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भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी का आधिकारिक जीवनवृत्त

श्री प्रणब मुखर्जी ने सरकार तथा संसद में रहते हुए देश की अनुकरणीय सेवा के पचास वर्षों से अधिक की अवधि के अपने राजनीतिक जीवन के शिखर पर 25 जुलाई, 2012 को भारत के 13वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण किया।

इक्यासी वर्षीय श्री मुखर्जी एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें शासन का बेजोड़ अनुभव है और उन्हें समय-समय पर, विदेश, रक्षा, वाणिज्य और वित्त मंत्री के रूप में सेवा करने का बेजोड़ अनुभव प्राप्त है। उन्हें 1969 से पांच बार संसद के उच्च सदन (राज्य सभा) के लिए और 2004 से दो बार संसद के निम्न सदन (लोक सभा) के लिए चुना गया। वे 23 वर्षों तक पार्टी की सर्वोच्च नीति-निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य रहे।

वर्ष 2004-2012 की अवधि के दौरान उन्होंने प्रशासनिक सुधार, सूचना का अधिकार, रोजगार का अधिकार, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, मैट्रो रेल आदि की स्थापना जैसे विभिन्न मुद्दों पर, इस उद्देश्य के लिए गठित 95 से अधिक मंत्री समूहों की अध्यक्षता करते हुए सरकार के लिए महत्त्वपूर्ण निर्णयों तक पहुंचने में अग्रणी भूमिका निभाई। सातवें और आठवें दशक में उन्होंने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (1975) तथा भारतीय एक्जिम बैंक के साथ ही राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (1981-82) की स्थापना में भूमिका निभाई। श्री मुखर्जी ने 1991 में केंद्र और राज्यों के बीच संसाधनों के बंटवारे का संशोधित फार्मूला भी तैयार किया था, जिसे गाडगिल-मुखर्जी फार्मूला के नाम से जाना जाता है।

एक ओजस्वी वक्ता तथा विद्वान, श्री मुखर्जी के बौद्धिक तथा राजनीतिक कौशल की तथा अंतरराष्ट्रीय संबंधों, वित्तीय क्रियाकलापों तथा संसदीय प्रक्रियाओं के बारे में उनके असाधारण ज्ञान की चारों ओर प्रशंसा हुई है। भारत के जीवंत बहुदलीय लोकतंत्र में, विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच एकता स्थापित करने की अपनी योग्यता के द्वारा जटिल राष्ट्रीय मुद्दों पर आम सहमति बनाने की अपनी भूमिका के लिए उनकी सराहना की जाती है।

एक साधारण परिवार के श्री मुखर्जी ने स्वतंत्रता सेनानी श्री कामदा किंकर मुखर्जी और राजलक्ष्मी के पुत्र के रूप में पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले में एक छोटे से गांव मिराती में, 11 दिसंबर, 1935 को जन्म लिया। श्री मुखर्जी के पिता एक कांग्रेसी नेता थे, जिन्हें भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के कारण, कई बार जेल जाने सहित, बहुत से कष्टों का सामना करना पड़ा।

श्री मुखर्जी ने कोलकाता विश्वविद्यालय से इतिहास और राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि तथा विधि में उपाधि प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने कॉलेज शिक्षक और पत्रकार के रूप में अपना व्यावसायिक जीवन शुरू किया। राष्ट्रीय आंदोलन में, अपने पिता के योगदान से प्रेरणा लेकर श्री मुखर्जी संसद के उच्च सदन (राज्य सभा) में चुने जाने के बाद, वर्ष 1969 में पूरी तरह सार्वजनिक जीवन में कूद पड़े।

दिवंगत प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी के सतर्क मार्गदर्शन के अधीन, श्री मुखर्जी अपने राजनीतिक जीवन में तेजी से ऊंचाइयों की ओर बढ़ते गए। वर्ष 1973-74 की अवधि के दौरान उन्हें उद्योग; जहाजरानी एवं परिवहन, इस्पात एवं उद्योग उपमंत्री तथा वित्त राज्य मंत्री बनाया गया। उन्होंने 1982 में पहली बार, प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में भारत के वित्त मंत्री का पद ग्रहण किया और वे 1980 से 1985 तक संसद के उच्च सदन (राज्य सभा) में सदन के नेता रहे। बाद में, वे 1991 से 1996 तक योजना आयोग के उपाध्यक्ष, 1993 से 1995 तक वाणिज्य मंत्री, 1995 से 1996 तक विदेश मंत्री, 2004 से 2006 तक रक्षा मंत्री तथा पुन: 2006 से 2009 तक विदेश मंत्री रहे। वे 2009 से 2012 तक वित्त मंत्री रहे तथा 2004 से 2012 तक राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए त्याग-पत्र देने तक संसद के निम्न सदन के नेता रहे।

