भारत के राष्ट्रपति द्वारा नेपाल की उनकी राजकीय यात्रा के निष्कर्ष मीडिया वक्तव्य

राष्ट्रपति भवन : 04-11-2016

नेपाल की राजकीय यात्रा के परिणामस्वरूप श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा मिडिया को दिए गए वक्तव्य का पूरा पाठ इस प्रकार हैः

‘नेपाल के राष्ट्रपति, सेवानिवृत्त माननीय विद्या देवी भंडारी के आमंत्रण पर मैंने दो से चार नवंबर, 2016 तक नेपाल की एक बहुत ही निर्णायक राजकीय यात्रा की। 1998 से नेपाल की यात्रा करने वाले राष्ट्र के एक भारतीय प्रमुख के रूप में यह पहली यात्रा थी। मेरे प्रतिनिधिमंल में रक्षा राज्य मंत्री,डॉ. सुभाष भामरे, संसद सदस्य, श्री एल गणेशन, श्री जगदंबिका पाल और श्री आर के सिंह, राष्ट्रपति भवन और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

नेपाल की जनता और सरकार द्वारा जिस गर्मजोशी के साथ मेरा स्वागत किया गया वह अत्यधिक भावनापूर्ण था। यह भारत और नेपाल के बीच मित्रता के ऐतिहासिक बंधन और जनता केंद्रिंत अनूठे और बहुमुखी संबंधों को प्रतिबिंबित करता है।

नेपाल के माननीय सेवानिवृत्त राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और कैबिनेट के सदस्यों ने मेरा हवाई अड्डे पर स्वागत किया।

सेवानिवृत्त माननीय विद्या देवी भंडारी, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, नेपाल के भूतपूर्व राष्ट्रपति, देश के राजनीतिक नेताओं के समस्त वर्ग और सिविल सोसाइटी के सदस्यों के साथ मेरी निर्णायक बैठकें हुईं। मैंने सूचित किया कि भारत, नेपाल सरकार और जनता के लिए प्राथमिकता के सभी क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ाने में प्रतिबद्ध है। दो संप्रभु देशों के रूप में हम अपने संबंधों को विश्वास, सौहार्द और परस्पर लाभ के आधार पर आगे ले जाना चाहते हैं। मैंने एक संघीय लोकतंत्र व्यवस्था के भीतर शांति स्थिरता और विकास हासिल करने के उनके राष्ट्रीय प्रयासों में नेपाल की मित्र जनता को भारत की जनता और सरकार की ओर से शुभकामनाएं प्रेषित की। मैंने सेवानिवृत्त माननीय विद्या देवी भंडारी को भारत में आमंत्रित करने की बात दोहराई। उन्होंने खुशी से भारत की यात्रा करने के आमंत्रण को स्वीकार किया। मैंने अपनी सभी बैठकों में हमारे लोगों के लाभ के लिए हमारे शानदार द्विपक्षीय संबंधों को विकसित करने के प्रति बेहद सौहार्द और तीव्र इच्छा महसूस की।

