भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का डिजिटल इंडिया अवार्ड्स 2022 में संबोधन
नई दिल्ली : 07.01.2023
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डिजिटल इंडिया अवार्ड्स के सातवें संस्करण में आपको संबोधित करते हुए मुझे खुशी हो रही है, यह सभी स्तरों पर अभिनव डिजिटल पहलों को प्रोत्साहित करने और सम्मानित करने का एक अवसर है।
डिजिटल इंडिया अवार्ड्स 2022 न केवल सरकारी संस्थाओं बल्कि स्टार्टअप्स को भी डिजिटल इंडिया के विजन को हासिल करने के लिए मान्यता देता, प्रेरित और उत्साहित करता है। ये अवार्ड्स भारत को इस प्रकार डिजिटल रूप से सशक्त समाज बनाने की दिशा में एक कदम है, जहां डिजिटल गवर्नेंस के प्रभावी उपयोग से लोगों की क्षमता को प्रकट किया जाता है।
मैं अपने संबोधनों में इस बात पर जोर देती रही हूं और यहां भी दोहराना चाहती हूं कि भविष्य में बदलाव की गति काफी तेज होगी और इसमें तकनीक का इस्तेमाल होगा। इस संदर्भ में, डिजिटल नवाचारों का प्रमुख उद्देश्य सामाजिक न्याय होना चाहिए। भारत एक ज्ञान अर्थव्यवस्था के रूप में तभी विकसित होगा जब प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से डिजिटल अंतर को काफी हद तक पाट दिया जाएगा।
मुझे विश्वास है कि डिजिटल अंत्योदय की हमारी यात्रा में भारत समाज के कमजोर और हाशिए पर पड़े वर्गों को शामिल करने, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों को मजबूत करने का सही उदाहरण पेश कर रहा है।
देवियो और सज्जनों,
डिजिटल प्रौद्योगिकियों ने सरकार को बहुत कम समय में देश के दूरस्थ भागों तक पहुंचने में सक्षम बनाया है। भारत के डिजिटल परिवर्तन की कहानी नवाचार, कार्यान्वयन और समावेश की कहानी है। दुनिया को अधिक सुगम और न्याय संगत स्थान बनाने के लिए अभिनव समाधान खोजने के लिए सहयोगी मंच तैयार करने की आवश्यकता है।
मैं हमेशा यह कहती रही हूं कि आम आदमी की जिंदगी को आसान बनाने वाली तकनीक को सामाजिक स्तर पर स्वीकार किया जाता है। मेरे अपने अनुभव से, मैंने देखा है कि बमुश्किल साक्षर लोग भी बैंक खातों को संचालित करने और अपने अधिकारों का दावा करने के लिए प्रौद्योगिकी का कुशलता से उपयोग कर रहे हैं। इसी जागरूकता को सुशासन की ताकत बनाया जाना चाहिए।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि डिजिटलीकरण से, सेवा प्रणाली में दक्षता, प्रभावशीलता, पारदर्शिता और जवाबदेही आती है और यह नागरिकों में विश्वास पैदा करता है। भारत ने, सभी नागरिकों को सस्ती डिजिटल सेवा पहुंच प्रदान करने के उद्देश्य से डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने वाली नवीन डिजिटल परियोजनाओं की शुरुआत की है।
महामारी के दौरान, हमारे सक्रिय तकनीकी कार्यक्रमों ने हमें महामारी प्रबंधन में मदद की और महत्वपूर्ण सरकारी सेवाएँ जारी रखना सुनिश्चित किया। इसके परिणामस्वरूप, भारत एक resilient अर्थव्यवस्था और जन-केंद्रित शासन के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए एक महत्वपूर्ण देश के रूप में उभरा है। वास्तव में, इस दिशा में भारत की सफलता, विशेष रूप से महामारी के दौरान, विश्व के लिए अनुकरणीय और लाभकारी रही है। इस प्रकार, डिजिटल इंडिया भी विश्व मंच पर देश की प्रोफाइल को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह अब और भी अधिक प्रासंगिक है क्योंकि भारत जी20 की अध्यक्षता संभाल ली है जोकि मील का पत्थर साबित होगी। यहां उल्लेखनीय बात यह है कि भारत, लोकतंत्र के जनक के रूप में हमारी अंतर्निहित लोकतांत्रिक परंपराओं को और गहरा करने के लिए इन तकनीकी नवाचारों का पर्याप्त उपयोग कर रहा है।
