भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का स्वर्गीय श्री एन.टी. रामा राव पर स्मारक सिक्का जारी करने के अवसर पर सम्बोधन (HINDI)

राष्ट्रपति भवन : 28.08.2023

Download : Speeches (109.24 KB)

sp28082023

स्वर्गीय श्री नन्दमूरि तारक रामा राव जी को लोग स्नेह और सम्मान के साथ NTR के नाम से याद करते हैं। उनकी जन्म शताब्दी के उपलक्ष में आयोजित इस कार्यक्रम में उनकी स्मृति को मैं नमन करती हूं।

स्वर्गीय श्री एन.टी. रामा राव जी की स्मृति में उनकी आकृति से युक्त सिक्का प्रस्तुत करने के लिए मैं भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की सराहना करती हूं। डॉक्टर पुरन्देस्वरी जी ने इस स्मृति समारोह से जुड़ी पूरी प्रक्रिया को निष्ठा के साथ आगे बढ़ाया है। मैं उनकी विशेष सराहना करती हूं। स्वर्गीय रामा राव जी की पुत्री के रूप में डॉक्टर पुरन्देस्वरी जी एक असाधारण विरासत की उत्तराधिकारी हैं।

देवियो और सज्जनो,

स्वर्गीय श्री एन.टी. रामा राव जी ने तेलुगु फिल्मों के जरिए भारतीय सिनेमा और संस्कृति को समृद्ध बनाया है। उन्होंने रामायण और महाभारत के प्रमुख पात्रों को अपने अभिनय से जीवंत रूप प्रदान किया था। उनके द्वारा अभिनीत प्रभु श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण के चरित्र इतने सजीव बन पड़े थे कि लोग रामा राव जी को पूजने लगे थे। तिरुपति में भगवान श्री वेंकटेश्वर बालाजी का दर्शन करने के बाद बहुत से लोग चेन्नई, जो तब मद्रास कहलाता था, जाकर श्री एन.टी. रामा राव जी का दर्शन करते थे। ऐसा इसलिए था कि NTR ने भगवान श्री वेंकटेश्वर बालाजी का सजीव अभिनय अपनी फिल्म में किया था। स्वर्गीय श्री रामा राव जी अपने भवन की balcony से उनका अभिवादन स्वीकार करते थे। उनसे जुड़े ऐसे बहुत से अनूठे उदाहरण सुनने को मिलते हैं।

उनके बारे में एक अत्यंत रोचक संस्मरण मुझे बताया गया है। 1970s में एक महिला अपने गांव से अपने बेटे के पास मद्रास आई थीं। वे अपनी grand daughter के साथ रिक्शे पर कहीं जा रही थीं। रास्ते में एक जगह उन्हें भारी भीड़ दिखाई दी। उनकी दस-बारह वर्ष की आयु की पोती ने बताया कि वे लोग NTR के मकान के बाहर उनकी एक झलक पाने के लिए खड़े हैं। दादी माँ ने रिक्शा रोका। रिक्शे से उतरकर दादी माँ ने वहां की धरती को प्रणाम किया और फिर आगे बढ़ी।

मुझे बताया गया है कि एक फिल्म में उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण, दुर्योधन और कर्ण तीनों भूमिकाओं में अद्भुत अभिनय किया था। उन्होंने सामान्य लोगों के दुख-दर्द को भी अपने अभिनय से अभिव्यक्त किया था। अपनी एक फिल्म ‘मनुषुलु अन्ता वोक्कटे’ यानी ‘सभी मनुष्य एक समान हैं’ के द्वारा उन्होंने सामाजिक न्याय और समानता का संदेश प्रसारित किया था। ये आदर्श सभी देशवासियों के लिए सदैव प्रासंगिक रहेंगे।

एक अभिनेता के रूप में उनकी लोकप्रियता, एक जन-सेवक और नेता के रूप में भी उतनी ही व्यापक बनी रही। उन्होंने अपने असाधारण व्यक्तित्व और कर्मठता के बल पर भारतीय राजनीति के एक अनोखे अध्याय की रचना की। उन्होंने जन-कल्याण के अनेक कार्यक्रम चलाए, जिन्हें आज भी याद किया जाता है।

इस समारोह के आयोजन के लिए एक बार फिर मैं वित्त मंत्रालय की टीम की तथा डॉक्टर पुरन्देस्वरी जी की सराहना करती हूं। स्वर्गीय श्री एन.टी. रामा राव जी के विलक्षण व्यक्तित्व की स्मृतियां देशवासियों, विशेषकर तेलुगु भाषा-भाषियों के हृदय में सदैव अंकित रहेंगी, इस विश्वास के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देती हूं।

धन्यवाद! 
जय हिन्द! 
जय भारत

Subscribe to Newsletter

Subscription Type
Select the newsletter(s) to which you want to subscribe.
The subscriber's email address.