भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का सहायक सचिव कार्यक्रम कर रहे 2021 बैच के आईएएस प्रोबेशनर्स द्वारा मुलाक़ात के अवसर पर संबोधन।
राष्ट्रपति भवन : 25.09.2023
डाउनलोड : भाषण (528.16 किलोबाइट)
आप, देश के सबसे प्रतिष्ठित करियर में प्रवेश पाने में सफल रहे हैं। इसके लिए मैं, आप सब को हार्दिक बधाई देती हूं। मैं, आपके कड़े परिश्रम और ईमानदारी के लिए भी सराहना व्यक्त करती हूं। इन्हीं गुणों से आप वह करियर बना पाए हैं जो बड़ी संख्या में आकांक्षी युवाओं का ‘सपना’ होता है। आप सबको लोगों, विशेषकर वंचित वर्ग की सेवा करने में भी इसी जुनून और उद्देश्य की भावना से कार्य करना होगा।
आपकी सेवा- अधिकार, भूमिका और जिम्मेदारी के मामले में किसी भी अन्य सेवा से भिन्न है। वस्तुतः यह एक सेवा ही नहीं बल्कि एक मिशन है। यह भारत और उसके लोगों को सुशासन के साथ आगे ले जाने का मिशन है। देश और देशवासियों की सेवा करना आप सबकी नियति है। भारत को एक समावेशी और विकसित राष्ट्र बनाना आप सबका सामूहिक लक्ष्य है। आप भाग्यशाली हैं कि आपका करियर लगभग अमृत काल के साथ-साथ चलेगा। इस अमृत काल को प्रत्येक भारतीय के लिए ‘कर्तव्य काल’ के रूप में देखा जा रहा है। इस अवधि में जनसांख्यिकी का एक बड़ा काल-खंड भी शामिल है। आप देश के युवा नागरिकों को विभिन्न क्षेत्रों में उनकी क्षमता का एहसास करने में समर्थ बनाकर एक बड़ा योगदान दे सकते हैं। आपके सामने 2047 के विकसित भारत के निर्माण में योगदान देने का महान लक्ष्य है।
आप अपने करियर के शुरुआती चरण के दौरान जमीनी स्तर पर कार्यपालक के रूप में कार्य करेंगे। आगे चलकर आप नीति निर्माण में भी अपनी भूमिका निभाएंगे। आप सबको अपनी प्रतिबद्धता और रचनात्मकता के माध्यम से देश में परिवर्तन लाने वाले प्रभावी परिवर्तनकर्ता बनना है।
प्यारे युवा अधिकारियों,
मैंने पिछड़े इलाकों में रहने वाले और समाज के वंचित वर्ग के लोगों की कठिनाइयों और समस्याओं को करीब से देखा है। मैंने, कुछ संवेदनशील सिविल सेवकों को भी देखा है जिन्होंने ऐसे लोगों की मदद के लिए अतिरिक्त प्रयास किए। एक संवेदनशील लोक सेवक जिसका दिल गरीबों और वंचितों के लिए धड़के वही एक सच्चा सिविल सेवक है और वह पूर्णतः नौकरशाह नहीं होता है। समाज के वंचित वर्ग के लोगों का उत्थान करना आपके लिए विश्वास का विषय होना चाहिए।
एक समावेशी, प्रगतिशील और संवेदनशील समाज में जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं को अधिक महत्व दिया जाता है। देश नारी सशक्तिकरण और नारी नेतृत्व की और बढ़ रहा है। मुझे बहुत खुशी है कि ऐतिहासिक ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित हो गया है। महिलाएं रूढ़िवादिता और बाधाओं को पार करती जा रही हैं। वे वृद्धि और विकास के सभी पहलुओं में तेजी से बड़ी भूमिका निभा रही हैं। मुझे बताया गया है कि वर्ष 2019 से 2022 के बैच में महिला आईएएस अधिकारियों का प्रतिशत 28 प्रतिशत से 34 प्रतिशत के बीच था। मुझे यह जानकर बहुत खुशी हुई कि 2023 बैच में महिला आईएएस अधिकारियों का प्रतिशत 42 प्रतिशत तक पहुंच गया है। साथ ही, शीर्ष 25 रैंकों में से 14 पदों पर महिलाओं को स्थान मिला है। ये सकारात्मक बदलाव का ताजा-ताजा उदाहरण है। आप सभी को इस ट्रेंड को और गति प्रदान करनी है और हमारे समाज को अधिक से अधिक समावेशी बनाना है।
प्यारे युवा अधिकारियों,
