भारत की राष्ट्रपति रायरंगपुर में नागरिक अभिनंदन समारोह में शामिल हुईं

राष्ट्रपति भवन : 04.05.2023

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज 4 मई, 2023 को रायरंगपुर नगर पालिका द्वारा उनके सम्मान में रायरंगपुर, ओडिशा में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में शामिल हुईं।

इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि वह राष्ट्रपति का दायित्व संभालने के बाद पहली बार मयूरभंज आईं, लेकिन वह अक्सर अपने गांव के बारे में सोचती हैं। हालाँकि, वह आधिकारिक जिम्मेदारियों के कारण वहाँ नहीं जा सकीं लेकिन उनके परिवार के सदस्य, पड़ोसी और गाँववासी सभी हमेशा उनकी याद में बने रहे हैं।

अपनी यात्रा को याद करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि बचपन से ही उनमें बहुत कुछ सीखने की ललक रही है। हालाँकि उसके पिता संपन्न नहीं थे, लेकिन वह चाहते थे कि मैं उच्च शिक्षा प्राप्त करूँ। घर में साधन नहीं थे, लेकिन इच्छा-शक्ति थी और इच्छा-शक्ति है तो मार्ग स्वत: ही बनता चला जाता है। उन्होंने अपने शिक्षकों, पड़ोसियों और वरिष्ठजनों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की, जिन्होंने उनकी जीवन-यात्रा के दौरान हमेशा उन्हें स्नेह और सहयोग दिया।

राष्ट्रपति ने कहा कि रायरंगपुर में श्री अरबिंदो इंटीग्रल स्कूल एंड रिसर्च सेंटर में एक मानद शिक्षक के रूप में कार्य करके उन्होंने श्री अरबिंदो के बारे में बहुत कुछ जाना और वे उनके लिए प्रेरणा के स्रोत बन गए। स्नेहवत उन्होंने श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को याद किया और उनकी प्रसिद्ध कविता का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने भगवान से प्रार्थना की थी कि वे इतनी ऊंचाई हासिल नहीं करना चाहेंगे कि अपनों को गले न लगा सकें।

राष्ट्रपति ने रायरंगपुर के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों को याद करते हुए कहा कि वह आज जो कुछ भी हैं, रायरंगपुर के कारण हैं। मैं यहां का नाम रोशन कर पाऊँ या न कर पाऊँ, लेकिन रायरंगपुर का नाम कभी खराब नहीं होने दूँगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि रायरंगपुर नगर पालिका की उपाध्यक्ष के रूप में उन्हें रायरंगपुर को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी दी गई थी। उन्होंने कहा कि तब स्वच्छ भारत अभियान नहीं था, फिर भी उन्होंने रायरंगपुर को स्वच्छ रखने के लिए काम किया। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि स्वच्छ भारत अभियान की सफलता में लोग अपना योगदान दे रहे हैं।

इससे पहले दिन में, राष्ट्रपति ने बड़ाबंधा, रायरंगपुर के पास 100 फीट का राष्ट्रीय ध्वज फहराने का उद्घाटन किया। उन्होंने विभिन्न स्थानों पर श्री सुनाराम सोरेन, पं. रघुनाथ मुर्मु, श्री बीजू पटनायक और उत्कल गौरव मधुसूदन दास की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की।

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