विश्व सेवा प्रदर्शनी के द्वितीय संस्करण के उद्घाटन के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति का अभिभाषण
इंडियन एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा : 20-04-2016
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1. मुझे द्वितीय विश्व सेवा प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के लिए आज आपके बीच उपस्थित होकर प्रसन्नता हो रही है। सर्वप्रथम मैं भारतीय उद्योग परिसंघ तथा सेवा निर्यात संवर्धन परिषद के सहयोग से इस विशिष्ट और दूरदर्शी समारोह के आयोजन के लिए वाणिज्य विभाग की सराहना करता हूं। यह उल्लेख करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि सभी सेवा क्षेत्रों और12 विदेशी देशों के प्रतिनिधि इस समारोह में भाग ले रहे हैं। मेरे विचार से यह भारतीय सेवा उद्योग विशेषकर सेवा क्षेत्र बढ़ती हुई प्रासंगिकता और महत्व की दृष्टि से एक अहम मंच है।
देवियो और सज्जनो,
2. सेवा क्षेत्र भारत के आर्थिक विकास का प्रमुख प्रेरक बना रहेगा। इसमें भारत को एक विकासशील अर्थव्यवस्था से विकसित अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए रास्ता बनाने की क्षमता है। इसलिए प्रमुख नीतिगत क्षेत्रों तथा समग्र राष्ट्रीय विकास उद्देश्यों के साथ संपर्क सुनिश्चित करते हुए एक सामंजस्यपूर्ण और व्यापक नीतिगत ढांचे के भीतर सेवा प्रेरित विकास कार्यनीति का निर्माण और कार्यान्वयन आवश्यक है।
3. भारत 2001से 9 प्रतिशत से ऊपर की वार्षिक विकास दर के साथ विश्व का एक सबसे तेजी से बढ़ता सेवा क्षेत्र है। समग्र सकल घरेलू उत्पाद में भारत के सेवा क्षेत्र का योगदान1990-91 के 41प्रतिशत से बढ़कर 2014-15 में 66 प्रतिशत हो गया है। भारत के सेवा क्षेत्र द्वारा प्रदर्शित गत्यात्मकता अधिकतर1990 के दशक के बाद से इस क्षेत्र में आरंभ की गई उदारीकरण और सुधार प्रक्रिया का प्रतिबिंब है। भारत के विभिन्न सेवा क्षेत्रों के उदारीकरण और विकास के बीच एक सकारात्मक संबंध है। व्यापार और विदेशी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीतियों के संबंध में जिन सेवाओं में उदारीकरण अपनाया गया है उनमें उच्च विकास दर और रोजगार सृजन के अवसर पैदा हुए हैं। उदारीकरण के शुरुआती युग के बाद सेवा क्षेत्र के परिणाम दर्शाते हैं कि इसकी पूर्ण क्षमता को साकार करने के लिए सुधार प्रक्रिया को और तेज करना होगा।
4. विश्व सेवा निर्यात में भारत के सेवा निर्यात का हिस्सा लगभग3.2 प्रतिशत है जो विश्व वस्तु निर्यात के हिस्से से लगभग दुगुना है। वर्तमान में भारत विश्व का सेवाओं का आठवां सबसे बड़ा निर्यातक है। भारत का सेवा निर्यात81 बिलियन अमरीकी डॉलर के सेवा आयात की तुलना में158 बिलियन अमरीकी डॉलर है। भारत का सेवा व्यापार आधिक्य वस्तु व्यापार के घाटे का लगभग53 प्रतिशत है।
देवियो और सज्जनो,
5. सेवा क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी,दूरसंचार, वित्त,संभार, पेशेवर सेवाएं,मनोरंजन, शिक्षा,पर्यटन एवं आतिथ्य, फुटकर और स्वास्थ्य देखभाल जैसे बहुत से क्षेत्र शामिल हैं। वास्तव में इसमें वे सभी क्षेत्र शामिल हैं जो एक नागरिक की बेहतरी में योगदान देते हैं। अपने लाभकारी जनसांख्यिकी स्वरूप के कारण, हम सेवा क्षेत्र का प्राकृतिक लाभ उठाते हैं। भारत के लिए सेवा क्षेत्र आर्थिक विकास का प्रमुख प्रेरक बना रहेगा।