मैंने पाया है कि आपके प्रशिक्षण मॉड्यूल बहुत अच्छी तरह से तैयार किए गए हैं। सुशासन की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने के लिए उनमें परिवर्तन किए जाते रहे हैं। मुझे यकीन है कि आप सभी ने भारत दर्शन का आनंद लिया होगा और इससे बहुत कुछ सीखा होगा। यह ध्यान रखना जरूरी है कि प्रशिक्षण का एक हिस्सा भारत दर्शन है न कि भारत भ्रमण। यह हमारे महान देश की समृद्ध विविधता के बारे में जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से किया जाता है। आपको, महान राष्ट्र की झलकियों पर गर्व होना चाहिए और निरंतर सीखने के माध्यम से अपनी जागरूकता को अधिक गहरा और व्यापक बनाना चाहिए। मुझे बताया गया है कि आपने अभी-अभी केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में सहायक सचिवों के रूप में अपना प्रशिक्षण कार्य शुरू किया है। सहायक सचिवों के रूप में, क्षेत्र में कार्य करने की अपेक्षा, आप लोगों की तुलना में फाइलों पर अधिक कार्य करेंगे। हालाँकि, मेरी अपेक्षा है कि आप हमेशा उन लोगों का ध्यान रखें जो आपके द्वारा किए जाने वाले से कार्यों से प्रभावित होने वाले हैं। आपको ‘फ़ाइल से फ़ील्ड’ और ‘फ़ील्ड से फ़ाइल’ के बीच के संबंध को समझने का प्रयास करना है। इस जन-केंद्रित सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ वे फाइलों के साथ कहीं अधिक सार्थकता से जुड़ पाएंगे।
मुझे यकीन है कि आप अपने वर्तमान प्रशिक्षण मॉड्यूल के दौरान जो राष्ट्रीय स्तर की जो धारणा विकसित करेंगे, वह मसूरी में अपने प्रशिक्षण के दूसरे चरण को पूरा करने के बाद अपने कैडर में वापस जाने पर आपकी बहुत मदद करेगी।
जैसा कि आप सभी जानते ही होंगे कि आजादी से पहले अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा प्रशिक्षण विद्यालय यहां से कुछ किलोमीटर की दूरी पर दिल्ली के मेटकाफ हाउस में होता था। सरदार वल्लभभाई पटेल, हमारी स्वतंत्रता सौंपने के दौरान 1946 में गठित भारत की अंतरिम सरकार में गृह मंत्री थे। सरदार पटेल ने अपनी गहन दूरदृष्टि से स्वतंत्र भारत की सिविल सेवाओं का ब्लू-प्रिंट प्रस्तुत किया। अप्रैल, 1947 में प्रोबेशनर्स से बात करते हुए सरदार पटेल ने नव स्वतंत्र भारत की प्रगति और विकास के लिए काम करने वाले लोक सेवकों के लिए आचार संहिता की रूपरेखा तैयार की। आप जैसे प्रोबेशनर्स 2047 के विकसित भारत का निर्माण करने जा रहे हैं। सरदार पटेल ने 1947 में प्रोबेशनर्स के उस समूह को जो बताया था वह आप सभी के लिए आज भी प्रासंगिक है। मैं आप सबके सामने सरदार पटेल के महान भाषण का अंश उद्धृत करना चाहूंगी ताकि आपको इसका लाभ मिले। सरदार पटेल ने कहा था, ‘आपको इसे एक गौरवशाली विशेषाधिकार मानना चाहिए... अपनी पूरी सेवा के दौरान इसकी गरिमा, अखंडता और भ्रष्टाचाररहित बनाए रखें। अपने कार्य में स्वार्थ को स्थान नहीं दें... आपका सबसे महत्वपूर्ण कार्य होना चाहिए कि समग्र रूप से भारत की भलाई में अधिकतम योगदान कैसे दिया जा सकता है... यदि आप सच्चे सेवा भाव से सेवा करते हैं, तो मुझे विश्वास है, यह आपका सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार होगा।'
मुझे विश्वास है कि सरदार पटेल द्वारा दिए गए इन मार्गदर्शक सिद्धांतों का पालन करके आप सफलता और गौरव का आनंद लेंगे। मैं, आप सब के सफल जीवन की कामना करती हूं।
धन्यवाद!
जय हिन्द!
जय भारत!