भारत की राष्ट्रपति ने असम में, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी में सुपर कंप्यूटर सुविधा केंद्र और उच्च शक्ति वाले माइक्रोवेव घटकों की डिजाइन और विकास प्रयोगशाला तथा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का उद्घाटन किया, एनआईवी के दो क्षेत्रीय संस्थानों की आधारशिला

राष्ट्रपति भवन : 13.10.2022

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (13 अक्तूबर, 2022) को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी में सुपर कंप्यूटर सुविधा केंद्र परम-कामरूपा और उच्च शक्ति वाले माइक्रोवेव घटकों की डिजाइन और विकास प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने धुबरी में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का भी उद्घाटन किया और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) के (i) डिब्रूगढ़, असम और (ii) जबलपुर, मध्य प्रदेश में दो क्षेत्रीय संस्थानों की आधारशिला रखी।

राष्ट्रपति ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि अपनी स्थापना की एक छोटी सी अवधि में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों से इस क्षेत्र और राष्ट्र को गौरवान्वित किया है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि कुछ दिन पहले, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी ने भारतीय सेना के लिए किफ़ायती और टिकाऊ रक्षा अवसंरचना विकास के लिए एक 3 डी-प्रिंटिड संतरी चौकी का निर्माण किया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी एक ज्ञान का केंद्र है जो पूर्वोत्तर क्षेत्र में कनेक्टिविटी मामलों और अन्य चुनौतियों के लिए तकनीकी समाधान प्रस्तुत कर सकता है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में एकमात्र भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान होने के नाते इस संस्थान को क्षेत्र में, अन्य संस्थानों को विकसित करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और हमारी सीमाओं को सुदृढ़ करने में राज्य सरकार और रक्षा बलों के साथ काम करना चाहिए तथा इस क्षेत्र में बार-बार होने वाली प्राकृतिक आपदाओं की रोकथाम के लिए तकनीकी समाधान प्रस्तुत करना चाहिए। उन्होंने आग्रह किया कि संस्थान द्वारा नवाचारों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, अत्याधुनिक तकनीकों में स्वदेशीकरण की दिशा में काम करने, कौशल विकास के अवसर प्रदान करने और देश को आत्मनिर्भर बनाने में आगे बढ़कर भाग लेना चाहिए।

राष्ट्रपति ने देश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थानों से अनुसंधान और विकास को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के लिए भी आग्रह किया ताकि भारत समग्र रूप से समाज के लिए लाभदायक तकनीकी नवाचारों में अग्रणी भूमिका निभा सके । उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 स्पष्ट रूप से स्वीकार करती है कि आज की सामाजिक आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले अंत र्विषयक अनुसंधान की आवश्यकता है और यह अनुसंधान भारत में किया जाना चाहिए, इसे आयात नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि विशेष रूप से उच्च शिक्षा वाले शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान और नवाचार किया जाए । उन्होंने कहा कि भारत में अनुसंधान और ज्ञान सृजन की एक लंबी ऐतिहासिक परंपरा रही है और 21वीं सदी में भारत को अग्रणी अनुसंधान और नवाचार केंद्र बनाने के लिए इसे और मजबूत करने की आवश्यकता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत का उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास की दिशा में तेजी से प्रगति कर रहा है तथा क्षेत्र के और देश के लोगों को उच्च गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा प्रणाली प्रदान करने के लिए असाधारण प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि असम सरकार द्वारा एक उन्नत मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल स्थापित करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गुवाहाटी को और सहायता प्रदान कि जा रही है। उन्होंने कहा कि इससे देश के अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा इसी तरह की पहल करने के लिए एक उदाहरण बनेगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न परियोजनाओं और क्षेत्र की प्रगति के फलस्वरूप भारत को एक तकनीकी रूप से उन्नत राष्ट्र बनाने और एक समावेशी समाज बनाने की नींव रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि हम सब जानते हैं कि सूर्य पहले भारत के उत्तर पूर्वी क्षेत्र में उगता है और फिर पूरे देश में अपना प्रकाश फैलाता है। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान की भावना के अनुरूप पूर्वोत्तर क्षेत्र को देश कि जनता में ज्ञानका विस्तार करने और 'वैज्ञानिक अभिरुचि' पैदा करने में अग्रणी होना चाहिए।

इससे पहले सुबह राष्ट्रपति ने अगरतला रेलवे स्टेशन से अगरतला-खोंगसांग जनशताब्दी एक्सप्रेस और अगरतला-कोलकाता एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

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