श्री मुखर्जी को व्यापक कूटनीतिक अनुभव प्राप्त है और वे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक तथा अफ्रीकी विकास बैंकों के संचालक मंडलों में रहे हैं। उन्होंने 1982, 1983 और 1984 में राष्ट्रमंडल वित्त मंत्रियों के सम्मेलन में; 1994, 1995, 2005 तथा 2006 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में, 1995 में ऑकलैंड में राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों के सम्मेलन में, 1995 में कार्टाजीना में गुटनिरपेक्ष विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में तथा 1995 में बांडुंग में अफ्रीकी-एशियाई सम्मेलन की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित सम्मेलन में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व किया।

श्री मुखर्जी एक विलक्षण पाठक हैं और उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था तथा राष्ट्र निर्माण पर कई पुस्तकें लिखीं हैं। उन्हें बहुत से पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिनमें 2008 में भारत का द्वितीय उच्चतम् असैनिक पुरस्कार पद्म विभूषण, 1997 में सर्वोत्तम सांसद का पुरस्कार तथा 2011 में भारत में सर्वोत्तम प्रशासक पुरस्कार शामिल है। उन्हें वर्ष 2013 में ढाका विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ लॉ की मानद उपाधि प्रदान की गई; वर्ष 2014 में कलकत्ता विश्वविद्यालय द्वारा मानद उपाधि; वर्ष 2015 में रसियन डिप्लोमैटिक एकेडमी द्वारा मानद डाक्टरेट; तथा वर्ष 2015 में बेलारूस स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा मानद प्रोफेसर की उपाधि प्रदान की गई। 2015 में जॉर्डन विश्वविद्यालय द्वारा मानद डॉक्टरेट; 2015 में अल-कुद्स विश्वविद्यालय, फिलस्तीन द्वारा मानद डॉक्टरेट, 2015 में हिब्रू विश्वविद्यालय, इजराइल द्वारा मानद डॉक्टरेट और 2016 में काठमांडू विश्वविद्यालय, नेपाल द्वारा मानद डाक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई। न्यूयार्क से प्रकाशित होने वाले जर्नल ‘यूरो मनी’ द्वारा आयोजित सर्वेक्षण के अनुसार उन्हें 1984 में विश्व के सर्वोत्तम पांच वित्त मंत्रियों में शुमार किया गया था तथा विश्व बैंक तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के लिए जर्नल ऑफ रिकार्ड, ‘एमर्जिंग मार्केट्स’ द्वारा उन्हें 2010 में एशिया के लिए ‘वर्ष का वित्त मंत्री’ घोषित किया गया था।

श्री मुखर्जी का विवाह रवीन्द्र संगीत की निष्णात गायिका और कलाकार स्व. श्रीमती सुव्रा मुखर्जी (17.09.1940-18.08.2015)से हुआ था। उनके दो पुत्र और एक पुत्री हैं।

श्री मुखर्जी खाली समय में पढ़ना, बागवानी करना तथा संगीत सुनना पसंद करते हैं। साधारण रुचि वाले श्री मुखर्जी कला तथा संस्कृति के समर्पित संरक्षक हैं।

एक जिज्ञासु पर्यटक के रूप में, भारत के कुछ ही हिस्से तथा दुनिया के कुछ ही देश ऐसे होंगे, जहां वे अपने शानदार तथा लम्बे सार्वजनिक जीवन में न जा पाए हों।

उप मंत्री, औद्योगिक विकासफरवरी, 1973 से जनवरी, 1974 तक
उप मंत्री, पोत-परिवहन एवं सड़क परिवहनजनवरी 1974 से अक्तूबर, 1974 तक
उप मंत्री, इस्पात एवं उद्योग...
वित्त राज्य मंत्रीअक्तूबर से दिसंबर 1975 तक
राजस्व एवं बैंकिंग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)दिसंबर 1975 से मार्च, 1977 तक
वाणिज्य एवं इस्पात और खान मंत्रीजनवरी, 1980 से जनवरी, 1982 तक
वित्त मंत्रीजनवरी, 1982 से दिसंबर 1984 तक
वाणिज्य एवं आपूर्ति मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभारसितंबर से 31 दिसंबर 1984 तक
उपाध्यक्ष, योजना आयोगजून, 1991 से मई, 1996 तक
वाणिज्य मंत्रीजनवरी, 1993 से फरवरी, 1995 तक
विदेश मंत्रीफरवरी, 1995 से मई, 1996 तक
रक्षा मंत्रीमई, 2004 से 24 अक्तूबर, 2006 तक
विदेश मंत्रीअक्तूबर, 2006 से मई, 2009 तक
वित्त मंत्री24 जनवरी, 2009 से 26 जून, 2012 तक

