भारत चैम्बर ऑफ कामर्स के कार्यालय भवन ‘भारत चैम्बर्स’ के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण

कोलकाता, पश्चिम बंगाल : 23-08-2016

Download : Speeches (540.7 किलोबाइट)

sp1. मैं इस कार्यालय भवन,जिसमें भारत चैम्बर ऑफ कामर्स का आवास होगा,के उद्घाटन के अवसर पर सचमुच बहुत प्रसन्न हूं। मैं आपको अपना कार्यालय भवन होने की बधाई देता हूं। भारत चैम्बर ऑफ कामर्स भारत के सबसे पुराने चैम्बरों में से एक है जिसका इतिहास1900वर्ष पुराना है जब इसे विशेष समुदाय से संबंधित एक एसोसिएशन ऑफ मर्चेंट्स के रूप में गठित किया गया था।

2. व्यापार आधारित एक मर्केन्टाइल अर्थव्यवस्था से स्वदेशी औद्योगिकीकरण पर केंद्रित एक क्षेत्र तक,सेवा पर केंद्रित और अब भारत चैंबर ऑफ कामर्स पर नये सिरे से केंद्रित होना हमारे राष्ट्रीय विकास पथ को प्रतिबिंबित करता है। अब इस आधुनिक और तकनीकी रूप से सुसज्जित नए भवन में स्थानांतरण करना निश्चित रूप से समकालीन भारत वाणिज्यक की प्रकृति के अनुरूप है।

देवियो और सज्जनो,

3. मुझे वित्त मंत्री,वाणिज्य मंत्री और योजना आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में अनेक बार आपके चैम्बर को संबोधित करने का अवसर मिला और मैंने विभिन्न मसलों पर अपने विचार आपके समक्ष रखे। पूर्वी भारत की यह भूमि,जिसमें बंगाल,झारखंड,बिहार,असम,उड़ीसा और उत्तर-पूर्व के अन्य राज्य शामिल हैं,सदियों से भारत के पुनर्जागरण और सुधार की भूमि रही है। विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों की जन्म देने वाली भूमि होने के अतिरिक्त इसी भूमि ने स्वदेशी हैंडलूम की उत्कृष्टता रही,जूट और चाय,लौह-अयस्क,कोयला और पेट्रोलियम के उदीयमान उद्योगों को स्थापित किया गया। एक सशक्त कृषि आधार से दीप्तिमान यह क्षेत्र और कोलकाता क्षेत्र सचमुच19शताब्दी के अंत से बहुत पहले ही भारत का आर्थिक राजधानी के रूप में उभर कर आया।

4. मानव जाति के विकास और उसकी प्रगति में पूर्व का सदैव एक सांकेतिक महत्त्व रहा है। यूनान,मिसोपोटामिया और मिस्र की सभ्यताओं के समय से ही भारत में भारत के पूर्व ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार का हब तैयार किया। भारत का यही वह भाग है जिससे16वीं और17वीं शताब्दी में यूरोपीय और ब्रिटिश औद्योगिक क्रांति को भड़काया और जीवित रखा। यहीं भारत की स्वतंत्र के शीघ्र बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू के महान औद्योगिकीरण के स्वप्न ने आकार लिया।

5. पिछले चार-पांच दशकों के दौरान निर्वासित बाह्य सामाजिक-राजनीतिक कारकों ने पूर्व भारत को परिणति दी,परंतु यदि भारत को आगे बढ़ना है,यदि इसे उस विकास दर को बनाए रखना है जिसे इसने स्वतंत्रता के बाद के दशकों में हासिल किया है,तो भारत के इस पूर्वी भाग को विकास के इंजन को प्रज्वलित करना ही होगा।

6. उत्तर, दक्षिण और पश्चिम के मौजूदा स्थिर विकास आंकड़ों को पूर्वी भारत द्वारा हासिल किए बगैर और उसका अतिक्रमण किए बगैर,भारत की गाथा में आगे नहीं बढ़ने की क्षमता नहीं है। विकसित विश्व के राष्ट्र समुदाय में हमारे राष्ट्र को स्थान लेने के लिए पूर्वी भारत को अग्रणी भूमिका निभानी होगी।

