भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी द्वारा राज्यपालों और उपराज्यपालों को नववर्ष संदेश

राष्ट्रपति भवन : 08-01-2016

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speechप्रिय राज्यपालो और उपराज्यपालो,

1. सर्वप्रथम,अत्यंत सुखमय, स्वस्थ और शांतिपूर्ण नववर्ष के लिए मेरी शुभकामनाएं स्वीकार करें। मैं प्रार्थना करता हूं कि वर्ष2016 अपने साथ हमारे लिए नवीन ऊर्जा और उत्साह लेकर आए तथा हमारे राष्ट्र की प्रगति और समृद्धि के लिए अपना कर्तव्य निभाने में मदद करे।

2. वर्ष 2015,जो अब बीत गया है, चुनौतीपूर्ण था। इसके बावजूद, अनेक सकारात्मक पहलू हैं। हमारी अर्थव्यवस्था जो2015-16के पूर्वार्द्ध में 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है और उभार के पथ पर है। मंद व्यापार प्रदर्शन के बावजूद हमारा विदेशी क्षेत्र स्थिर है। वर्तमान वित्तीय वर्ष के पूर्वार्द्ध में चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद का कायम रखने 1.4 प्रतिशत है। विदेशी मुद्रा भंडार आरामदायक350 बिलियन अमरीकी डॉलर से ज्यादा है। एक चिंताजनक पहलू कृषि क्षेत्र है जिस पर कम मानसून का प्रभाव पड़ा है। देश के अनेक हिस्से विशेषकर तमिलनाडु और असम में आई विनाशकारी बाढ़ आई जबकि अनेक राज्य भीषण सूखे से पीड़ित थे। इन कठिन हालात पर काबू पाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर कार्य किया है।

राज्यपाल और उपराज्यपालगण,

3. हमारे संसदीय लोकतंत्र में राज्यपाल अपने-अपने राज्यों के संवैधानिक मुखिया हैं। उन्हें संविधान के ढांचे के अंतर्गत कर्तव्यों और दायित्वों को पूरा करना चाहिए। उन्हें राष्ट्र के प्रत्येक तीन अंगों अर्थात कार्यपालिका,न्यायपालिका और विधानपालिका में निहित विशिष्ट प्राधिकार तथा दायित्व का सम्मान करते हुए अपनी निर्धारित भूमिका निभानी चाहिए। उन्हें प्रज्ञा,अनुभव और नैतिक प्राधिकार के द्वारा केंद्र और राज्यों के बीच समन्वयपूर्ण संबंध स्थापित करने में मदद करनी चाहिए। यह राज्य और इसके लोगों के लिए सर्वोत्तम हित में होगा।

माननीय राज्यपालो और उपराज्यपालो :

4. राष्ट्र की प्रगति तीव्र करने तथा जनता का जीवन स्तर बढ़ाने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई अनेक महत्वपूर्ण पहल हैं। स्वच्छ भारत मिशन,स्मार्ट सिटी मिशन, डिजीटल इंडिया, भारत में निर्माण, स्किलिंग इंडिया तथा स्टार्ट अप इंडिया पहल उनमें से प्रमुख हैं। एक अभिनव भारत के निर्माण में इन प्रत्येक कार्यक्रम की विशिष्ट भूमिका है जिनमें इसके नागरिकों विशेषकर युवाओं के लिए अत्यधिक अवसर होंगे।

5. यद्यपि ये अग्रणी नीतियां और कार्यक्रम मुख्य मंत्रियों के नेतृत्व के अंतर्गत प्रमुख तौर से कार्यपालिका द्वारा कार्यान्वित किए जाएंगे,परंतु राज्यपालों का कुशल नेतृत्व, आग्रह शक्ति तथा संतुलनकारी प्रभाव इस परिवर्तनकारी प्रक्रिया में मदद कर सकते हैं।

माननीय राज्यपालो और उपराज्यपालो,

6. आप अपने-अपने राज्यों के अनेक विश्वविद्यालयों के कुलाध्यक्ष या कुलाधिपति हैं। आप शैक्षिक उत्कृष्टता के संस्थान निर्मित करने में मदद के लिए इस संबंध का प्रयोग कर सकते हैं तथा स्मार्ट कैम्पस बनने में इन संस्थानों को प्रेरित कर सकते हैं। प्रौद्योगिकी प्रत्यक्षण के द्वारा वे अपने क्षेत्रों में समावेशी विकास के केंद्र बन सकते हैं। आप इन संस्थानों से कम से कम पांच गांव गोद लेने के लिए आग्रह कर सकते हैं जिनसे वे उन्हें आदर्श गांवों में बदलने में मदद कर सकते हैं। वे गोद लिए गांवों के वित्तीय समावेशन तथा डिजीटल समावेशन के क्षेत्रों में भी कार्य कर सकते हैं। इसी प्रकार वे इन गांवों में स्वच्छता के सुदृढ़ आदर्श बन सकते हैं जो दूसरों के लिए वास्तविक उदाहरण के रूप में कार्य कर सकते हैं। विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण‘भारत में निर्माण’ कार्यक्रम के तीव्र कार्यान्वयन में तकनीकी विशेषज्ञता भी प्रदान कर सकते हैं।

7. आप राज भवनों में भी कुछ पहल कर सकते हैं। आप राज भवनों को स्मार्ट राज भवनों में बदल सकते हैं। हमने राष्ट्रपति भवन और राज भवनों के बीच ऑन लाइन संवाद और संप्रेषण के लिए‘ई-वे’प्रणाली का संचालन किया है। आपको इस सुविधा का पूरा प्रयोग करना चाहिए। आप प्रौद्योगिकी प्रदर्शनकर्ता बनने के लिए राज भवनों का डिजिटाइजेशन सुनिश्चित कर सकते हैं। आप राष्ट्रपति भवन की भांति राज भवनों को जनता के दर्शन के लिए खोल सकते हैं।

8. मैंने पहले भी बहुत से राज भवनों,जो कि धरोहर इमारत हैं,के संरक्षण और जीर्णोद्धार की आवश्यकता की ओर ध्यान दिलाया है। हमने राष्ट्रपति भवन में एक मानवीय,हाईटेक और विरासत टाउनशिप निर्मित करने का प्रयास किया है। हमारी सारी गतिविधियां इन तीन एच के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए तैयार की गई हैं। हमने हाल ही में ऊर्जा और जल के समुचित प्रयोग तथा अपशिष्ट प्रबंधन द्वारा राष्ट्रपति संपदा को स्मार्ट टाउनशिप में परिवर्तित करने के लिए एक परियोजना आरंभ की है। एक कमान और नियंत्रण प्रणाली के माध्यम से समेकित दृष्टिकोण से संसाधनों का अधिकतम प्रयोग होगा तथा निवासियों को सेवा की कुशल सुपुर्दगी मिलेगी। राज्यपाल अपने-अपने राजभवनों में ऐसे ही बेहतर टाऊनशिप कार्यक्रमों की शुरुआत कर सकते हैं।

9. आइए 2016 को विकास और परिवर्तन का वर्ष बनाने के लिए भरसक प्रयास करें। निष्कर्षत:,मैं संपर्क करने और अपने विचार बांटने के अवसर के लिए आपका धन्यवाद करता हूं। मैं अगले महीने राज्यपाल सम्मेलन में आपसे मिलने की आशा करता हूं जहां महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

धन्यवाद।

जयहिन्द।