पिछले साल, भारत ने स्वदेशी 5G नेटवर्क सेवाएं भी लॉन्च की हैं जो उच्च डेटा स्पीड, बड़ी संख्या में उपकरणों के लिए विश्वसनीय कनेक्टिविटी प्रदान करती हैं और बहुत बड़े डेटा को बहुत तेज़ी से प्रोसैस करने की क्षमता प्रदान करती हैं। इससे शासन और समाज में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।
देवियो और सज्जनों,
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और इसके संगठन, विशेष रूप से राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी), एक बाधा मुक्त सरकार-नागरिक इंटरफेस प्रदान करने का उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि भारतीय आईटी कंपनियों ने दुनिया को भारतीय प्रतिभा के मूल्य का एहसास दिलाने में उल्लेखनीय काम किया है। सॉफ्टवेयर में अपनी ताकत साबित करने के बाद, भारत को सॉफ्टवेयर उत्पादों का हब बनने का प्रयास करना चाहिए। हमें प्रचलित नीतियों का लाभ उठाना चाहिए और नवीन मेड-इन-इंडिया तकनीकों का निर्माण करके देश को सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर उत्पादों के लिए वैश्विक पावरहाउस के रूप में स्थापित करने के लिए पारिस्थिति की तंत्र स्थापित करना चाहिए।
डेटा नया ज्ञान, अंतर्दृष्टि और इस प्रकार समाधान खोजने की आधारशिला है; और इन डेटा से प्रयोग के नए क्षेत्र खुलते हैं। हमें सरकारी डेटा का औचित्यपूर्ण प्रयोग करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि युवा प्रौद्योगिकी उपयोगकर्ता इसका उपयोग स्थानीयकृत डिजिटल समाधान खोजने के लिए कर सकें।
मुझे यह जानकर खुशी हुई कि डेटा एनालिटिक्स, ब्लॉकचेन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और ड्रोन जैसी नई तकनी कें हमारे जीने के तरीके को काफी हद तक बदलने देंगी। दैनिक जीवन के मामलों के अलावा, ये प्रौद्योगिकियां सार्वजनिक स्वास्थ्य और वित्त के क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन लाएंगी।
मुझे सरकारी संस्थाओं द्वारा जमीनी स्तर पर और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप्स के सहयोग से की गई अभिनव पहलों को देखकर प्रसन्नता हुईहै। हमें सभी नागरिकों के जीवन को आसान बनाने के लिए अभिनव समाधान देने के लिए खुद को तैयार करना होगा, चाहे वह न्यायपालिका हो, भूमि पंजीकरण हो, उर्वरक क्षेत्र हो या सार्वजनिक वितरण प्रणाली हो। इस तरह की कई पहलों ने इस साल आगे बढ़कर सूची में जगह बनाई है।
देवियो और सज्जनों
मैं,डिजिटल इंडिया अवार्ड्स की स्थापना और प्रबंधन और शासन के सभी स्तरों पर डिजिटल इंडिया के उद्देश्य को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और एनआईसी की सराहना करती हूं। मुझे विश्वास है कि डिजिटल इंडिया अवार्ड्स साल दर साल नई ऊंचाइयों को छूते रहेंगे।
हमारे पास वर्ष 2022 के लिए 7 श्रेणियों में 22 डिजिटल इंडिया पुरस्कार विजेता हैं, जिन्होंने जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सकारात्मक बदलाव किए हैं। सभी विजेताओं को मेरी हार्दिक बधाई। नागरिक सशक्तिकरण और डेटा शेयरिंग मंच से लेकर ईज़ ऑफ डूईंग बिजनेस तक, लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए किए गए विविध प्रकार के नवाचारों को देखकर मुझे खुशी हो रही है।
मैं उन सभी को बधाई देती हूं जो देश के आईसीटी –अगुवाई से जुड़ेविकास में भाग ले रहे हैं। मैं, चयन प्रक्रिया के उच्च मानकों को बनाए रखने और श्रेणियों में बेंचमार्क प्रदर्शन को रिवार्ड देने के लिए ज्यूरी सदस्यों की भी सराहना करती हूँ। मैं, सभी प्रतिभागियों को डिजिटल गवर्नेंस के माध्यम से नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के नए तरीके विकसित और तैयार करने के लिए प्रोत्साहित करती हूं। मैं कामना करती हूं कि भारत और उसके नागरिकों की अदम्य भावना जगमग रहे, और हम एक मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए मिलकर काम करते रहें।
धन्यवाद!
जय हिन्द!
जय भारत!