7. आपके समक्ष अनेक अवसर हैं। खनिज संसाधनों में समृद्ध होने,पर्याप्त वर्षा,नदियां और जंगल,अत्यधिक उर्वरक भूमि और एक जनसांख्यिकीय लाभ के अतिरिक्त पूर्वी भारत भी स्वदेशी और विदेशी निवेश के लिए एक उर्वर भूमि है।

8. भारत सरकार ने संबंधित राज्य सरकारों की तरह से ही क्षेत्र में औद्योगिकीकरण और संवर्धित कृषि उत्पाद हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। सरकार की लुक ईस्ट नीति ने उद्यमियों के लिए अवसरों के नए द्वार खोल दिए हैं।

9. देश के वित्त मंत्री के रूप में,मुझे निजी तौर पर पूर्वी आर्थिक विकास में क्रांति लाने के उद्देश्य से नीतियों को आकार देने और कायम रखने का अवसर मिला और मुझे ऐसा कोई कारण नहीं दिखायी देता कि अगले दशक में या उससे आगे भी वही स्थिति क्यों नहीं जारी रह सकती।

10. मैं यह रेखांकित करना चाहूंगा कि इससे इस स्थान पर हम सबके समक्ष अनेक अवसर और चुनौतियां आएंगी जिनसे या तो हम लाभ उठा सकते हैं या उन्हें पार कर सकते हैं। इसलिए जैसा कि मैंने पहले कहा था,भारत चैंबर, जिसमें क्षेत्र के उद्योग के कैप्टन शामिल हैं,के कंधों पर विशेष चुनौतियों और दायित्वों का बोझ है। जब मैं आपको इन अवसरों का लाभ उठाने और विकास के इंजन का संचालन करने की बात कहूंगा तो,मैं आपको यह भी समझाना चाहूंगा कि आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले माडल और तकनीकियों में उन उपायों को भी शामिल करना चाहिए जो न्यायसंगत विकास सुनिश्चित करते हैं। वह विकास,जो समाज के केवल एक वर्ग तक अथवा कोलकाता के कुछ लोगों तक एवं अन्य राज्यों की राजधानी तक ही सीमित रह जाए और दूर-दराज के ग्रामों तक न पहुंचे,तो उसे उपयुक्त विकास की कार्यनीति नहीं कहा जा सकता।

11. मुझे राजारामपुर में आपकी ग्रामीण विकास परियोजना का दौरा करने का अवसर मिला और इस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में आपके द्वारा बकाया योगदान से मुझे उम्मीद है कि आप आर्थिक विकास के अवसरों का लाभ उठाते हुए भी पूरे समाज के विकास के बड़े उद्देश्य से ध्यान नहीं हटने देंगे।

12. जैसा कि मैंने पहले कहा था,मुझे विश्वास है कि लुक ईस्ट और एक्ट ईस्ट नीतियों,जो आपके क्षेत्र के उद्यमियों के लिए म्यांमां और आसियान के नए बाजार खोलेंगी,से हाल ही में पारित जीएसटी एक्ट यह सुनिश्चित करेगा कि परिवर्तन लागत और दोहरे कराधान को न्यूनतम किया जाएगा और आपको लाभ दिलाने के लिए एक सामान्य राष्ट्रीय बाजार विकसित होगा। मेरा वर्षों से आपके चैंबर के साथ संबंध रहा है और मैं यहां उपस्थित कई चेहरों को पहचान सकता हूं। मैं यह देखकर विश्वस्त हूं कि आपका यह नया भवन,जिसमें चैम्बर के दिग्गज स्थान लेंगे,आने वाले दिनों में नई ऊंचाई हासिल करेगा। मुझे विश्वास है कि यह भवन भारत चैम्बर ऑफ कामर्स के तत्वावधान में त्वरित व्यवसाय विकास और आर्थिक विकास का नया हब बनेगा। ईश्वर आपको गति दे और आपके परिश्रम के लिए मेरी शुभकामनाएं।

जय हिंद!