भारतीय सूचना सेवा और भारतीय नौसेना आयुध सेवा के अधिकारियों/प्रशिक्षु अधिकारियों ने भारत की राष्ट्रपति से मुलाकात की
राष्ट्रपति भवन : 29.03.2023
भारतीय सूचना सेवा (2018, 2019, 2020, 2021 और 2022 बैच) के अधिकारियों/प्रशिक्षु अधिकारियों और भारतीय नौसेना आयुध सेवा के प्रोबेशनर्स ने आज 29 मार्च, 2023 को राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की।
भारतीय सूचना सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और कार्य के बारे में नागरिकों को जागरूक बनाने में संचार बहुत महत्व रखता है। प्रभावी संचार के माध्यम से और सही जानकारी के साथ आईआईएस अधिकारी नागरिकों को देश की प्रगति में जानकारी रखने वाले भागीदार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज के समय में सूचनाओं के व्यापक और त्वरित प्रसार के साथ ही समान रूप से और तेजी से फैलने वाली फर्जी सूचनाओं की चुनौती भी सामने आई है। आईआईएस अधिकारियों को फेक न्यूज से निपटने की जिम्मेदारी निभानी है। उन्होंने झूठे नरेटिव्स बनाने के लिए मीडिया, विशेष रूप से सोशल मीडिया के दुरुपयोग की प्रवृत्ति को रोकने के लिए अधिकारियों से प्रौद्योगिकी का उपयोग करने और समर्पण के साथ काम करने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने कहा कि वैश्विक मंच पर भारत की छवि को निखारने में आईआईएस अधिकारियों को अहम भूमिका निभानी है। भारत ने हमेशा दुनिया को शांति और भाईचारे का संदेश दिया है। संपूर्ण मानवता के लिए सांस्कृतिक संदेशों के माध्यम से भारत की सॉफ्ट-पावर का प्रसार करना एक ऐसा महत्वपूर्ण क्षेत्र है जहां वे एक बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं।
भारतीय नौसेना आयुध सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें भारतीय नौसेना और भारतीय तट रक्षक दोनों को एक कुशल और सुरक्षित आयुध रसद वितरण प्रणाली प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी में प्रगति और अत्याधुनिक हथियारों के आ जाने के कारण उन्हें स्वदेशीकरण के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नए प्रयास करने चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि जहां पिछले दशकों में स्वदेशीकरण की दिशा में काफी प्रगति की गई है, वहीं अब समय आ गया है कि "मेक इन इंडिया" के विजन के अनुरूप तकनीकी रूप से उन्नत उपकरणों का भारत में निर्माण कर आत्मनिर्भरता के एक नए दौर की शुरुआत की जाए। उन्होंने आईएनएएस अधिकारियों से नौसेना आयुध के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और आत्मनिर्भर भारत के विजन को प्राप्त करने की दिशा में पूरे दिल से योगदान देने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने अधिकारियों को परामर्श दिया कि उन्हें सदा स्मरण रखना चाहिए कि उनके पद के साथ बड़ी जिम्मेदारी और जवाबदेही जुड़ी है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा लिए गए प्रत्येक निर्णय और कार्रवाई का नागरिकों के जीवन पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ेगा। इसलिए, उन्हें अपने लक्ष्यों के साथ देश के विकास लक्ष्यों और नागरिकों की भलाई के लक्ष्य को साथ लेकर चलना चाहिए।