व की पूजा करते हैं। हम अपने गांवों में प्रवेश करने से पहले ग्राम देवी की पूजा करते हैं। उन्होंने कहा कि पुरुष और महिलाएं हमारे देश के दो समान हित धारक हैं। उन्हें आगे बढ़ने के समान अवसर दिए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत के साथ सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं। गांवों में भी आजकल लड़कियों को पढ़ने और अपना करियर बनाने के काफी अवसर दिए जा रहे हैं। सीमावर्ती इलाकों में सेवा देने से लेकर फाइटर पायलट बनने तक महिलाएं आज हर जगह अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। उन्होंने कहा कि समाज की यह जिम्मेदारी है कि वह लड़कियों और लड़कों दोनों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करे ताकि हमारा देश आगे बढ़ सके।