35वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2015 के उद्घाटन समारोह के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण
प्रगति मैदान, नई दिल्ली : 14-11-2015
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1. मुझे 35वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला (आईआईटीएफ) के उद्घाटन समारोह में आज यहां उपस्थित होकर अत्यंत प्रसन्नता हो रही है,जो कि भारत व्यापार संवर्धन संगठन का प्रमुख कार्यक्रम है।
2. मैं दक्षेस क्षेत्र से कम्पनियों की पर्याप्त भागीदारी से विशेष रूप से खुश हूं। हमारी‘पड़ोस पहले’ नीति में हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता हमारे दक्षिण एशियाई दक्षिण पड़ोसी हैं। दक्षिण एशिया के प्रति हमारा दृष्टिकोण सदैव साझी खुशहाली और सुरक्षा प्राप्त करने का रहा है। तथापि वास्तविकता यह है कि हमारा क्षेत्र कम एकीकृत और विकसित बना हुआ है, जो हमारे व्यापार प्रयास के अधिकाधिक सहयोग और तेजी की आवश्यकता दर्शाता है।
3. इस संदर्भ में, भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला2015 में अफगानिस्तान को ‘साझीदार देश’और बांग्लादेश को ‘प्रमुख देश’ के रूप में देखना सुखद है। अफगानिस्तान के साथ घनिष्ठ आर्थिक सहयोग से, भारत अपनी वस्तुओं और सेवाओं के लिए न केवल एक बृहत और प्रगतिशील बाजार प्रदान कर सकता है बल्कि अफगानिस्तान की आवश्यकता के लिए जरूरी पूंजी,प्रौद्योगिकी,सर्वोत्तम तरीकों और संस्थाओं का स्रोत भी बन सकता है।
4. बांग्लादेश क्षेत्र में तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। यह वस्त्र जैसे क्षेत्रों में बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के लिए एक ठोस विनिर्माण आधार के रूप में उभर रहा है। हमारे संसाधनों को देखते हुए हमारी अर्थव्यवस्थाओं में मिलकर विकास करने की क्षमता है। भारत की तरह बांग्लादेश एक ऐसा देश है जिसकी उपयोगी आयु वर्ग की महत्त्वपूर्ण आबादी है,उसके 159 मिलियन की आबादी का65 प्रतिशत 15 से 64 वर्ष के आयु वर्ग का है। हमारे देश पहले से ही व्यापार और वाणिज्य जैसी आर्थिक गतिविधियों की बृहत क्षेत्रों में सहयोगी हैं। हमारी अपनी अपनी प्रगति से हमारे दोनों देशों की जनता को और अधिक अवसर प्राप्त हो सकते हैं।
मित्रो,
5. मैं एक क्षण मध्य प्रदेश का उल्लेख करने के लिए भी लूंगा,जो भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2015 का प्रमुख राज्य है। इस राज्य के सभी मोर्चों पर विशेषकर कृषि में नवान्वेषी उपायों से प्रगति हुई है जहां पिछले दो वर्षों में विकास दर20 प्रतिशत के निकट रही है।
6. मैं इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में गोवा और झारखंड को उनकी भागीदारी के लिए बधाई देता हूं। गोवा देश में तीव्रतम विकास करने वाले राज्यों में से एक है और प्रति व्यक्ति आय में अग्रणी राज्यों में इसकी गिनती है। गोवा के सुविकसित सामाजिक,भौतिक और औद्योगिक अवसंरचना और सूचना प्रौद्योगिकी संयोजन से विशेषकर खनन,पर्यटन और दवा निर्माण जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में सशक्त आर्थिक परिणाम निकले हैं।
7. झारखंड विश्व के एक सबसे समृद्ध क्षेत्रों में अवस्थित है। भारत कुल खनिज भंडार का40 प्रतिशत यहां पाया जाता है। झारखंड कोयला भंडार में प्रथम और लौह अयस्क भंडार में दूसरे स्थान पर है। इसकी विशिष्ट अवस्थिति अनुकूलता को देखते हुए औद्योगिक विकास की संभावना बहुत अधिक है। यह राज्य देश में उत्पन्न समग्र लौह अयस्क का17 प्रतिशत पैदा करता है।
देवियो और सज्जनो,
8. भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला अपने आप में एक ब्रांड नाम है और इसकी ख्याति विश्वव्यापी है। व्यापार और उद्योग के वार्षिक आयोजन का लक्ष्य शेष विश्व के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों को घनिष्ठ बनाना है। विदेशी संबंधों के विषय में,भारत सरकार ने पड़ोसी और विश्व के मित्र देशों के साथ अपने रिश्तों को प्रगाढ़ किया है। हाल ही में अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में हमने तृतीय भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन किया। शिखर सम्मेलन में सभी54 अफ्रीकी राष्ट्रों की भागीदारी ने विदेश नीति के संदर्भ में,हमें राष्ट्रों के एक चुनिंदा समूह में शामिल किया है जिसमें एक साथ समूचे अफ्रीका को शामिल करने की क्षमता और योग्यता है। भारत विविध मंचों पर बढ़ी हुई भूमिका निभाने के लिए संयुक्त राष्ट्र से लेकर आर्कटिक परिषद और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रशांत गठबंधन, जिनमें भारत ने स्थायी सदस्यता का उचित दावा किया है,सहित बहुपक्षीय संगठनों में समान विचारों वाले देशों के भी कार्य कर रहा है। भारत की क्षमता की गूंज अब पुरजोर है।
9. भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला 2015 वैश्विक भाईचारे और शांति व समृद्धि में वृद्धि हेतु व्यापार में साझी रूचि रखने वालों के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करता है। समावेशी आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति के भारत के प्रयासों ने बहुत से विकासशील देशों का मार्ग प्रशस्त किया है। यह भारत के लिए सुनहरे अवसरों का दौर है। भारत सरकार की अनेक नवीनतम पहल ने परिणाम दर्शाने शुरू कर दिए हैं तथा उन्होंने प्रमुख क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव पैदा किया है। भारत को एक निवेश और विनिर्माण निर्दिष्ट स्थान बनाने के लिए‘मेक-इन-इंडिया’, भारत को डिजीटली-सशक्त समाज में परिवर्तित करने के लिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम;उद्यमशीलता और रोजगार सृजन बढ़ाने के लिए ‘स्टार्ट-अप इंडिया’, ‘स्टेंड-अप इंडिया’; ‘स्मार्ट सिटीज़’, ‘स्वच्छ भारत’और ‘क्लीन गंगा मिशन’ भारत सरकार के कुछ ऐसे सर्वोत्कृष्ट कार्यक्रम हैं। केवल पिछले वर्ष ही वित्तीय समावेश में एक गहन प्रयास से‘जन-धन योजना’ के अंतर्गत 140लाख बैंक खाते खोले गए।
देवियो और सज्जनो,
10. पिछले कुछ वर्षों में हमारी अर्थव्यवस्था ने शानदार तरीके से चुनौतीपूर्ण विश्व आर्थिक परिदृश्य का सामना किया है। विश्व की मुख्य अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करने वाली आर्थिक गिरावट के बावजूद भारत इससे अधिकतर बचा रहा है। एक वर्ष2012-13 में 5 प्रतिशत से कम विकास दर को छोड़कर हमारी अर्थव्यवस्था में लचीलापन रहा।2014-2015में 7.2 प्रतिशत आर्थिक विकास से आर्थिक माहौल आशाजनक दिखाई दे रहा है। अन्य वृहत आर्थिक संकेतक पर्याप्त सुधार दर्शाते हैं,इसलिए और अधिक सुधार होने की उम्मीद है। मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और औद्योगिक निष्पादन भी बहाली के संकेत दे रहा है। वित्तीय समेकन उपाय किए जा रहे हैं और वर्ष2017-18 तक हमें राजकोषीय घाटे को 3.0प्रतिशत करने का लक्ष्य पूरा कर लेना चाहिए।
11. गत वर्ष अधिक उत्साहजनक निर्यात प्रदर्शन के बावजूद विदेशी क्षेत्र चिंता का विषय नहीं है। विश्व आर्थिक प्रतिनिधि में मंदी घटते निर्यात में भी दिखाई दे रही है क्योंकि तेल पर हमारी निर्भरता2013-14के 165 बिलियन अमरीकी डॉलर से काफी कम होकर138बिलियन अमरीकी डॉलर हो गई। इसी प्रकार हमारा चालू खाता संतुलन घाटे में2013-14 के सकल घरेलू उत्पाद के 1.7 प्रतिशत से घटकर 2014-15 में 1.4 प्रतिशत होने से सुधार आया है। सितंबर के अंत तक350 बिलियन अमरीकी डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार सुखद स्थिति में है। मैं एक अनुकूल वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण से,एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमरीका में निर्यात बाजार पर केंद्रित हमारी विविधिकरण की नीति और भारत में निर्माण अभियान पर हमारे बल से मैं हमारे निर्यात-प्रदर्शन में जल्द ही एक बदलाव देखने की उम्मीद करता हूं। अब हमारी अर्थव्वस्था में अवसर उभरने शुरू हो गए हैं। घरेलू और विदेशी दोनों निवेशकों को भारत में अपने निवेश से बड़ा लाभ हासिल करने का भरोसा हो जाना चाहिए।
