भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में सम्बोधन

शिमला : 18.04.2023

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राष्ट्रपति के रूप में हिमाचल प्रदेश की अपनी पहली यात्रा के दौरान स्नेह और उत्साह से भरे आपके स्वागत के लिए मैं आप सब का आभार व्यक्त करती हूं। इस देवभूमि हिमाचल की पवित्र भूमि को मैं नमन करती हूँ। गत वर्ष मैं राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी के रूप में हिमाचल प्रदेश के बद्दी आयी थी। मैं पहले भी इस राज्य की यात्रा कर चुकी हूँ। यहां के स्नेही और सरल स्वभाव के लोगों से मिलने का सुखद अनुभव मुझे याद है। आज यहाँ आकर मुझे फिर उसी आनंद का अनुभव हो रहा है।

देवियो और सज्जनो

भारत के प्राचीनतम ग्रंथ ऋग्वेद में हिमाचल प्रदेश से जुड़े कई उल्लेख प्राप्त होते हैं। यहां बहने वाली सतलुज और ब्यास नदियों का विशेष वर्णन भी किया गया है। अनेक नदियों के उद्गम स्थल और पहाड़ों के इस क्षेत्र को तपोभूमि के रूप में भी जाना जाता है।

हिमाचल प्रदेश में अनेक प्राचीन मन्दिर तथा धार्मिक स्थल हैं। भारत के शक्तिपीठों में से अनेक शक्तिपीठ इस राज्य में हैं। मेरी प्रार्थना है कि शक्ति स्वरूपा माँ की कृपा सभी देशवासियों पर सदा बनी रहे। प्रसिद्ध धार्मिक और आध्यात्मिक केन्द्रों में आने वाले देश-विदेश के पर्यटक यहाँ एक विशेष जीवंतता का अनुभव करते हैं। उदाहरण के लिए देश-विदेश के लोग कुल्लू में दशहरा मनाने आते हैं।

देवियो और सज्जनो

यह राज्य अपनी प्राकृतिक सुन्दरता और आध्यात्मिक परम्पराओं के बल पर सदैव लोगों को आकर्षित करता रहा है। हिमाचल प्रदेश के hill stations शिमला और कुल्लू-मनाली गर्मी की छुट्टियों के favourite destinations रहे हैं। इस राज्य की घाटियों का सौन्दर्य और यहाँ के हरे-भरे उद्यान सभी के मन को मोह लेते हैं।

बर्फ से ढंकी ऊंची चोटियों से लेकर घुमावदार घाटियों तक, फूलों से भरे उद्यानों, वन्य जीवों और वनस्पतियों से भरे जंगलों से लेकर तीर्थ-स्थलों तक, हिमाचल प्रदेश में ऐसे विभिन्न स्थान हैं जो पूरी दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। मैं सभी देशवासियों से आग्रह करना चाहूँगी कि हमारे देश के अनगिनत सुंदर, अद्भुत पर्यटन स्थलों को स्वच्छ, सुंदर और आकर्षित बनाए रखने में सहयोग दें और eco-tourism को बढ़ावा दें।

देवियो और सज्जनो

हिमाचल प्रदेश के लगभग हर गांव के युवा भारतीय सेना में अपनी सेवाएं प्रदान करते रहे हैं। इसलिए हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के साथ-साथ वीरभूमि भी कहा जाता है। आज़ादी की लड़ाई में, हिमाचल प्रदेश का योगदान, स्वर्णाक्षरों में अंकित है। मैं उन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों को शत-शत नमन करती हूं। मैं इस प्रदेश की माताओं को भी प्रणाम करती हूँ जिन्होंने अपने बच्चों को देश-सेवा और बलिदान के लिए सदा प्रोत्साहित और तैयार किया।

देवियो और सज्जनो

हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए यह गर्व का विषय है कि इसी धरती के वीर सपूत मेजर सोमनाथ शर्मा को सर्वोच्च बलिदान के लिए देश के पहले परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। वे मात्र 24 वर्ष की छोटी सी आयु में वीरगति को प्राप्त हो गए थे। उसके पश्चात कर्नल डी.एस. थापा, कैप्टन विक्रम बतरा तथा राइफलमैन संजय कुमार को भी उनके असीम शौर्य के लिए परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया। इस वीरभूमि के वीर जवानों को मातृभूमि की रक्षा, अदम्य साहस और शौर्य के लिए दो अशोक चक्र तथा एक हज़ार से भी अधिक वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। मैं हिमाचल प्रदेश के वीर सपूतों और उनके परिवारजनों को नमन करती हूँ।

देवियो और सज्जनो

तकनीकी प्रगति के माध्यम से हिमाचल प्रदेश में बहुत बदलाव आया है। इस प्रदेश ने अब तक की अपनी विकास यात्रा में कई बड़े आयाम स्थापित किए हैं। विश्व में सबसे अधिक 10,000 फीट की ऊंचाई पर बना सिंगल ट्यूब टनल – अटल टनल भी हिमाचल प्रदेश में ही है। मैं भारत के पूर्व प्रधान मंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को स्मरण करती हूँ जिनका हिमाचल की धरती से गहरा नाता था। नीति आयोग के Sustainable Development Goals इंडिया इंडेक्स के तहत लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश को दूसरे सर्वश्रेष्ठ राज्य का स्थान दिया गया है। मैं राज्य के सभी निवासियों को इसके लिए बहुत बधाई देती हूँ। हिमाचल प्रदेश द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, औद्योगिक विकास एवं अन्य क्षेत्रों में हासिल की गई उपलब्धियों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है, जो सभी राज्यवासियों के लिए गर्व की बात है।

मुझे यह जानकर प्रसन्नता होती है कि कई क्षेत्रों में इस प्रदेश ने देश के अन्य राज्यों को राह दिखाई है। निःसन्देह इसका श्रेय यहाँ की कर्मठ और ईमानदार जनता के दृढ़़ संकल्प, इच्छाशक्ति और उनके प्रयासों को जाता है। Hydroelectricity generation में भी इस प्रदेश ने बहुत प्रगति की है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि हिमाचल प्रदेश अन्य राज्यों को भी बिजली दे रहा है।

कृषि-बागवानी गतिविधियों से हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बल मिलता है। मुझे बताया गया है कि यहां वर्ष-पर्यंत सब्जियों व फलों का अधिक मात्रा में उत्पादन होता है। यह खुशी की बात है कि राज्य के किसान प्राकृतिक खेती को अपना रहे हैं। यह सब यहाँ के लोगों के कठिन मेहनत, और केंद्र तथा राज्य की किसान हितैषी नीतियों के कारण सम्भव हुआ है। मुझे विश्वास है कि हिमाचल प्रदेश के निवासी अपनी संस्कृति और प्राकृतिक संपदा को सहेजते हुए विकास के पथ पर अग्रसर रहेंगे और देश के दूसरे राज्यों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेंगे। मैं इस बार भी इस राज्य की घाटियों और पहाड़ों के मनमोहक दृश्यों और यहाँ के सरल लोगों की कुछ और मधुर स्मृतियाँ अपने साथ लेकर जाऊँगी।

मैं एक बार फिर हिमाचल प्रदेश के सब लोगों को शुभकामनाएं देती हूँ और आप सब की उन्नति की कामना करती हूँ।

धन्यवाद, 
जय हिन्द! 
जय भारत!

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