6. सेवाएं विनिर्माण और बुनियादी ढांचे में निरंतर स्थान बनाती जा रही हैं। पूरे विश्व की अर्थव्यवस्थाएं सूचना प्रौद्योगिकी,सर्जनात्मकता और नवान्वेषण, अभिकल्पना, सूचना और विकास तथा पेशेवर सेवाओं जैसे क्षेत्रों में अपनी प्राप्तियों पर बहुत अधिक निर्भर हैं। भारत के प्रख्यात सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग ने भारतीय सेवा क्षेत्र की सहज क्षमताओं और संभावनाओं को दर्शाया है। सूचना और प्रौद्योगिकी क्षेत्र ने भारत को सूचना प्रौद्योगिकी,बीपीओ तथा सॉफ्टवेयर सेवाओं का प्रमुख निर्यातक बनाते हुए एक प्रमुख सेवा केंद्र के रूप में विश्व में स्थापित कर दिया है। देश के4300 प्रौद्यागिकी स्टार्टअप के साथ,भारत विश्व की तीसरी विशालतम स्टार्टअप प्रणाली के रूप में उभरा है। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र भारतीय सेवा क्षेत्र की एक वास्तविक सफलता की गाथा बन गया है। हमें इस सफलता को दूसरे बहुत से क्षेत्रों में दोहराना चाहिए।
7. भारत का सेवा क्षेत्र रोजगार सृजन का एक विशालतम स्रोत रहा है।2011-12 में सेवा क्षेत्र में रोजगार का हिस्सा28.5 प्रतिशत था जो उद्योग क्षेत्र की तुलना में4 प्रतिशत अधिक था। सेवा क्षेत्र के कई गुना विकास में सॉफ्टवेयर विकास,सूचना प्रौद्योगिकी, बीपोओ सेवाएं,वित्तीय संस्थानों, दूरसंचार,इंटरनेट सेवा, उड्डयन उद्योग,पर्यटन और आतिथ्य उद्योग में प्रचुर रोजगार अवसर पैदा किए हैं। आने वाले वर्षों में सेवा क्षेत्र भारत में रोजगार अवसरों का एक सबसे बड़ा सर्जक होगा।
8. भारत के पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में विश्व को प्रदान करने के लिए बहुत कुछ है तथा ये सेवा क्षेत्र में प्रभावी कायापलट कर सकते हैं। पर्यटन और आतिथ्य उद्योग को बढ़ावा देने के लिए घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए एक सुरक्षित और भयरहित वातावरण सुनिश्चित करना होगा। मनोवृत्ति में बदलाव के लिए ‘अतिथि देवो भव:’वाक्य को शब्दश: और भावना के साथ प्रयोग करना होगा। सरकार की‘स्वच्छ भारत’पहल भारत को पर्यटकों के लिए एक साफ और स्वच्छ गंतव्य बनाने की हमारे इच्छा के अनुरूप है।
9. भारत चिकित्सा पर्यटन के एक उत्कृष्ट गंतव्य के रूप में तेजी से उभर रहा है। भारत के लिए लाभकारी मापदंडों में कम लागत,विश्वस्तरीय चिकित्सा,नैदानिक और आरोग्य सेवाएं और अवसंरचना शामिल हैं। अपनी पूर्ण क्षमता साकार करने के लिए पर्यटन और आतिथ्य उद्योग को आवश्यक ढांचे के विकास तथा नीति पहलों में निरंतर सहयोग की जरूरत है।
देवियो और सज्जनो,
10. सेवा क्षेत्र भारत के लिए आर्थिक विकास का प्रमुख प्रेरक बना रहेगा। इसमें भारत को एक विकासशील अर्थव्यवस्था से विकसित अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए रास्ता बनाने की क्षमता है। इसलिए प्रमुख नीतिगत क्षेत्रों तथा समग्र राष्ट्रीय विकास उद्देश्यों के साथ संपर्क सुनिश्चित करते हुए एक सामंजस्यपूर्ण और व्यापक नीतिगत ढांचे के भीतर सेवा प्रेरित विकास कार्यनीति का निर्माण और कार्यान्वयन आवश्यक है।
11. सेवा क्षेत्र में 1990के दशक में आरंभ उदारीकरण की प्रक्रिया को प्रमुख नीतिगत पहलों तथा उपक्षेत्र केंद्रित दृष्टिकोण के द्वारा मजबूती से आगे बढ़ाना होगा। उदारीकरण के शुरुआती युग के बाद सेवा क्षेत्र के परिणाम दर्शाते हैं कि इसकी पूर्ण क्षमता को साकार करने के लिए सुधार प्रक्रिया को और तेज करना होगा।
