भारत की माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का लक्षद्वीप में नागरिक अभिनंदन समारोह के अवसर पर संबोधन

कवारत्ती : 18.03.2023

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आप सबके द्वारा सुंदर और पारंपरिक तरीके से मेरा स्वागत करने पर मैं खुशी और अहोभाव से अभिभूत हूं। आपको उमदा आतिथ्य और प्रखर देशभक्ति के लिए जाना जाता है। मैं, वास्तव में इस अहम अवसर पर आपके बीच इन आकर्षक द्वीपों में आकर बहुत खुश हूं।

जैसा कि आप जानते हैं, इस जगह का नाम संस्कृत शब्द से आया है, जिसका अर्थ है एक लाख द्वीप। इसका मतलब यह भी है कि प्राचीन काल में यहाँ इतने सारे द्वीप थे। चूंकि यह मुख्य भूमि से अलग है, यहाँ लंबे समय तक कोई मानव आबादी नहीं थी। लेकिन रोमांच और उद्यम के कारण लोग इस द्वीपसमूह की ओर आकर्षित हुए होंगे। इस शांत वातावरण के प्रभाव से लक्षद्वीप की जनता भी शांतिप्रिय है। यहां का समाज सद्भाव में विश्वास रखता है। हमें याद है कि जिन कुछ सांसदों का लंबा और प्रतिष्ठित करियर रहा है, उनमें श्री पी.एम. सईद लक्षद्वीप द्वीप समूह से थे। आपने उन्हें सन 1967 से 2004 तक लगातार चुना, और यह तथ्य दर्शाता है की आप आपसे में मेल को महत्व देते हैं।

मुझे प्रसन्नता है कि द्वीपों को विकसित करने के दृष्टिकोण के साथ, लक्षद्वीप प्रशासन पिछले कुछ वर्षों के दौरान द्वीपों की विकास प्रक्रिया में पूर्ण बदलाव लाने के लिए बहुत सुधार कर रहा है। यहाँ के प्रशासक श्री प्रफुल्ल पटेल जी अपनी असाधारण सक्रियता और एक बेहतर सामाजिक दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। लक्षद्वीप प्रशासन ने अवसंरचनात्मक विकास पर जोर देने, शासन में सुधार करने और निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने के अलावा निवासियों को पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए कई द्वीपों में अलवणीकरण संयंत्र स्थापित किए हैं, जिनमें से दो एमिनी और कल्पेनी द्वीपों के संयन्त्रों का मैंने अभी उद्घाटन किया है, इस के लिए प्रशासन विशेष रूप से प्रशंसा का पात्र है।

मुझे विश्वास है कि इन उपायों से मत्स्य पालन, कृषि, पर्यटन और भौतिक बुनियादी ढांचे जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर ध्यान देने से रोजगार सृजन और आजीविका के अवसर पैदा होंगे।

प्रशासन और भारत सरकार का मुख्य ध्यान लक्षद्वीप को दुनिया में एक अद्वितीय पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करना है। लक्षद्वीप द्वीपों में पर्यटन की बहुत संभावनाएं हैं और ये द्वीप सफेद रेतीले समुद्र तटों, प्रवाल और विविध समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र की प्राकृतिक सुंदरता से भरे हैं। प्रशासन नीति आयोग के तत्वावधान में कदमत, मिनिकॉय और सुहेली में एंकर परियोजनाओं के रूप में उच्च-स्तरीय इको-टूरिज्म परियोजनाओं का विकास कर रहा है। प्रशासन का विजन है की यहाँ पर्यटन विकास से समुद्री आर्थिक विकास के लिए एक मजबूत आधार बना दिया जाए। यह गर्व की बात है कि भारत का पहला वाटर विला इस केंद्रशासित प्रदेश के ब्लू लैगून में बनेगा। पर्यटन के क्षेत्र में इन अभिनव पहलों से पर्यटन को बहुत बढ़ावा मिलेगा। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह पूरी दुनिया के लिए इकोटूरिज्म के लिए एक मॉडल बन सकता है। मुझे बताया गया है कि विकास के साथ प्रकृति के संरक्षण पर भी विशेष बल दिया जा रहा है।

मत्स्य क्षेत्र के आधुनिकीकरण और यहां के मछुआरा समुदायों की आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिए, आईसीएआर-नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज और मत्स्य विभाग स्थानीय महिलाओं की आय में बढ़ोतरी के लिए "कम्युनिटी एक्वाकल्चर" के माध्यम से मत्स्य पालन तकनीक का विस्तार करने का प्रयास कर रहे हैं। अगाती द्वीप में marine ornamentals के लिए 'जर्मप्लाज्म रिसोर्स सेंटर' नामक एक केंद्र स्थापित किया गया है। इससे वास्तव में सामुदायिक जलीय कृषि इकाइयों को मदद मिल रही है, जिसका रखरखाव महिलाओं द्वारा किया जाता है। यह एक विशेष उपक्रम है, जिसमें विज्ञान और सामाजिक विकास दोनों को स्थानीय संसाधनों के माध्यम से साथ लेकर कार्य किया जा रहा है।

