कॉयर बोर्ड के हीरक जयंती समारोहों के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
विज्ञान भवन, नई दिल्ली : 25-11-2013
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मुझे इस शुभ अवसर पर आपके बीच उपस्थित होकर वास्तव में खुशी हो रही है, जब कॉयर बोर्ड अपने अस्तित्व के 60 वर्ष मना रहा है। प्रारंभ में ही मैं, आप सभी को बधाई और शुभकामनाएं देना चाहूंगा।
2. भारत सरकार के तहत सबसे प्राचीन सामग्री बोर्डों में से एक कॉयर बोर्ड ने चाहे वह उत्पादन हो, रोजगार हो अथवा निर्यात से आय, सभी मामलों में अच्छा कार्य किया है। केरल में शुरू हुआ कॉयर उद्योग 1953 में कॉयर उद्योग अधिनियम के तहत आया और उसके बाद 1954 में बोर्ड का गठन हुआ।
3. मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि इसके बाद से कॉायर विनिर्माण के इस विशिष्ट उद्योग ने एक बहुत सफल सेक्टर के रूप में तरक्की की है। इसका दूसरे नारियल उत्पादक राज्यों में भी प्रसार हुआ तथा आज सारे कॉयर उत्पादन क्षेत्रों में हजारों परिवार रेशा निकालने तथा कॉयर धागे को कातने के काम में लगे हुए हैं। इस उद्योग में 14 राज्यों तथा केंद्र शासित क्षेत्रों में लगभग 7 लाख कामगार लगे हैं जिनमें से अधिकांश महिलाएं हैं।
4. यह हमारे देश के सबसे बड़े विदेशी मुद्रा कमाने वाले उद्योगों में से एक है जिसके उत्पादों की मांग पूरी दुनिया में निरंतर बनी हुई है। मुझे बताया गया है कि जिस दौरान हमारे निर्यात वैश्विक मंदी के कारण काफी कम हो गए थे तब भी हमारे कॉयर उद्योगों में सकारात्मक वृद्धि बनी रही।
5. वास्तव में, यह उद्योग गुणवत्ता में सुधार, उत्पादों के प्रौद्योगिकीय तथा वैज्ञानिक उच्चीकरण, बेहतर बाजार अनुसंधान तथा उत्पाद संवर्धन के मामले में शानदार तरीके से विकसित हुआ है तथा इसके उत्पादों से 1100 करोड़ से अधिक की आय प्राप्त होती है।
6. मुझे खुशी है कि 12वीं योजना में इस परंपरागत कृषि-आधारित कुटीर उद्योग के लिए पर्याप्त आबंटन किए गए हैं जिससे इसको और आगे प्रसार करने में सहायता मिलेगी। इसके आगे विकास करने से इसका और क्षेत्रों में भी प्रसार होगा क्योंकि इस उद्योग की अधिकांश यूनिटें हमारी अर्थव्यवस्था के ग्रामीण भाग में सूक्ष्म उद्योग की श्रेणी में है तथा लगभग 40 प्रतिशत छोटी तथा मध्यम दर्जे की उत्पादन यूनिटें हैं।
7. कॉयर उद्योग का एक लाभ यह है कि इसमें एक उप-उत्पाद नारियल के छिलके का मूल्यवर्धन होता है जिसका अन्यथा कोई खास वाणिज्यिक उपयोग नहीं हो पाता। बहुत सी सिंथेटिक सामग्रियों के लिए बहुउपयोगी विकल्प के तौर पर बहुत से रोजमर्रा के उत्पादों में कॉयर के उपयोग—जमीन के विछावन से लेकर वस्त्र आभूषण तथा हस्तशिल्प, जिसमें कॉयर का कलात्मक मूल्य प्रदर्शित होता है, ने इसे बिक्री योग्य बना दिया है। कॉयर से स्वास्थ्य को खतरा नहीं होता तथा इससे प्रदूषण भी पैदा नहीं होता। मैं समझता हूं कि यूरोप और अमरीका में हमारे कॉयर का उपयोग मिट्टी के बायो-इंजीनियरी अनुप्रयोगों के लिए भी हो रहा है। एक नया नवान्वेषण कॉयर काष्ठ, कॉयर बोर्ड द्वारा किए गए अनुसंधान का महत्त्वपूर्ण उत्पाद है तथा यह उत्पाद परंपरागत लकड़ी के स्थान पर तेजी से प्रयोग होने की और बढ़ रहा है।
8. सतत् विकास के प्रति बेहतर जागरूकता के इस दौर में हमें दरवाजों, दिखावटी छत, दीवार पैनल, ध्वनि नियंत्रण, ताप रोधन; तथा कॉयर की मज्जा के उत्पादन में भी कॉयर का बढ़ता प्रयोग दिखाई देता है जिसमें पानी बनाए रखने की भारी क्षमता होती है और इसे जैविक घास तथा उगाने के लिए माध्यम तैयार करने में भी उपयोगी पाया गया है।
