विश्व सेवा प्रदर्शनी के तृतीय आयोजन के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
नई दिल्ली : 17-04-2017
Download : Speeches (474.86 किलोबाइट)
विश्व सेवा प्रदर्शनी के तृतीय आयोजन के उद्घाटन सत्र में उपस्थित होना वास्तव में मेरे लिए प्रसन्नतादायक है। मैं इस सशक्त कारोबार मंच के निर्माण के लिए भारतीय उद्योग परिसंघ और सेवा निर्यात संवर्धन परिषद सहित वाणिज्य विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय को बधाई देता हूं जिसका लक्ष्य विश्व सेवा निर्यात क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के संपर्क को घनिष्ठ बनाना है।
देवियो और सज्जनो,
सेवा व्यापार को, रोजगार पैदा करने के राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने तथा विचारों, ज्ञान और प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने के साधन के रूप में देखा जाने लगा है। सेवा क्षेत्र भी आपूर्ति शृंखलाओं और ई-वाणिज्य के माध्यम सहित वस्तुओं के व्यापार में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है। ऐसे समय में जबकि विश्व वस्तु व्यापार धीमा हो रहा है, सेवाओं का व्यापार विश्व अर्थव्यवस्था में नए लाभ पैदा कर सकता है तथा प्रौद्योगिकी, संयोजकता और ज्ञान इसके विकास को तीव्र करते हैं।
इस संबंध में, भारत की एक विशेष भूमिका है। एक देश जो एक ही यान से अंतरिक्ष में 104 उपग्रह स्थापित कर सकता है, उन्नत देशों की तुलना में बहुत कम लागत में सफल शल्य चिकित्सा प्रदान कर सकता है, विज्ञापन में रचनात्मकता के विश्व पुरस्कार जीत सकता है तथा विश्व में सबसे विशाल फिल्म निर्माता के रूप में उभर सकता है, में विविध क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय सेवा उपभोक्ता को अत्यधिक महत्त्व देने की क्षमता है।
सेवा क्षेत्र का भारत के सकल घरेलू उत्पाद में सबसे अधिक हिस्सा है और यह 2016-17 में 7.1 प्रतिशत की अनुमानित विकास दर के साथ सबसे तेजी से बढ़ता हुआ क्षेत्र है। भारत विश्व की सबसे तीव्रतम विशाल अर्थव्यवस्था है, इसके सेवा क्षेत्र ने इसकी सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर को पीछे छोड़ दिया है और यह इसका प्रमुख विकास प्रेरक बना हुआ है। विश्व सेवा निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 2015 में 3.3 प्रतिशत तक बढ़ गई है। हमारा सेवा निर्यात अपनी उत्पादकता और प्रतिस्पर्धा निर्मित करने में विश्व कारोबार की सहायता कर रहा है तथा विश्वभर में नौकरियों में सहयोग दे रहा है।
यह उल्लेखनीय है कि भारत के सेवा निर्यात का स्वरूप विश्व सेवा निर्यात रूप से कुछ भिन्न है, जो ज्ञान आधारित उपक्षेत्रों में इसकी सहज बढ़त को प्रतिबिम्बित करता है। यात्रा और परिवहन सेवाएं विश्व के कुल सेवा निर्यात 5 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर की आधी हैं, भारत के विदेशी सेवा संपर्क में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी तथा अन्य ऐसी कारोबारी सेवाओं का प्राधान्य है जो इसके कुल सेवा निर्यात का लगभग दो-तिहाई है।
भारत के सेवा निर्यात के संबंध में, यह परिवहन, अन्य कारोबारी सेवाएं तथा यात्रा हैं जिनकी सबसे अधिक मांग है जबकि वित्तीय सेवाएं तथा बौद्धिक संपदा के लिए भुगतान भी काफी योगदान कर रहे हैं। निर्यात की संरचना से विकास और प्रगति के लिए विदेशों से सेवाओं से लाभ प्राप्त करने की भारत की बढ़ती आकांक्षा व्यक्त होती है तथा यह विश्व में बढ़ते बाजार के रूप में इसकी शक्ति को दर्शाती है।