देवियो और सज्जनो,
12. भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला सतत् आर्थिक विकास और व्यापार से गहराई से जुड़ा हुआ है। हम2.1 ट्रिलियिन डालर की अर्थव्यवस्था हैं और अगले दो दशकों में10 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था होने की क्षमता रखते हैं,बशर्ते कि हम विनिर्माण और नवान्वेषण को प्रोत्साहित करें। इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में‘भारत में निर्माण’ अभियान पर बल को नकारा नहीं जा सकता। इसलिए मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि इस बार के भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का विषय‘भारत में निर्माण’ है। भारत में निर्माण को सफल बनाने में भारत व्यापार संवर्धन संगठन और वाणिज्य मंत्रालय दोनों की अहम भूमिका है। यह संतोषजनक है कि मौजूदा नियमों के सरलीकरण और उन्हें तर्कसंगत बनाने में अतिरिक्त बल देकर शासन को अधिक कुशल और प्रभावकारी बनाने के लिए और सूचना प्रौद्योगिकी के संवर्धित उपयोग से भारत में‘भारत में कारोबार को सुविधा’ में सुधार पर वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने प्रमुख सुधार पहल की है।
13. भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले ने सरकार, उद्योग और दस्तकारों, शिल्पकारों तथा बुनकरों के बीच सहयोग के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण,परिरक्षण और प्रोत्साहन के प्रयास किए हैं। ऐसा विपणन संबद्धता और व्यवसाय जगत में उनके उत्पादों को प्रोत्साहन देने की दृष्टि से किया गया है। मुझे विश्वास है कि भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला भारतीय ब्रांडों को मजबूत बनाने में बढ़त बनाएगा। उदीयमान भारतीय बांड विदेशों में सफलतापूर्वक प्रवेश से पहले भारतीयबाजार में वर्चस्व वाले अंतरराष्ट्रीय ब्राडों से प्रतिस्पर्द्धा और जीत हासिल कर सकते हैं। व्यापार मेले के क्रमिक आयोजन लघु और सूक्ष्म उद्यमों के लिए एक शानदार मंच भी साबिल हुए हैं जहां वे विभिन्न मंडपों में उन्होंने अपने उत्पाद प्रदर्शित करते हैं।
देवियो और सज्जनो,
14. इस वर्ष भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला ने दर्शकों की सुविधाओं में सुधार के लिए अनेक पहल की हैं। उनमें से कुछ में व्यवसाय दिनों में आन लाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा; ‘स्वच्छ भारत’पहल को समर्पित सर्वोत्तम राज्य मंडप के अलग पुरस्कार आरंभ करना;और मोबाइल के प्रयोग से मेले का ब्यौरा प्रदान करना सराहनीय हैं। मैं भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला और इसकी सहायक एजेंसियों को बेहतर संभार और सुविधाओं सहित मेला आयोजित करने के लिए बधाई देता हूं।
15. मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह मेला व्यापार और वाणिज्य को एक नयी गति देगा और विश्व के हमारे व्यापार साझीदारों के साथ आर्थिक संबंधों को प्रगाढ़ करेगा। मैं भारत और विदेश के सभी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। मेले के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं। इन शब्दों के साथ, मैं 35वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले को आरंभ करने की घोषणा करता हूं।
धन्यवाद,
जय हिंद!