9. मुझे यह जानकर खुशी हुई कि इस स्वदेशी उद्योग में नई मशीनरी के उच्चीकरण और विकास तथा यहां तैयार की जाने वाली परंपरागत सामग्री के विविधीकरण के साथ ही पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकियों तथा उत्पादन प्रक्रियाओं के विकास पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इस उद्योग में 80 प्रतिशत कार्यबल महिलाओं का होने को देखते हुए, इसके आधुनिकीकरण तथा इसकी अवसंरचना के उच्चीकरण की जरूरत पर बहुत जोर देने की जरूरत है। कार्यबल के मनोबल में सुधार, बेहतर उत्पादकता तथा उत्पादन की बेतर गुणवत्ता लाने के लिए ये कदम अपरिहार्य हैं।
10. यह प्रशंसनीय है कि कॉयर बोर्ड ने महिला कॉयर योजना स्कीम शुरू की है जो ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं पर विशेष रूप से ध्यान देने तथा उन्हें कॉयर धागे की कताई तथा कॉयर विनिर्माण की अन्य सरल प्रक्रियाओं में प्रशिक्षण प्रदान करेगी। यह अवसर उन्हें न केवल अपना योगदान देने में वरन् आत्मविश्वास तथा आत्मनिर्भरता बढ़ाने में भी सहायता देगा। मुझे यह जानकार खुशी हुई कि कॉयर बोर्ड द्वारा कॉयर कामगारों के जीवन स्तर में सुधार करने तथा उनके कार्य तथा निवेश का ईष्टतम लाभ प्राप्त करने में सहयोग कर रहा है।
11. अपनी विभिन्न स्कीमों तथा वित्तीय सहयोग से तथा उत्पादकों द्वारा कच्चे माल की नियमित खरीदारी में सहायता देकर और अवसंरचना संबंधी सहयोग देकर भारत सरकार ने मौजूदा कॉयर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए तथा नए उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए महत्त्वपूर्ण सहयोग दिया है।
12. सफलताओं के साथ सदैव चुनौतियां आती हैं : कृषि के अन्य सेक्टरों के समान ही, ऋण सुविधाएं प्राप्त करने अथवा ऋण की लागत और कच्चे माल की खरीद में होने वाली प्राय: देरी में, इस सेक्टर को समस्याओं का सामना करना होता है। इसके अलावा उन्नत प्रौद्योगिकी की अपर्याप्त प्राप्ति की समस्या भी है। इन क्षेत्रों में कॉयर उद्योग को यथासंभव सहयोग प्राप्त करना जरूरी है।
13. मैं इस उद्योग को कच्चे माल की अधिप्राप्ति के मामले में आत्मनिर्भर देखना चाहता हूं; और मैं नियोक्ताओं से आग्रह करूंगा कि इस उद्योग में लगे हुए कामगारों को बीमा तथा सरकार की कल्याण योजनाओं के माध्यम से बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
14. कॉयर बोर्ड ने अपने अस्तित्व के पचास से कुछ अधिक वर्षों में इन समस्याओं के समाधान के लिए काफी कुछ किया है। मैं कॉयर बोर्ड को उसके सफल प्रयासों और नवान्वेषणों के लिए तथा बाजार के रुझानों पर इसके लगातार ध्यान के लिए बधाई देता हूं। मैं सूचना तथा ज्ञान को तेजी से कार्यनीति में बदलकर उद्योग में सहभागियों को मार्गदर्शन देने की इसकी दक्षता के लिए इसकी सराहना करता हूं।
15. यह जानकर खुशी हो रही है कि कॉयर बोर्ड ने विनिर्माण प्रक्रिया में कामगारों के कौशल में वृद्धि के लिए कई क्षमता निर्माण उपाय किए हैं।
16. मैं कॉयर बोर्ड को इस उद्योग को सफल बनाने के लिए बधाई देता हूं। मुझे विश्वास है कि पूरे देश में अपने 42 से अधिक बिक्री स्थलों, इसके अनुसंधान केंद्रों तथा इस प्राकृतिक, पर्यावरण अनुकूल रेशे को लोकप्रिय बनाने के लिए नए उत्पादों के नवान्वेषण द्वारा कॉयर बोर्ड आने वाले वर्षों के दौरान इस कृषि-आधारित उद्योग में आय में पर्याप्त वृद्धि करने का लक्ष्य प्राप्त कर लेगा।
17. मैं आप सभी की सफलता की तथा उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य की कामना करता हूं।
जयहिंद!