भारत की माननीया राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का भारत-सर्बिया बिजनेस फोरम में संबोधन।

बेलग्रेड : 08.06.2023

डाउनलोड : भाषण (112.71 किलोबाइट)

सर्बिया की यात्रा करना और दोनों देशों के व्यापारिक नेताओं से बातचीत करना मेरे लिए सम्मान और सौभाग्य की बात है। सबसे पहले, मैं इस आयोजन के लिए राष्ट्रपति अलेक्सांद्र वुचिच को धन्यवाद देती हूं।

गुटनिरपेक्ष आंदोलन के दिनों से ही भारत और सर्बिया के बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। अब इसे आगे बढ़ाने और हमारे व्यापार और आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने का समय आ गया है।

जैसा कि आप जानते हैं, भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है और आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। यह पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, और इस दशक के अंत से पहले तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। हमने ऑटो और ऑटो-कंपोनेंट क्षेत्र, स्वास्थ्य देखभाल, फार्मास्यूटिकल्स और जैव-प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, कपड़ा और परिधान, अंतरिक्ष, सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, फिनटेक और वित्तीय सेवाओं में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है।

भारत लगातार अपनी डिजिटल क्षमता बढ़ा रहा है। सभी प्रमुख भारतीय शहरों में आईटी पार्क और इलेक्ट्रॉनिक शहर हैं। डिजिटल बुनियादी ढांचे में इस तीव्र वृद्धि से तकनीकी नवाचार के मामले में भारत सबसे आगे पहुँच गया है। चाहे वह मोबाइल और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से दैनिक सेवाओं की उपलब्धता हो या कैशलेस लेनदेन, भारत हर क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन कर रहा है।

भारत में 100 से अधिक यूनिकॉर्न वाला दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम है। वर्ष 2022 में भारत में कुल लगभग 77 बिलियन अमेरिकी डॉलर विदेशी प्रत्यक्ष निवेश किया गया।

मुझे यह जानकर खुशी है कि सर्बियाई अर्थव्यवस्था कोविड महामारी से उबर चुकी है और वर्ष 2022 में विदेशी व्यापार में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मुझे बताया गया है कि वर्ष 2018 के बाद से सर्बिया ने पश्चिमी बाल्कन क्षेत्र द्वारा प्राप्त विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के आधे से अधिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश प्राप्त किया है। सर्बिया को व्यापक यूरोपियन नेटवर्कस से जोड़ने के लिए सड़क और रेल में अच्छा निवेश किया जा रहा है। आपका देश बुद्धिमान और मेहनती लोगों का देश है जो नवाचार और विचारों से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि सर्बिया यूरोप और यूरेशिया में व्यापक बाज़ारों तक पहुंच बनाने के लिए भारतीय कम्पनियों के लिए प्रभावी गेट-वे बन सकता है।

मित्रों,

यह सब भारत-सर्बिया की व्यापार और निवेश की बड़ी क्षमता को इंगित करता है। इसलिए, हमारे पास यह अच्छा अवसर है: और हमें इसका लाभ उठाना चाहिए। हमें अपने पुराने संबंधो को मजबूत करना चाहिए और नए संबंध भी बनाने चाहिए। यह हमारे दोनों देशों के बीच सूचना के अंतराल को समाप्त करने का भी समय है। एक दूसरे की क्षमताओं की बेहतर समझ से हमें अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किफायती वैकल्पिक आपूर्ति स्रोत पता लगाने में मदद मिलेगी। हमें आज की तरह बार-बार व्यापार और व्यावसायिक बातचीत करनी चाहिए।

मुझे यह भी पता चला है कि सर्बिया आपके कार्यबल की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करने के लिए विदेशों में मेहनती और कुशल श्रमिकों और पेशेवरों की तलाश कर रहा है। मुझे विश्वास है कि सर्बिया की प्रगति में भारतीय प्रतिभा एक विश्वसनीय भागीदार बन सकती है।

आज सुबह राष्ट्रपति वुचिच से मेरी सार्थक बैठक हुई। हम दोनों की आर्थिक और व्यापारिक संबंधों सहित सभी क्षेत्रों में अपनी साझेदारी को गहरा करने पर सहमत बनी है। आज इस कमरे में मौजूद उद्यमी हमारे दोनों देशों के बीच गतिशीलता को शक्ति प्रदान कर सकते हैं।

भले ही भारत और सर्बिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्तमान में 320 मिलियन अमेरिकी डॉलर के आसपास है, पर मुझे विश्वास है कि दो-तरफ का व्यापार वर्ष 2030 तक कम से कम 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ सकता है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए आपको भारत में अर्थव्यवस्था के विकास की गति से लाभ उठाना चाहिए। आपके प्रयासों में, मैं आपको भारत सरकार के पूर्ण सहयोग और समर्थन का आश्वासन देती हूं, और आपकी सफलता के लिए शुभकामनाएं देती हूं।

धन्यवाद।

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