भारतीय विदेश सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों ने राष्ट्रपति से मुलाक़ात की

राष्ट्रपति भवन : 29.09.2022

भारतीय विदेश सेवा (2021 बैच) के प्रशिक्षु अधिकारियों के एक समूह ने आज (29 सितंबर, 2022) को राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।

राष्ट्रपति ने प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सेवा और भी रोमांचक होने वाली है क्योंकि वे ऐसे समय में विदेश सेवा में अपना करियर आरंभ कर रहे हैं जब भारत एक नए आत्मविश्वास के साथ विश्व मंच पर उभरा है। आज दुनिया भारत को प्रशंसाभरी निगाह से देखती है। हाल के वर्षों में हमारे द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों में नई पहल हुई है। विभिन्न वैश्विक मंचों पर भारत ने निर्णायक भागीदारी की है। बहुत क्षेत्रों में भारत की नेतृत्व क्षमता अब निर्विवादित है। भारत विकासशील दक्षिण एशिया में और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी देश के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की मजबूत स्थिति अन्य कारकों के साथ-साथ उसके आर्थिक गतिविधियों के आधार पर बनी है। जहां दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं, आज भी महामारी की उनकी अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभावों से निपटने की कोशिश कर रही हैं, वहीं भारत की अर्थ व्यवस्था सम्हल गई है और विकास की और अग्रसर है। परिणामस्वरूप, भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेज विकास दर दर्ज कर रही है। वास्तव में, वैश्विक आर्थिक बहाली, एक हद तक, भारत पर टिकी हुई है। विश्व मंच पर भारत के खड़े होने का दूसरा कारण भारत की लोकनीति है। विश्व के साथ हमारे संबंध हमारे सदियों पुराने मूल्यों पर आधारित हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय विदेश सेवा आपको भारत की गौरवशाली सभ्यता, विरासत और संस्कृति के साथ-साथ भारत की विकासात्मक आकांक्षाओं को दुनिया के बाकी देशों के समक्ष रखने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है।

राष्ट्रपति ने विश्व में हो रहे परिवर्तनों का उल्लेख करते हुए कहा कि कई मोर्चों पर चल रहे परिवर्तन, अच्छे अवसर तो प्रस्तुत करते हैं साथ ही बड़ी चुनौतियां भी सामने लाते हैं। उदाहरण के लिए, नई प्रौद्योगिकियां हमें बेहतर स्वास्थ्य सेवा की उम्मीद देती हैं किन्तु साथ ही वे विद्यमान व्यावसायिक प्रथाओं को खतरे में भी डालती हैं। हम प्रौद्योगिकी का उपयोग अंतिम सिरे पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचने के लिए कर सकते हैं। प्रौद्योगिकी नए खतरों के साथ सुरक्षा प्रतिमान का भी पुनः निर्धारण करती है। राष्ट्र के रूप में, हमें अवसर प्राप्त हुआ है कि हम अपने विकल्पों को फिर से स्थापित कर सकें।

राष्ट्रपति ने कहा कि इस तेजी से बदलती दुनिया के कारण, हमें उपलब्ध अवसरों और खतरों के साथ, भारतीय विदेश सेवा के अधिकारियों की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। यह उनकी बुद्धिमत्ता की परीक्षा होगी कि वो कैसे इन कठिन परिस्थितियों को आसानी से पार करते हैं और भारत और दुनिया के हित में सर्वश्रेष्ठ सुनिश्चित करते हैं। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि वे देश की जनता के हित में भविष्य की चुनौतियों का हर संभव तरीके से उत्तर देंगे।

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