राष्ट्रपति ने कहा, आधुनिक भारत जिसमें समावेशी विकास एक प्रमुख उद्देश्य है, में लिंग भेदभाव के लिए कोई स्थान नहीं है

राष्ट्रपति भवन : 08-03-2017

भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज (08 मार्च, 2017) राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में वर्ष 2016 के नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किए।

इस अवसर पर] राष्ट्रपति ने आज राष्ट्रीय पुरस्कार, नारी शक्ति पुरस्कार प्राप्त करने वाली महिलाओं और संगठनों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उन्होंने चुनौतियां हाथ में लेकर उत्कृष्टता प्राप्त की है और उच्च आकांक्षाओं को साकार किया है। प्रत्येक सफलता के पीछे अत्यधिक निष्ठा और लगन की गाथा जुड़ी होती है। प्रत्येक उपलब्धि हजारों महिलाओं के सच्चे प्रयासों को प्रदर्शित करती है और उनका समान रूप से सम्मान करना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार भी महिलाओं के विरुद्ध हिंसात्मक अपराधों की बढ़ती संख्या से चिंतित है। यह सत्य है कि भारत में महिलाएं उतनी सुरक्षित और भयरहित अनुभव नहीं करती हैं जितना उन्हें करना चाहिए। आधुनिक भारत जिसमें समावेशी विकास एक प्रमुख उद्देश्य है, में लिंग भेदभाव के लिए कोई स्थान नहीं है। स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों के बच्चों और युवाओं में कम आयु के दौरान जागरूकता पैदा करने से महिलाओं के प्रति उचित सम्मान पैदा करने में मदद मिलेगी। यह कार्य हमारी ग्रामीण और शहरी जनसंख्या के बीच समुचित उपायों तथा सुविचारित और सामंजस्यपूर्ण सरकारी कार्यक्रमों के माध्यम से किया जाना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर यह दोहराना जरूरी है कि हमारे देश की प्रत्येक बालिका और महिला को यह विश्वास दिलाया जाए कि भारत सरकार समान अवसर प्रदान करने वाला वातावरण उपलब्ध करवाने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध है। उसे यह विश्वास अनुभव करना चाहिए कि वह अपने मनपसंद क्षेत्र में अपनी सबसे बड़ी अभिलाषाओं को पूरा कर सकती है। प्रधानमंत्री का‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान हमारे देश के अनेक भागों में बच्चों के अनुपात में गिरावट को देखते हुए आरंभ किया गया है। इसकी संकल्पना हमारे देश के प्रत्येक भाग की बालिकाओं को प्राथमिक शिक्षा में प्रवेश के लिए प्रेरित करना भी है। कार्यक्रम में विशेष प्रयास 2015 में भारत के 100 जिलों तथा 2016में इसका विस्तार और 61 जिलों तक करने का लक्ष्य है।

यह विज्ञप्ति 1355 बजे जारी की गई।