सरकार ने हाल ही में, अनेक प्रमुख विकास अभियान आरंभ किए हैं जिनका लक्ष्य नए विकास संकेतकों की शुरुआत करना है जो भारत के सेवा क्षेत्र को आगे बढ़ा रहे हैं। भारत में निर्माण का लक्ष्य अनुसंधान और विकास तथा डिजायन, खुदरा और विपणन तथा संभार जैसी स्थापित सेवाओं पर निरंतर केंद्रित एक उन्नत विनिर्माण आधार का सृजन करना है। डिजीटल भारत अभियान इलेक्ट्रोनिक के विनिर्माण को बढ़ाते हुए तथा प्रमुख जन सेवाओं को ऑनलाइन करते हुए कुशल डिजीटल अवसरंचना के माध्यम से देश के सभी सुदूर कोनों को जोड़ने का कार्य करता है। डिजीटल अवसंरचना स्थापित होने से प्रौद्योगिकी सुदूर गांवों तक पहुंचेगी; बाजार को नागरिकों की अंगुली पर ले आएगी तथा सेवा विकास को बढ़ावा देगी। स्टार्टअप भारत और कौशल भारत सेवा बाजारों में रोजगार प्रदाता और रोजगार इच्छुक दोनों को आजीविका के अवसर प्राप्त करने की हमारे युवाओं की क्षमता बढ़ाता है। वित्तीय समावेशन तथा वित्त प्रौद्योगिकी के सशक्त प्रोत्साहन के लिए, जन धन योजना अर्थव्यवस्था में नकदी के कम प्रयोग को बढ़ावा देकर देश में एक नए सेवा आयाम को आकार प्रदान कर रही है तथा बैंकिंग और वित्त, साइबर सुरक्षा और ई-वाणिज्य जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा दे रही है।
मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि विश्व सेवा प्रदर्शनी में बीस से अधिक अहम सेवा क्षेत्रों पर विशेष बल के साथ प्रदर्शित किया गया है। पर्यटन और आतिथ्य और फुटकर जैसी कुछ सेवाएं पारंपरिक हैं जबकि बहुत से प्रमुख क्षेत्र भारत और विश्व के लिए नए हैं जिनमें अंतरिक्ष सेवाएं, खेल सेवाएं और आरोग्य सेवाएं शामिल हैं।
भारत सुविधा प्रबंधन, समारोह और प्रदर्शनी, शहरी अवसरंचना और पर्यावरणीय सेवा जैसी उभरती हुई सेवाओं का एक प्रमुख साझीदार भी बन सकता है। इनमें से बहुत सी सेवाओं को भारत से अपतटीय स्थानों तक पहुंचाया जा सकता है जिससे विशाल शहरों को अपनी सुविधाओं के पूर्ण प्रबंधन में सहायता मिलेगी, चिकित्सा रिकॉर्डों के रखरखाव में अस्पतालों को मदद मिलेगी अथवा भू-स्थानीय सूचनाएं प्राप्त होंगी।
देवियो और सज्जनो,
विश्व सेवा व्यापार, विश्व वस्तु व्यापार से बहुत कम है, तथापि यह देखते हुए इसमें समान क्षमताएं हैं कि वर्तमान अर्थव्यवस्थाओं में उत्पाद और रोजगार के मायने में सेवा क्षेत्र का प्रभुत्व है। यद्यपि विश्व सेवा व्यापार के समक्ष विधिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों से संबंधित अनेक मुद्दे हैं। वैश्विक तौर पर, सेवा के और अधिक व्यापार के प्रोत्साहन के लिए हमें व्यापार वार्ताओं, पारदर्शिता, विवाद समाधान तथा क्षमता निर्माण के माध्यम से पहुंच और सुविधा जैसे नीतिगत मामलों के समाधान की आवश्यकता है। समग्र व्यापार कार्यसूची में सेवा व्यापार की बड़ी भूमिका को पहचानते हुए, भारत ने व्यापार की बाधाओं को दूर करने के लिए समाधान विकसित करने के लिए कार्य किया है। तदनुसार, इस वर्ष मार्च में, भारत ने क्षेत्र में व्यापार मात्रा को बढ़ाने के लिए सेवा की व्यापार सुविधा के बारे में विश्व व्यापार संगठन में एक पत्र प्रस्तुत किया।
सेवाओं का आदान-प्रदान विश्व व्यापार का एक उन्नत तरीका है। यह संतोष का विषय है कि सेवाओं पर तृतीय विश्व प्रदर्शनी में 70 से अधिक देश और 500 प्रदर्शक ऐसे आदान-प्रदान के सर्वोच्च उत्पाद दर्शाने के लिए एकजुट हुए हैं। मैं यहां उपस्थित उद्योग सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि वे समग्र व्यापार सेवाओं को गति प्रदान करने के लिए बहुत से ज्ञान सत्रों, क्षेत्रीय संपर्क तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागिता द्वारा प्रदत्त अवसरों का लाभ उठाएं। मुझे विश्वास है कि विश्व सेवा प्रदर्शनी के निष्कर्षों के भविष्य में सकारात्मक परिणाम निकलेंगे।
मैं, आप सभी को एक श्रेष्ठ और सार्थक परिचर्चा तथा आपके प्रयासों की सफलता के लिए शुभकामनाएं देता हूं।
धन्यवाद,
जय हिंद।