आवासी नवान्वेषण विद्वानों, लेखकों और कलाकारों ने राष्ट्रपति से भेंट की
राष्ट्रपति भवन : 15-03-2017
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10 नवान्वेषण विद्वानों, दो लेखकों और दो कलाकारों ने,जो राष्ट्रपति भवन के आवासी कार्यक्रम का भाग रहे हैं, आज (15 मार्च, 2017) राष्ट्रपति भवन में भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी से भेंट की।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि आवासी कलाकार, लेखक और नवान्वेषण विद्वान हमारे लिए विशेष हैं क्योंकि वे नवान्वेषी, संवेदनशील और कल्पनाशील हैं जो समय,स्थान और परिवेश की सीमाओं से परे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी कृतियों का प्रभाव स्थाई है। उन्हें प्रसन्नता है कि उनके राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान आवासी कार्यक्रम प्रतिभागियों की रचनात्मकता को जाग्रत करने का अवसर प्रदान किया जा सका। उन्होंने कहा कि आवासी कार्यक्रम के कल्पनाशील और संवेदनशील प्रतिभागी भारत की आत्मा को अक्षुण्ण बनाए रखने में अपना व्यक्तिगत योगदान दे रहे हैं, इसलिए वे विशेष हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जब प्रतिभागी वापस अपने-अपने स्थानों पर जाएंगे, वे अपने देश भारत के प्रति अपने दृष्टिकोण में एक नया आयाम पैदा करेंगे जिससे वे इसकी बेहतरी और समृद्धि में अपना योगदान कर सकेंगे।
राष्ट्रपति की सचिव,श्री ओमिता पॉल ने कहा कि पद ग्रहण करने के बाद राष्ट्रपति की संकल्पना थी कि नवान्वेषण देश में एक क्रांति बन जाए। उन्होंने कहा कि यह देखकर प्रसन्नता हुई कि उनकी संकल्पना साकार हो रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नवान्वेषण भविष्य में भी और अधिक गति पकड़ेगा।
् श्री अनिल गुप्ता,कार्यकारी उपाध्यक्ष राष्ट्रीय नवाचार प्रतिष्ठान ने कहा कि नवान्वेषण की विरासत श्री प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति काल में निर्मित होती रही है तथा एक संदेश प्रसारित हुआ है कि रचनात्मकता महत्वपूर्ण होती है।
आवासी कार्यक्रम के प्रतिभागियों ने अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि वे द्विसाप्ताहिक आवासी कार्यक्रम का भाग बनने का अवसर प्रदान करने के लिए राष्ट्रपति के प्रति कृतज्ञ हैं। उन्होंने इस राष्ट्रपति काल के दौरान स्मार्ट ग्राम पहल, समागम, स्पर्श आदि जैसी अनेक पहलों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उनमें नवीन ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ है तथा वे अपने तरीके से समाज के कल्याण में योगदान देने के प्रति कृत संकल्प हैं।
नवान्वेषण विद्वानों ने कहा कि उनकी नवान्वेषी भावना और क्षमता नवान्वेषण पर्व के दौरान गहन हुई है,संबंधित भागीदारों के साथ सीधे संपर्क स्थापित किए गए हैं तथा उनके लिए नए अवसर खुले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यक्रम में एक साहचर्यता को बढ़ावा दिया गया क्योंकि उन्हें देश भर के विविध पृष्ठभूमियों से आने वाले साथी प्रतिभागियों से बातचीत करने का अवसर प्राप्त हुआ।
यह विज्ञप्ति 1435 बजे जारी की गई।