राष्ट्रपति जी ने कहा कि हमें गूँगों की आवाज बनने तथा अपने समाज में ठोस बदलाव लाने के लिए सक्रिय,समर्पित तथा आदर्शवादी लोगों की सेना की जरूरत है|

राष्ट्रपति भवन : 15-06-2013

भारत के राष्ट्रपति,श्री प्रणब मुखर्जी ने आज(15 जून 2013)विज्ञान भवन,नई दिल्ली में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय दिल्ली के प्रथम दीक्षांत समारोह में भाग लिया|

 
We Need An Army Of Smart, Committed And Idealistic People To Give Voice To The Voiceless And Produce Tangible Change In Our Society, Says President

 

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय दिल्ली के स्नातकों को निरंतर उन उपायों के बारे में सोचना चाहिए जिनसे वे अपने देश का ऋण चुका सकते हैं| उन्हें शक्तिहीनों का प्रतिनिधित्व करने और न्याय कि प्राप्ति में उनकी सहायता करने के लिए हर समय तत्पर और इच्छुक रहना चाहिए| उन्होंने कहा कि "हमें गूँगों की आवाज बनने तथा अपने समाज में ठोस बदलाव लाने के लिए सक्रिय,समर्पित तथा आदर्शवादी लोगों की सेना की जरूरत है|" उन्होंने उम्मीद जताई कि ये स्नातक निर्धनों की कानूनी सहायता को जीवन भर के लिए दायित्व के रूप में अपनाएँगे और शक्तिविहीनों की समस्याओं की और ध्यान आकर्षित करने का हर संभव प्रयास करेंगे| तथापि,उन्होंने सलाह दी कि बदले में उन्हें किसी मांग अथवा कृतज्ञता कि अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए| उन्होंने कहा कि आप यह कार्य-अधिक समतापूर्ण विश्व के लिए तथा उस मातृभूमि के-उस भारत के प्रति योगदान के रूप में करें जिसने आपको वह बनाया है जो आप आज हैं|

 
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राष्ट्रपति ने कहा कि अन्याय से लड़ना अधिवक्ताओं का कर्तव्य है,चाहे वह कहीं भी हो रहा हो|अधिवक्ताओं को आपराधिकता,निर्धनता,घरेलू हिंसा,जाति-भेद और शोषण के विभिन्न रूपों के विरुद्ध बदलाव का नेतृत्व करना चाहिए| राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय दिल्ली का आह्वान किया कि वह वर्तमान चुनौतियों का सामना करने में अग्रणी भूमिका निभाए और यह सुनिश्चित करे कि युवाओं में मातृभूमि के प्रति प्रेम; कर्तव्यों का निर्वाह;सभी के प्रति करुणा;विविधता के प्रति सहिष्णुता;महिलाओं का सम्मान;जीवन में ईमानदारी;आचरण में आत्मनियंत्रण;कार्यों में जिम्मेदारी तथा अनुशासन,इन नौ सभ्यतागत मूल्यों का समावेश हो|

यह विज्ञप्ति 1325 बजे जारी की गई।

 
We Need An Army Of Smart, Committed And Idealistic People To Give Voice To The Voiceless And Produce Tangible Change In Our Society, Says President