भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का नागरिक अभिनंदन समारोह के अवसर पर सम्बोधन (HINDI)

चंडीगढ़ : 08.10.2022

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राष्ट्रपति का पद भार संभालने के बाद पहली बार आप सब के बीच यहां चंडीगढ़ में आकर मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है। चंडीगढ़ के भाई-बहनो के स्नेह और उत्साह-पूर्ण स्वागत के लिए मैं उन्हें धन्यवाद देती हूं।

सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में आज ‘वायुसेना दिवस’ से जुड़े विशेष कार्यक्रम में भाग लेकर मुझे बहुत प्रसन्नता हुई। हमारे सशस्त्र बलों के लिए पंजाब और हरियाणा के बहादुर सैनिकों का सदैव महत्वपूर्ण योगदान रहता है।

शिवालिक पहाड़ियों की गोद में बसा ‘City Beautiful’ चंडीगढ़ शहर देश की पहली planned-city है। यह सुंदर शहर urban planning और modern architecture का एक श्रेष्ठ उदाहरण है।

परम पावन "चंडी मंदिर" से प्रेरित इस क्षेत्र के नाम चंडीगढ़ से यहां के निवासियों को अनायास ही बार-बार देवी का नाम लेने का अवसर प्राप्त होता रहता है। मैं शक्ति-स्वरूपा मां चंडी को नमन करती हूं और उनसे प्रार्थना करती हूं कि यहां के लोग प्रगति के मार्ग पर निरंतर आगे बढ़ते रहें। इसी प्रकार इस सभागार का उल्लेख करने में भी सद्गुरु नानक देव जी का पवित्र स्मरण होता है। गुरु नानक देव ने अपने जीवन के माध्यम से लोगों के सामने, मेहनत और बैराग का संगम करके दिखाया। मैं यह कामना करती हूं कि हम सभी देशवासी कठिन परिश्रम करने और सबके प्रति समानता तथा प्रेम का भाव रखने की गुरु नानक साहब की सीख पर चलते रहें।

देवियो और सज्जनो,

चंडीगढ़ को पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों की राजधानी होने का गौरव प्राप्त है। चंडीगढ़ देश का एक ऐसा शहर है जहां दो राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों के निवास स्थान और कार्यालय हैं। यहां स्थित उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में दोनों राज्य आते हैं। दोनों राज्यों के प्रशासन के प्रमुख कार्यालय भी यहीं पर स्थित हैं।

यहां के निवासियों ने विज्ञान, खेल-कूद, कला, मनोरंजन, उद्योग तथा व्यापार, प्रशासन और समाज-सेवा आदि अनेक क्षेत्रों में राष्ट्रीय और अंतर-राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।

देवियो और सज्जनो,

सामाजिक तथा धार्मिक सुधार से लेकर स्वाधीनता संग्राम तक, कृषि-क्रांति से लेकर औद्योगिक विकास तक, पंजाब और हरियाणा के इस क्षेत्र ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चंडीगढ़ में देश के विभिन्न क्षेत्रों के लोग प्रेम और सद्भाव से रहते हैं। मुझे यह जानकर विशेष प्रसन्नता हुई है कि चंडीगढ़ में हमेशा सौहार्द और शांति का वातावरण रहता है।इसके लिए चंडीगढ़ के प्रबुद्ध निवासियों और यहां के प्रशासन की मैं विशेष सराहना करती हूं।

पंजाब और हरियाणा का यह क्षेत्र देश के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी अनेक महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है। राव तुला राम, लाला लाजपत राय, शहीद भगत सिंह, सरदार उधम सिंह, तथा इस क्षेत्र के असंख्य स्वाधीनता सेनानियों को मैं सादर नमन करती हूं। हाल ही में Chandigarh Airport का नाम शहीद भगत सिंह International Airport रखा गया है। यह सभी देशवासियों की ओर से उस अमर शहीद के प्रति कृतज्ञता और सम्मान की अभिव्यक्ति है।

देवियो और सज्जनो,

चंडीगढ़ जिन राज्यों की राजधानी है उनका भारतीय कृषि के विकास में अग्रणी योगदान रहा है। 1960 के दशक में जब हमारा देश खाद्य-संकट के दौर से गुजर रहा था तब पंजाब और हरियाणा के किसान भाई-बहनों ने आधुनिक पद्धतियों और कठिन परिश्रम से हरित क्रांति को सफल बनाया। उस क्रांति के परिणाम-स्वरूप देश की खाद्य-सुरक्षा सुनिश्चित हुई।

वर्तमान में भी चंडीगढ़ ने विकास के कई मानकों पर सराहनीय उलब्धियां हासिल की हैं। मुझे बताया गया है कि Sustainable Development Goal 11 के तहत – ‘Sustainable Cities and Communities’ के लक्ष्य को हासिल करने में चंडीगढ़ ने Union Territories में प्रथम स्थान हासिल किया है। इस उपलब्धि के लिए मैं चंडीगढ़ के प्रशासक, श्री बनवारी लाल पुरोहित जी तथा उनकी पूरी टीम को बधाई देती हूं।

