ध्वज प्रस्तुति परेड के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
हासीमारा, पश्चिम बंगाल : 20-11-2015
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1. मुझे18 स्क्वाड्रन और 22 स्क्वाड्रन को ध्वज प्रदान करने के लिए वायु सेना स्टेशन हासीमारा में उपस्थित होकर प्रसन्नता हो रही है।
2. दोनों स्क्वाड्रनों ने राष्ट्र की उत्कृष्ट सेवा की है। उनका पेशेवर श्रेष्ठता का एक समृद्ध इतिहास रहा है तथा इन्होंने शांति और दो युद्धों के दौरान सम्मानपूर्वक और विशिष्टता के साथ राष्ट्र सेवा की है। राष्ट्र, संकट के समय उनकी नि:स्वार्थ निष्ठा, कार्यकौशल और साहस के लिए आभार और प्रशंसा की गहरी भावना के साथ आज उन्हें सम्मानित करता है। मैं वायु योद्धाओं की परेड के दौरान उनकी विशिष्ट साज-सज्जा तथा चाल की उत्कृष्ट लयबद्धता की सराहना करता हूं। मुझे सुसमन्वित फ्लाई पास्ट और सटीक एयरोबैटिक प्रदर्शन को देखकर प्रसन्नता हुई।
3. राष्ट्रों की पंक्ति में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा हमारी सशस्त्र सेनाओं की क्षमता के कारण है। यद्यपि हम शांति के प्रति दृढ़ता से प्रतिबद्ध रहते हैं परंतु राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा करने के लिए हम अपनी पूरी शक्ति लगा देंगे, और मुझे विश्वास है कि हमारी सेना के पराक्रमी पुरुष और महिलाएं इसमें खरे उतरेंगे। हमारी सशस्त्र सेनाएं हमारे हितों की रक्षा के प्रति हमारे फौलादी संकल्प को दर्शाती हैं।
4. भारतीय वायु सेना हमारे राष्ट्र की सैन्य शक्ति में अग्रणी है। देश और विदेश दोनों के अंतरराष्ट्रीय अभ्यासों में इसके कार्मिकों का श्रेष्ठ प्रदर्शन वास्तव में हमारी वायु सेना के प्रशिक्षण और तत्परता के स्तर का शानदार उदाहरण है। भारतीय वायु सेना, हमारे राष्ट्र के स्वतंत्र आकाश की रक्षा करने के अलावा, सभी मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियानों, विशेषकर आपरेशन राहत तथा हाल में नेपाल के भूकंप में भी आगे रही है। हमारे शौर्यवान वायु योद्धाओं द्वारा प्रदर्शित लचीलापन और संकल्प राष्ट्र के गौरव का महान स्रोत है।
5. स्क्वाड्रन अथवा ‘फ्लाइंग बुलेट्स’ का गठन 15 अप्रैल, 1965 को अंबाला में हुआ था। तब यह विश्व के सबसे छोटे युद्धक विमान, नैट्स से लैस थी। चाहे नैट्स या घातक मिग-27 एम एल युद्ध विमान की उड़ान हो, स्क्वाड्रन का शानदार संचालन इतिहास रहा है। राष्ट्र को इसी स्क्वाड्रन के फ्लाइंग अफसर निर्मल जीत सेखों, परम वीर चक्र का महान पराक्रम और सर्वोच्च बलिदान अभी तक याद है, जो सभी को प्रेरित करता रहेगा। फ्लाइंग बुलेट्स ‘तीव्र और निर्भय’ के ध्येय वाक्य का पालन करता रहा है। राष्ट्र के प्रति अपनी शौर्यपूर्ण सेवा के 50 शानदार वर्ष पूरे किए जाने पर, मुझे विश्वास है कि ‘फ्लाइंग बुलेट्स’ एक अजेय युद्धक शक्ति के रूप में कार्य करती रहेगी।
6. स्विफ्ट्स के रूप में विख्यात 22 स्क्वाड्रन की स्थापना 15 अक्तूबर, 1966 में बरेली में हुई थी और इसे नैट एमके-1 युद्धक विमान से लैस किया गया था। 22 नवम्बर, 1971 में बांग्लादेश की मुक्ति के लिए हवाई आक्रमण के दौरान स्क्वाड्रन ने अपनी शुरुआत एक ही उड़ान में जेस्सोर पर तीन एफ-86 सैबर जेट को मार गिराकर की। अपनी हिम्मत और उत्कृष्टता के लिए स्क्वाड्रन का नामकरण ‘सैबर स्लेयर’ रखा गया तथा युद्ध सम्मान से विभूषित किया गया। आज, मिग-27 एम एल युद्धक विमान उड़ाते हुए, वे अपने ध्येय वाक्य ‘साहसं विजयते’ अर्थात् साहस की जीत होती है, के अनुरूप उसी दृढ़ता और उत्साह के साथ आकाश में उड़ान भरते हैं। 22 स्क्वाड्रन ने राष्ट्र सेवा के 50 शानदार वर्ष पूरे कर लिए हैं, मुझे विश्वास है कि स्विफ्ट्स राष्ट्र और भारतीय वायु सेना की नि:स्वार्थ सेवा करती रहेगी।
7. उनके असाधारण प्रदर्शन के सम्मान और सराहना के तौर पर, मुझे 18 स्क्वाड्रन और 22 स्क्वाड्रन को ध्वज प्रदान करते हुए प्रसननता हुई है। मैं इस अवसर पर, 18 स्क्वाड्रन और 22 स्क्वाड्रन के पूर्व और वर्तमान कर्मिकों और परिजनों की राष्ट्र के प्रति उनके नि:स्वार्थ बलिदान और सेवा के लिए सराहना करता हूं। राष्ट्र को, वास्तव में आप पर गर्व है। मैं आपको और आपके परिवार को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देता हूं।
जय हिंद!