12. सरकार की ‘भारत में निर्माण’पहल अप्रचलित प्रक्रियाओं और नीतियों की व्यापक और अभूतपूर्व सुधार प्रक्रिया है। यह सरकारी मानसिकता के पूर्ण परिवर्तन को प्रस्तुत करती है अर्थात जारी करने वाले प्रशासक से बदलकर‘न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन’के मूल सिद्धांत के साथ कारोबार साझीदार बनना। सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग के जरिए जन सेवाओं के समूचे माहौल को बदलने के लिए सरकार ने‘डिजिटल भारत कार्यक्रम’आरंभ किया है। इसको भारत को एक डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञानपूर्ण अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करने के लिए परिकल्पित किया गया है। इन नीतिगत पहलों के द्वारा विनिर्माण और सेवा उद्योग के उद्यमिता कौशल तथा व्यवसाय पहल को अर्थव्यवस्था के सतत और सुदृढ़ विकास के लिए संयोजित करना होगा।
13. भारत विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के विश्व अग्रणी बनने के लिए एक अभियान आरंभ करने के दौरान हमें घरेलू और वैश्विक रोजगार बाजार के लिए कुशल कार्यबल तैयार करना होगा। सरकार की‘कुशल भारत’पहल का लक्ष्य 2022 तक विभिन्न कौशलों में भारत के40करोड़ से ज्यादा लोगों का प्रशिक्षण शामिल है। पहलों में राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन,राष्ट्रीय कौशल विकास और उद्यमिता नीति 2015,प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना तथा कौशल ऋण योजना शामिल है।
देवियो और सज्जनो,
14. भारत में निर्माण,डिजिटल भारत, स्टार्टअप इंडिया तथा कौशल प्राप्त भारत पहल के माध्यम से,सरकार व्यवसाय करने में आसानी को बढ़ावा देने के लिए अपने कामकाज को पुन: निर्मित करते हुए कारोबार प्रक्रिया आरंभ कर रही है। इस अवसर का लाभ उठाने का दायित्व अब कारोबार प्रमुखों का है। सरकार और उद्योग के बीच सहयोग से भारत महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन ला सकता है। सेवा क्षेत्र के आप सभी पर भारतीय आर्थिक विकास की सफल गाथा में साझीदार बनने का बड़ा दायित्व है।
15. इस संदर्भ में,विश्व सेवा प्रदर्शनी सेवा व्यापार को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता के लिए वैश्विक प्रदर्शन का एक अत्यधिक जरूरी मंच है। अपनी व्यापक पहुंच के साथ यह क्षेत्र अपने अंतर्गत भौगोलिक सीमाओं को पार कर सकता है तथा कौशल और क्षमता प्रदान करने के साझे सूत्र के माध्यम से राष्ट्रों को एकताबद्ध कर सकता है।
16. मुझे विश्वास है कि इस समारोह में प्रतिभागियों को भारत को एक विश्व सेवा केंद्र के रूप में स्थापित करने तथा हमारी अर्थव्यवस्था की तेज गति को बनाए रखने के लिए इसकी विशाल निर्यात क्षमता निखारने हेतु तरीकों और साधनों पर विचार-विमर्श होगा। इस समारोह में,अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए सभी भागीदारों को पर्याप्त अवसर मिलने तथा सेवा क्षेत्र को जीवन,सतत और हमारी अर्थव्यवस्था की एक प्रेरक शक्ति बनाने की कार्ययोजना तैयार होने की उम्मीद है।
देवियो और सज्जनो,
17. मैं इस महत्वपूर्ण समारोह के आयोजकों तथा प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। मुझे उम्मीद है कि अगले तीन दिनों के दौरान प्रतिनिधिमंडल व्यवसाय पहल पर सार्थक विचार-विमर्श करेंगे,कार्यनीतिक गठबंधन स्थापित करेंगे तथा भारतीय अर्थव्यवस्था के सेवा क्षेत्र की व्यापक प्रगति के लिए एक खाका तैयार करेंगे। आपके प्रयासों के सफल होने के लिए शुभकामनाएं।
धन्यवाद।
जय हिन्द!