इस क्षेत्र में medical, engineering, management, उच्च-शिक्षण के अन्य संस्थान और research centres स्थापित हैं। इस प्रकार चंडीगढ़ सहित आस-पास का क्षेत्र एक education-hub के रूप में विकसित हुआ है। मुझे पूरा विश्वास है कि ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ के अनुसार ये सभी शिक्षण संस्थान हमारी युवा पीढ़ी को आधुनिक शिक्षा प्रदान करेंगे और उन्हें 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए सक्षम बनाएंगे।

देवियो और सज्जनो,

इस महीने की शुरुआत में Ministry of Housing and Urban Affairs द्वारा आयोजित 'स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार' प्रदान करने का अवसर मुझे मिला। मुझे बताया गया है कि चंडीगढ़ पिछले वर्ष के सर्वेक्षण में 66वें स्थान पर था। इस वर्ष चंडीगढ़ ने 12वें स्थान पर पहुंच कर बहुत ही बड़े सुधार का परिचय दिया है। मैं चाहती हूं कि चंडीगढ़ के निवासी और यहां का प्रशासन मिलकर अगले 'स्वच्छ सर्वेक्षण' में प्रथम स्थान हासिल करने का भरपूर प्रयास करें।

देवियो और सज्जनो,

पांच नदियों के प्रदेश पंजाब और श्रीमद् भगवद्-गीता के उद्गम स्थल हरियाणा, दोनों राज्यों के लिए, चंडीगढ़ का विशेष महत्व है। दोनों ही राज्यों के लोग, शिक्षा, रोजगार, चिकित्सा तथा अनेक अन्य कारणों से यहां आते हैं। अतः चंडीगढ़ का, पंजाब और हरियाणा, दोनों राज्यों के निवासियों के जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है।

आज कल हम शरद ऋतु का स्वागत कर रहे हैं। हर साल जाड़े के मौसम में Air Quality Index से जुड़े मुद्दे पर पूरे देश में विशेषकर इस क्षेत्र में चर्चा होने लगती है। प्रदूषण के दुष्परिणामों से सभी को नुकसान होता है। भारतीय जीवन पद्धति का मूलभूत आधार रहा है - मनुष्य का प्रकृति के साथ सामंजस्य। मैंने स्वयं भी बचपन से प्रकृति को करीब से देखा है। प्रकृति के साथ जीने की कला में ही मानव-कल्याण निहित है।

संघ राज्य-क्षेत्र चंडीगढ़ के साथ-साथ पंजाब और हरियाणा को प्रकृति ने कई अनुपम उपहार दिये हैं। उन्हें संजोना हमारा कर्तव्य है। हमें वे सभी तौर-तरीके छोड़ने चाहिए जो प्रकृति के अनुरूप नही हैं और जिनसे प्रदूषण फैलता है। यह बात हम सब देशवासियों पर लागू होती है। प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाने में, हमें science और technology का भी सहारा लेना चाहिए।

आज पंजाब के राज्यपाल और हरियाणा के राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तीकरण के बारे में बहुत अच्छी-अच्छी बाते कहीं। इतिहास और पुराण कहता है कि भारत में लड़कियों, महिलाओं और माताओं को पूजा जाता था। आज भी हम लोग देवी दुर्गा, लक्ष्मी, काली और चंडी की पूजा करते हैं। हम लोग गांव में प्रवेश करने से पहले ग्राम देवी को नमन करते हैं।

आज हर व्यक्ति सोचता है कि भाई-बहन और बेटा-बेटी एक समान हैं। बेटी को सशक्त बनाना है। आज बेटियां भी पढ़-लिखकर खुद ही आगे बढ़ने का प्रयास करती है और आगे बढ़ती है। हाल ही में IAS officer trainees राष्ट्रपति भवन आए थे। उनमें 175 trainees में से 52, यानि लगभग 30 प्रतिशत लड़कियां थी।

आज लोगों का सोच बदला है। गांव के लोग भी, बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए, प्रयास कर रहे हैं और बेटियां भी आगे बढ़ रही हैं। आज बॉर्डर पर बेटियां देश की सुरक्षा कर रही है, हवाई जहाज चला रही है, फाइटर प्लेन चला रही है, बिज़नेस भी करती है। इसलिए समाज का भी कर्त्तव्य है कि बेटा-बेटी दोनों को एक समान पढ़ाएं, लिखाएं और आगे बढ़ाएं, तभी देश आगे बढ़ेगा।

मैं एक बार फिर आपके आतिथ्य और सत्कार के लिए चंडीगढ़ के आप सभी निवासियों को हृदय से धन्यवाद देती हूं। आप सबका यह स्नेह मेरी स्मृति में सदैव बना रहेगा। मैं चंडीगढ़ के समग्र विकास और यहां के लोगों के उज्ज्वल भविष्य के लिए अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं।

धन्यवाद! 
जय हिन्द! 
जय भारत!

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