हमारे दोनों देशों और जनता को एक करने वाले मजबूत सांस्कृतिक और धार्मिक बंधनों को रेखांकित करते हुए मैंने पशुपति नाथ मंदिर के दर्शन किए और प्रार्थना की। मैंने घोषणा की कि भारत बागमती नदी पर पशुपाति मंदिर के पास दो लघु विकास परियोजनाएं आरंभ करेगा और घाट का नवीकरण करेगा। मुझे काठमांडू मेट्रोपोलिटन सिटी कार्यालय द्वारा राष्ट्रीय सभागृह में नागरिक सम्मान दिया गया और शहर की चाबियां प्रदान की गईं। इस समारोह में नेपाल के प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों और काठमांडू के विशिष्ट नागरिकों द्वारा मुझे काठमांडू विश्वविद्याल द्वारा मानद डॉक्टरेट प्रदान किया गया जिसे मैंने भारत की जनता की ओर से विनम्रता से स्वीकार किया। मैंने विश्वविद्यालय के छात्रों और संकायों से शिक्षा के आदान-प्रदान और अनुसंधान और विकास में निवेश के माध्यम से ज्ञान साझीदारी निर्मित करने की आवश्यकता पर बल दिया। मैंने बेहतर भविष्य के लिए युवाओं के सपनों को साकार करने के लिए उनकी प्रतिभाओं में नवान्वेष को बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। मैंने घोषणा की कि 2017 से नेपाली छात्रों को नियमित आधार पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में स्नातक और स्नातकोत्तर करने का अवसर मिलेगा। इसके लिए हमारी प्रौद्योगिकी संस्थानों को नेपाली छात्रों के लिए प्रवेश परीक्षा खोलेंगे। अभिलाषी छात्रों को काठमांडू में इन परीक्षाओं में बैठने का विकल्प प्राप्त होगा। इसके अतिरिक्त नेपाली इंजीनियरी और विशेषज्ञों को इस वर्ष आईआईटी रुड़की में पनबिजली और जल संसाधन प्रबंधन में पाठ्यक्रम के लिए 23 स्नातकोत्तर छात्रवृत्तियां प्रदान की जाएंगी।

मैंने जनकपुर के प्राचीन शहर का भी दौरा किया जहां जनकपुरी मंदिर में मैंने प्रार्थना की और मुझे जनकपुर नगर निगम द्वारा नागरिक सम्मान दिया गया। इस समारोह में उक्त प्रधानमंत्री और गृह मंत्री श्री बिमलेंद्र निधि, सिविक निकायों के प्रमुख प्रतिनिधि और क्षेत्र के असंख्य निवासी उपस्थित थे। जनकपुर शहर हमारे संपर्कों के लंबे इतिहास और उस निकट मैत्री और पारिवारिक बंधनों के प्रतीक हैं जो हमारे लोगों के बीच मौजूद हैं। मैंने घोषणा की कि भारत परिक्रमा पथ के साथ दो धर्मशालाएं निर्मित करेगा जो हमारे दोनों देशों से तीर्थ यात्राओं के लिए उपयोगी होंगी।

नेपाल की जनता ने भारतीय सेना में अपनी सेवाओं के द्वारा भारत की सुरक्षा और संरक्षा में गहरा योगदान दिया है। उन्होंने अपनी बहादुरी और साहस से अपनी विशिष्टता बनाई। मैंने भारतीय भूतपूर्व सैनिक और उनके परिवारों के साथ पोखरा में बातचीत की।

मैंने नीति अनुसंधान प्रतिष्ठान, नेपाल समकालीन अध्ययन और भारत फाउंडेशन के लिए नेपाल केंद्र में आयोजित एक सेमिनार को संबोधित किया और भारत नेपाल संबंधों को बढ़ाने के संबंध में अपना दृष्टिकोण साझा किया।

नेपाल की मेरी यात्रा एक ‘मैत्री मिशन’ है और इस प्राथमिकता को प्रतिबिंबित करती है कि नेपाल के साथ हमारे अनूठे संबंध को और अधिक मजबूत करने को भारत महत्व देता है। हमारे भाग्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और सामान्य समृद्धि के विकास को आगे बढ़ाने की आवश्यकता को दोनों पक्ष मान्यता देते हैं। भारत शांति, स्थिरता और विकास कायम रखने में नेपाल को सहायता पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। दोनों पक्ष इस बात से सहमत हैं कि अब चालू द्विपक्षीय विकास के कार्यान्वयन और संपर्क परियोजनाओं तथा नेपाल में भुकंप के बाद पुनर्निर्माण की परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

मुझे विश्वास है कि मेरी यात्रा से हमारे सामान्य सहयोगी प्रयासों को नई गतिशीलता मिलेगी। मुझे विश्वास है कि हमारी दोनों जनताओं के पारस्परिक हित के लिए आगामी वर्षों में भूगोल, इतिहास और संस्कृति, भारत-नेपाल संबंधों की साझी मजबूती निर्मित करके भारत-नेपाल संबंधों को नई ऊंचाई प्राप्त होगी।’

यह विज्ञप्ति1710 बजे जारी की गई।