राज्य सभा के लिए चयन1969, 1975, 1981, 1993, 1999
लोक सभा के लिए चयन2004, 2009, जुलाई, 2012 तक
राज्य सभा में कांग्रेस पार्टी के उपनेता1978-80
राज्य सभा में कांग्रेस पार्टी के मुख्य सचेतक1996-2004
राज्य सभा में सदन के नेता1980-85
सदस्य, कार्य मंत्रणा समिति,विशेषाधिकार समिति तथा नियम समिति सदस्य, विदेश मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति1996-99
अध्यक्ष, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथापर्यावरण एवं वन संबंधी संसदीयस्थाई समिति1997
अध्यक्ष, गृह मामलों संबंधीस्थाई समितिजून, 1998 से मई, 2004 तक
लोक सभा के नेताजून, 2004 से जून, 2012 तक

सदस्य, कांग्रेस कार्य समिति27 जनवरी, 1978 से 18 जनवरी, 1986 तक10 अगस्त, 1997 से 25 जून, 2012 तक
अध्यक्ष, पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी1985, अगस्त, 2000 से जून 2010 तक
सदस्य, केन्द्रीय संसदीय बोर्ड,अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी1978 से 1986 तक
कोषाध्यक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी1978 से 1979 तक
कोषाध्यक्ष, संसद में कांग्रेस (इ)पार्टी1978 से 1979 तक
अध्यक्ष, आर्थिक सलाहकार प्रकोष्ठ, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी1987 से 1989 तक
अध्यक्ष, संसद के राष्ट्रीय चुनावआयोजित करने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी कीअभियान समिति1984, 1991, 1996, 1998, 1999
अध्यक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेसकमेटी की केंद्रीय चुनाव समन्वय समितिजून 28, 1999 से
सदस्य, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटीकी केंद्रीय चुनाव समितिदिसंबर 12, 2001 से जून 25, 2012 तक
राष्ट्रपति के पद पर चुनाव लड़ने सेपूर्व कांग्रेस पार्टी से त्याग-पत्र25 जून, 2012

संचालक मंडल, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष1982 से 1985, 2009 से 2012
संचालक मंडल, विश्व बैंक1982 से 1985, 2009 से 2012
संचालक मंडल, एशियाई विकास बैंक1982 से 1985, 2009 से 2012
संचालक मंडल, अफ्रीकी विकास बैंक1982 से 1985, 2009 से 2012
अध्यक्ष, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक में 24 राष्ट्रों का समूह1984, 2011-12
अध्यक्ष, दक्षेस के मंत्रियों की परिषदका सम्मेलनमई, 1995, नवंबर, 1995,अप्रैल, 2007

कोलंबो प्लान वित्त मंत्रियों कासम्मेलन, सिंगापुर और कोलंबो1975, 1976
राष्ट्रमंडल वित्त मंत्रियों का सम्मेलन1982, 1983, 1984
विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोषकी वार्षिक बैठकें1982, 1983, 1984, 2009, 2010, 2011, 2012
एशियाई विकास बैंक की वार्षिक बैठकें1982, 1983, 1984, 2010, 2011, 2012
विश्व व्यापार संगठन का माराकेश मंत्री-सम्मेलन1994
संयुक्त राष्ट्र महासभा1994, 1995, 2005, 2006
कोपेनहेगन में सामाजिक शिखर बैठक1995
बांडुंग में अफ्रीकी-एशियाई सम्मेलन की 40वीं वर्षगांठ1995
राष्ट्रमंडल के राष्ट्राध्यक्षों का सम्मेलन, ऑकलैंड1995
गुटनिरपेक्ष विदेश मंत्रियों का सम्मेलन कार्टाजीना1995

अध्यक्ष, निखिल भारत बंग साहित्यसम्मेलन1995 से 2001, 2004 से जून, 2012
अध्यक्ष, योजना बोर्ड, एशियाटिकसोसाइटी, कोलकाता1984 से 1986, 1992 से 1996, 2004-2012
न्यासी, बंगीय साहित्य परिषद1984 से 1990
न्यासी, बिधान मेमोरियल ट्रस्ट,कोलकाता1998 से जून, 2012

बियोंड सर्वाइवल : एमर्जिंग डायमेंशन्सऑफ इन्डियन इकॉनॉमी1984
ऑफ द ट्रैक1987
सागा ऑफ स्ट्रगल एंड सैक्रिफाइस1992
चैलेंजेस बिफोर द नेशन1992
थॉट्स एंड रिफ्लैक्शन्स2014
द ड्रामैटिक डेकेड: द इंदिरा गांधी ईयर्स2014
द ट्रबुलेंट ईयर्स - 1980-19962016