प्यारी बहनो और भाइयो,

आप सबको विदित ही है कि लक्षद्वीप में समुद्री शैवाल उद्योग के विकास की अपार संभावनाएं हैं। लक्षद्वीप में समुद्री शैवाल की खेती करने से विदेशी उत्पादों पर निर्भर दवा कंपनियों और होटल उद्योग के आयात बिलों में भारी कमी आ जाएगी और इसके लिए लक्षद्वीप में स्थानीय समुदाय, महिला एसएचजी, द्वीप सहकारी समितियों और निजी उद्यमियों की भागीदारी से प्रयास शुरू किए जा चुके हैं। पाँच वर्ष में लक्षद्वीप भारत की seaweed capital बन सकता है।

ठीक ही कहा गया है कि ज्ञान में निवेश करने के अच्छे परिणाम आते है। इस सिद्धांत के अनुसरण में प्रशासन ने पांच कॉलेज खोले है। केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप द्वारा स्कूली बच्चों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान की गई हैं। देश के अन्य स्थानों की तुलना में लक्षद्वीप में बेहतर शिक्षक-छात्र अनुपात है। मैं, स्कूली शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना करती हूं। जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में परिकल्पना कि गई है छात्रों को व्यावसायिक, रोजगार योग्य और उद्यमशीलता कौशल में सशक्त बनाने के लिए, शिक्षा विभाग द्वारा लक्षद्वीप के स्कूलों में डिजिटल साक्षरता पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं। मुझे विश्वास है कि शिक्षा विभाग के इन प्रयासों से इस द्वीपीय क्षेत्र के बच्चों को अपने सपनों को पूरा करने में मदद मिलेगी।

लक्षद्वीप के बच्चों के बारे में मैं आपको बताना चाहूंगी कि कुमारी मुबस्सिना मोहम्मद ने पिछले साल कुवैत में आयोजित चौथी एशियन यूथ एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दो रजत पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है, यह जानकार मुझे बहुत प्रसन्नता हुई है। उनका चयन अगले महीने उज्बेकिस्तान के ताशकंद में होने वाली पांचवीं एशियाई युवा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए किया गया है।

मुझे जानकारी मिली है कि युवा मामले और खेल मंत्रालय ने अमिनी द्वीप में 'खेलो इंडिया सेंटर' की स्थापना को मंजूरी दे दी है। फुटबॉल को प्रशिक्षण दिए जाने वाले खेल के रूप में चुना गया है और नियमित कोचिंग प्रदान करने के लिए एक फुटबॉल अकादमी की भी यहाँ स्थापना की गई है। मैं आशा करती हूँ कि लक्षद्वीप के नए फुटबॉल खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलें।

प्यारी बहनो और भाइयो,

मुझे यह जानकर बहुत प्रसन्नता हुई कि प्रशासन ने लक्षद्वीप के विभिन्न द्वीपों में पांच अस्पतालों का विकास कार्य शुरू कर दिया है। इससे स्थानीय स्तर पर बुनियादी स्वास्थ्य ढांचे में सुधार होगा और स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं के लिए मुख्य भूमि पर निर्भरता कम हो जाएगी। यह आत्मनिर्भर भारत के अनुसरण में किया जा रहा है।

आज के युग में किसी भी क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए इंटरनेट की सुविधा होना बहुत आवश्यक है। इस बात को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप में एक सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल परियोजना का कार्य पहले ही सौंप दिया है और प्रसन्नता की बात है कि यह कार्य कुछ महीनों के अंदर पूरा हो जाएगा।

चूंकि लक्षद्वीप भौगोलिक रूप से एक अलग जगह स्थित है, इसलिए विद्युत आपूर्ति के मामले पर भी विचार किए जाने की आवश्यकता है। आत्मनिर्भर भारत के अनुरूप ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों का विकास किया जाना चाहिए जिससे इन खूबसूरत द्वीपों के पर्यावरण की रक्षा हो सके और विश्व भी इससे पर्यावरण के अनुकूल विकास करना सीखेगा।

प्यारी बहनो और भाइयो,

मैं यह कहते हुए अपनी बात को विराम देती हूँ कि मैं, लक्षद्वीप की जनता द्वारा गर्मजोशी से किए गए स्वागत और स्नेह के लिए आभारी हूं। इस केंद्रशासित प्रदेश की मेरी इस पहली यात्रा की याद मुझे हमेशा बनी रहेगी। लक्षद्वीप की जनता को मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद, 
जय हिन्द!

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