राष्ट्रपति मुखर्जी ने ताजिक राष्ट्रपति से कहा, विश्व और क्षेत्र आतंकवाद के बढ़ते खतरे का सामना कर रहे हैं

राष्ट्रपति भवन : 18-12-2016

 भारत के राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने कल (17 दिसम्बर, 2016) राष्ट्रपति भवन में ताजिकिस्तान गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति श्री इमोमाली राहमोन का स्वागत किया।

भारत में ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी भारत यात्रा भारत-ताजिकिस्तान के राजनयिक संबंधों की 25वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर हो रही है। यह दो राष्ट्रों के बीच स्थायी मैत्री का प्रमाण है तथा हमारे द्विपक्षीय संबंधों को दिया जा रहा महत्त्व है। भारत, पूर्व सोवियत संघ के विघटन के बाद ताजिकिस्तान की स्थापना को मान्यता देने वाले राष्ट्रों में से था। विगत 24 वर्षों के दौरान, हमारा सार्थक सहयोग रहा है। 
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ताजिकिस्तान में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में राष्ट्रपति राहमोन की भूमिका से अवगत है जिसका क्षेत्र पर समान लाभकारी प्रभाव पड़ा है। 
तत्पश्चात्, अपने राजभोज अभिभाषण में, राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारत, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में हमारे घनिष्ठ सहयोग की सराहना करता है। हमारे बहुत से वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर एक समान विचार हैं। भारत, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए अपनी उपयुक्त दावेदारी तथा संघाई सहयोग संगठन में अपनी सदस्यता को ताजिकिस्तान के समर्थन के प्रति आभारी है। 
राष्ट्रपति ने कहा कि अपनी साझी चिंताओं के प्रभावी समाधान के लिए अपने रक्षा और सुरक्षा सहयोग को सुदृढ़ बनाना चाहते हैं। विश्व और विशेषकर हमारा क्षेत्र आज आतंकवाद के बढ़ते खतरे का सामना कर रहा है। भारत और ताजिकिस्तान दोनों सभी रूपों और अभिव्यक्तियों वाले इस खतरे के विरुद्ध हैं। पंथनिरपेक्ष और बहुलवादी समाज के रूप में हमारी जनता शांति से रहने की इच्छुक है। हमारे लिए, हमारे राष्ट्रों का विकास और प्रगति सबसे महत्त्वपूर्ण है। हम अफगान नेतृत्व और अफगान नियंत्रण में शांति प्रक्रिया के माध्यम से इसकी जनता के लक्ष्यों और आकांक्षाओं को साकार करने के लिए हमारे परस्पर मित्र और पड़ोसी अफगानिस्तान की सहायता करने के लिए भी वचनबद्ध हैं।

यह विज्ञप्ति 1330 बजे जारी की गई